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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व्रीहिकाञ्चनं १०४४ शकलित व्रीहिकाशनं (नपुं०) मसूर की दाल। व्रीहिराजिकं (नपुं०) चना। बुड् (सक०) ढकना, आच्छादित करना। डूबना, संचय करना। ब्ली (सक०) जाना, पहुंचना। ब्लेक्ष् (सक०) देखना। शः (पुं०) यह उष्म ध्वनि है, इसका उच्चारण स्थान तालु है, इसलिए इसे तालव्यी 'श' कहते हैं। श: (पुं०) शिव, महादेव। शस्त्र। ०काटने वाला, कतरने वाला विनाशक। शं (नपुं०) आनन्द, हर्ष, कल्याण, मंगल। 'शं हिंसामटतीति शाटी वधकर्ची' (जयो०० ३/३९) 'शमानन्दमटतीति शाटी शर्मसम्पन्नेत्यर्थः' (जयो०७०३/३९) शस्य, प्रशंसनीय। (नास्ति दया तव शस्य) (सुद०९४) सुख स्थान। (जयो०१२/१०८) शान्ति। (जयो०० ३/८७) 'शं शान्तिं पातीति शम्पा' (जयोवृ०३/८७) सुख, शान्ति (जयो० १५/४१) (जयो० १८/४८) शंयु (वि०) [शं शुभं अस्त्यस्य-शम्+युस] प्रसन्न, समृद्ध, सुख, आनन्द। शंवः (पुं०) [शम्+व] आनन्द, कल्याण, प्रसन्न, हर्ष। ०इन्द्र वज्र। शंस् (सक०) प्रशंसा करना, स्तुति करना। कहना, बोलना, अभिव्यक्ति करना। संकेत करना, जताना। प्रशंसा करना। (जयो० २/१५८) ०क्षति पहुंचाना, चोट करना। विवरण देना, वर्णन करना। अनुमोदन करना, सराहना करना। शंस (वि०) श्रद्धायुक्त। (जयोc २/१०६) शंसनं (नपुं०) [शंस ल्युट] प्रशंसा करना, कथन, निरूपण. प्रतिपादन। पाठ करना। शंसा (स्त्री०) श्लाघा. प्रशंसा। (समु० १/४) ०अभिलाषा. इच्छा, आशा, चाह। दोहराना, वर्णन करना, विवेचन करना। शंसित (भू०क०कृ०) [शंस्+क्त] ०श्लाघित, प्रशंसित। ०अभिलषित, इच्छित, वाञ्छित। ०कथित, प्रतिपादित. विवेचित। निश्चित, निर्धारित, निरूपित, स्थापित. नियुक्त। ०बोला गया, कहा गया। उक्त, घोषित। शंसिन् (वि०) [शंस्+इनि] ०श्लाघा करने वाला, प्रशंसा करने वाला। घोषित, निरूपित, प्रतिपादित। ०कथित, भाषित। संकेतित, सूचित करने वाला। शक् (अक०) सक्षम होना, समर्थ होना, योग्य होना, सम्भव होना। शक्यते (जयो० २/५८) शक्नोति (सुद० ९४) ०सहन करना, सहना, अमल करना। शकः (पुं०) [शक्+अच्] एक राजा। ०शक संवत्। शकटः (पुं०) गाड़ी, छकड़ा, भारी बोझ ले जाने में समर्थ। (जयो०१० १३/३४) शकटः (पुं०) सैनिक व्यूह, सैन्य रचना। एक तौल विशेष। ०एक राक्षस। शकटकर्मन् (पुं०) गाड़ी चलाकर जीविका चलाना। शकटाङ्गं (नपुं०) चक्रवाक पक्षी। (जयो० १०/८) शकटजीविका (स्त्री०) गाड़ी बनाकर जीविका चलाना। शकटिका (स्त्री०) [शकट ङीष् कन्+टाप्] छोटी गाड़ी, बाल गाड़ी, मृच्छकटिका, मिट्टी की गाड़ी। शकटी (स्त्री०) गाड़ी। (जयो०वृ० ११/९०) शकन् (नपुं०) मल, विष्ठा, गोबर। शकनार्थनामधर शकनाभिमान (वि०) शक्ति का अभिमान करने वाला, सामर्थ्य का अहंकारी। (जयो०७० २४/८६) तत्याज शक्रः शकनाभिमानं पुनीत यावत्तव कीर्तिगानम्। (जयो० २४/८६) शकनस्याभिमानं शक्रोऽपि शकनार्थनामधरोऽपि' (जयो०१० २४।८६) शकलः (पुं०) [शक्+कलक्] भाग, अंश, खण्ड। (जयो० ६/२५) हिस्सा, टुकड़ा। परत, छिलका। शकलित (वि.) [शकल-इतच] खण्ड-खण्ड किया हुआ। For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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