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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शौक्ल्यजः १०९१ श्याममूर्ति शौक्ल्यजः (पुं०) विशद, स्पष्ट, स्वच्छ। (जयो० १३/६४) शौचं (नपुं०) [शुचेर्भावः अण] स्वच्छता, धवलता, निर्मलता, पवित्रता। शुद्धि। (सम्य० ८४) आचारशुद्धि। शुचेर्भावः कर्म वा शौचम। लोभ निवृत्ति। ०शुचिता। शौचधर्म, दश धर्मों में एक शौचधर्म। लोभ को न बढ़ने देना एवं संतोष धारण। (त०सू०महा० ९/६) शौचकल्पः (पुं०) शुद्धि संस्कार। शौचकूपः (पुं०) शौचालय। शौचगत (वि०) शुचिता को प्राप्त हुआ, पवित्रता को प्राप्त हुआ। शौचजन्य (वि०) पवित्रता युक्त। शौर्य (नपुं०) [शूरस्य भावः ष्यब्] पराक्रम, शूरता, वीरता, धीरता। सामर्थ्य, शक्ति। (जयो० १/१६) विक्रम। (जयो० ६/८) शौर्यप्रशस्तितः (स्त्री०) शूर-वीरता की प्रशंसा। शौर्यप्रशस्तौ लभते कनिष्ठा श्रीचक्रपाणे: स गतः प्रतिष्ठाम्। (जयो० १/१६) शौल्कः (पुं०) [शुल्के तदादानेऽधिकृतः अण] चुंगी अधीक्षक, कराधिकारी। शौल्विकः (पुं०) [शुल्व+ठक्] कसेरा। शौव (वि०) [श्वन्+अण] कुक्कुर सम्बंधी। शौवं (नपुं०) कुत्तों का झुण्ड। श्वान संतति। शौष्कलः (पुं०) मांस भक्षी, मांसजीवी। श्च्युत् (सक०) टपकना, रिसना, बहना, चूना। ____०उड़ेलना, फैलाना, बखेरना। श्च्योतः (पुं०) रिसना, बहना। श्मशानं (नपुं०) [श्मानः शया शेरतेऽत्र+शी+आनच्, डिच्च, अथवा श्मन् शब्देन शवः प्रोक्तः तस्य शानं शंयनम्] शवस्थान, मशान, शवदाहस्थान, मारघट। (सुद० ९८) (दयो०२/९) 'शून्यागार-गुहा-श्मशान-निलयप्राये प्रतीतो मुदा' (मुनि० श्मशानगत (वि०) मसान को प्राप्त हुआ। श्मशानकुक्करः (पुं०) श्मशान का कुत्ता। श्मशाननिवासिन् (पुं०) भूत-प्रेत। श्मशानभाज् (वि०) शिव, महादेव। श्मशानभूमिः (स्त्री०) मसान स्थल, शवस्थान दाहगृह। श्मशानवर्तिन् (पुं०) भूत-प्रेत। श्मशानवासिन् (पुं०) शिव, महादेव। श्मशानवेश्मन् (पुं०) शिव। भूत-प्रेत। श्मशानवैराग्यं (नपुं०) क्षणिक विरक्ति, अस्थाई वैराग्य, व्याकुलता युक्त विराग। श्मश्रु (नपुं०) दाढ़ी, मूंछ। कूर्चतति। (वीरो० १/३४) श्मश्रुप्रवृद्धिः (स्त्री०) दाढ़ा का बढ़ना। श्मश्रुमुखी (वि०) दाढ़ी-मूंछ वाली स्त्री। श्मश्रुल (वि०) [श्मश्रु+लच्] दाढ़ी मूंछ वाला। श्मील् (सक०) आंख झपकना, आंख मारना, पलक झपकना। श्मीलनं (नपुं०) [श्मील+ल्युट] पलक झपकना, आंख बंद होना, झपकी लगना। श्यान (भू०क०कृ०) [श्यै+क्त] गया हुआ, जमा हुआ। पिण्डीभूत, धनीभूत। चिपगना। ०सूखा हुआ, म्लान। श्याम (वि०) [श्यै+मक्] काला, कृष्ण, गहरा, नीला, काले रंग का। ०भूरा, गहरा रंग। श्यामः (पुं०) मेघ, बादल। ०कोयल। श्याम (नपुं०) समुद्रा नमक। काली मिर्च। श्यामकण्ठः (पुं०) शिव, नीलकण्ठ। श्यामकर्णः (पुं०) अश्वमेघ यज्ञ के उपयुक्त घोड़ा। श्यामकल्याणरागः (पुं०) एक छन्द की लय। जिनप परियामो मोदं तव मुख भासा। खिन्ना यदिव सहजकद्विधिना, नि:स्वजनी निधिना सा।' (सुद०७४) श्यामपत्रः (पुं०) तमालवृक्ष। श्यामभास् (वि०) चमक युक्त कालिम्प। श्याममुखत्व (वि०) कृष्ण मुख वाला। (वीरो० ६/७) श्याममूर्ति (स्त्री०) कृष्ण छवि, कृष्ण प्रतिबिम्ब। (दयो० २६) २९) श्मशानगोचर (वि०) मसान में घूमने वाला। For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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