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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सम्प्राप्त ११६२ सम्भ्रान्त सम्प्राप्त (वि०) उपलब्ध। (मुनि० ४) सम्भू (वि०) सम्पन्न। (जयो० ३/७६) पूर्ण, समस्त। सम्प्राप्तिः (स्त्री०) [सम्+प्र+आप+क्तिन] ०अभिग्रहण, निष्पत्ति। | सम्भूतिः (स्त्री०) [सम्+भू+क्तिन्] उत्पत्ति, जन्म। प्रतिग्रहण। (सुद०७०) प्राप्ति। (जयो० ११/४) सम्प्रार्थित (वि०) समीरित। (जयो०१२/५१) प्रार्थना युक्त सम्भृत (भू०क०कृ०) [सम्+भृ+क्त] उद्यत, तैयार, अन्वित, __ (सुद०८५) संलग्न। सम्प्रीतिः (स्त्री०) [सम्+प्री+क्तिन्] अनुराग, स्नेह। ०पूरित, भरा हुआ। (जयो० ३/१११) सद्भावना। युक्त, सहित, जुड़ा हुआ। हर्ष, उल्लास, प्रसन्नता। ०लब्ध, अवाप्त। समप्रेक्षणम् (नपुं०) [सम्+प्र+ईक्ष ल्युट्] ०अवेक्षण, ०धृत। (जयो० १८/१०२) अवलोकन। सम्भृतिः (स्त्री०) [समृ+भृ+क्तिन्] संग्रह। विचार करना, गवेषणा करना, चिन्तन करना। उद्यत, तैयारी। मनन करना। सम्भृष्ट (वि०) खण्डित। (सुद० १०३) सम्प्रेरित (वि०) प्रेरित हुआ। (सुद० २/३२) सम्भेदः (पुं०) [सम्+भिद्+घन] संगम, मिलान, मेल। सम्प्रेषः (पुं०) [सम्+प्र+इष्+घञ्] ०भेजना, प्रेषित करना। मिश्रण। सम्प्रोक्षणम् (नपुं०) [सम्+प्र+उ+ल्युट्] प्रमार्जन। सम्भोक्ता (वि०) भोगने वाला। सम्भोक्ता भगवानमेयमहिमा सम्प्लवः (पुं०) [सम्+प्लु+अप्] जल प्रलय, प्लावन, बाढ़। सर्वज्ञचूड़ामणि। (वीरो० १२/५३) सम्फालः (अक०) प्रफुल्लित होना, हर्षित होना। (जयो० सम्भोगः (पं०) सरत. जिनशासन। सम्भोगो जिनशासने इति ३/९३) लोचो मौ| भ्रश्लथचर्मणि च इति विश्वलोचनः' (जयो० सम्फुल्लता (वि०) अत्यंत हर्ष, प्रफुल्लित भाव। (सुद०११४) ८/५१) सम्फेटः (पुं०) क्रोध पूर्ण संघर्ष द्वन्द्व, युद्ध। ०व्यवाय-व्यवाय, सुरतेऽन्तौ इति विश्वलोचने (जयो०वृ० सम्भर्ता (वि०) सम्यक् पालक। (जयो० १२/१४७) २७/१२) सम्भेदः (पुं०) दूर करना। (जयो० ५/१०१) व्यायान् सम्भोगात् योजयति। सम्ब् (सक०) जाना, पहुंचना। रतिरस, मैथुन, सहवास। __०संग्रह करना, संचय करना। आनन्द। सम्बम् (नपुं०) [लम्ब्+अच्] खेत जोतना। संसर्ग (जयो० १२/१२५) सम्बद्ध (भू०क०कृ०) [सम्+बन्ध्+क्त] ०संयुक्त, जुड़ा हुआ। सम्भोजनम् (नपुं०) सामूहिक भोजन। (जयो०८/८) सम्भोजय (सक०) खिलाना, भोजन कराना। सम्भोजयेत् ०अनुरक्त। संग्रथित। (दयो० ५५) सम्भ्रमः (पुं०) [सम्+भ्रम्+घञ्] आतंक, भय, डर। सम्भाष: (पुं०) [सम्+भाष्+घञ्] समालाप, भाषण, वार्तालाप। सम्भाषणम् (नपुं०) वार्तालाप, बातचीत। (मुनि० ७) कथन त्रुटि, भूल। उत्साह। (जयो० १/५) वृत्तान्त, निशम्य सम्भाषणमेतदेष। (समु० ३/१) विक्षोभ, अव्यवस्था। सम्भ्रमित (वि०) हलन चलन युक्त। (जयो० २४/२८) सम्भाषा (स्त्री०) प्रवचन, कथन, विचार, वार्तालाप, आपसी सम्भ्रान्त (भू०क०कृ०) [सम्+भ्रम्+क्त] ०आवर्तित। विचार विमर्श विक्षुब्ध, व्याकुल। सम्भुव (वि०) उत्पन्न हुआ। (सुद० ३/२) ०भ्रमित हुआ। For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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