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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विमर्दक ९९० विमुख ***"1*11* * उपटन लगाना। जलधिं विमानं निधूमवह्निं च न तद्विदा नः। (सुद० २/३४) * संग्राम युद्ध लड़ाई। * व्योमयान, आकाशगामी यान। (जयो० २०/७१) * विनाश, उजाड़। 'विशेषणात्मस्थान सुकृतिनो मानयन्तीति विमानानि' * ग्रहण, संयोग, मेल। (स०सि०४/१६) विमर्दक (वि०) पीसने वाला, चूर्ण करने वाला। * सौधर्मादि कल्पों के देवों के विमान। * मर्दन करने वाला, मसलने वाला। विमानगत (वि०) मान रहित हुआ। * अहंकार परिशून्य। विमर्दकः (पुं०) सूर्य ग्रहण, चन्द्रग्रहण। __* विमान/यान को प्राप्त हुआ। विमर्दनं (नपुं०) [वि+मृद्+ल्युट्] कसना। (दयो० ३२) विमानजः (पुं०) वैमानिक देव। * कुचलना, मसलना, रगड़ना। विमानदर्शनं (नपुं०) विमान देखना। (भक्ति० ३५) * रौंदना, मर्दन करना। विमानदीप्ति (स्त्री०) यान की प्रभा। * नशन। (जयो० २७/१३) विमानता (स्त्री०) अनादर, अपनाम। * उपटन लगाना, चुपड़ना। विमानप्रस्तारः (पुं०) प्रकीर्णक नामक विमान। विमर्शः (पुं०) [वि+म+घञ्] * विचार, विचारविनिमय। विमानभूमि (स्त्री०) समवसरण स्थान। (वीरो० १३/२७) * अधीरता, असहिष्णुता। विमानवत् (वि०) विमान की तरह। (सुद० २/३९) * असंतोष, अप्रसन्नता। विमानसुयानं (नपुं०) गमन साधन। (जयो० ५/५८) विमर्षणं (नपुं०) रोष में आना, असंतुष्ट होना। विमानारुढं (पुं०) विमान में स्थित। विमर्षणः (पुं०) विमर्षण नामक मनुष्य। विमानिता (वि०) व्योमयानिता। विमल (वि०) [विगतो मलो यस्मात्] विगतोमलो विमल:- * मानरहिता। (जयो० ९) * निर्मल, स्वच्छ, धवल, शुभ्र। विगतो विनष्ये मलो यस्य विमानिनीय (वि०) मानरहित। (जयो० २९/७९) * उज्ज्वल, कान्तिमय। विमानिसमूहः (पुं०) मानहीनता, स्वाभिमानरहित-'विमानेन विमलं (नपुं०) * कलई, सफेदी, तालक, छुई। * सेलखड़ी, गमनशीलानां विमानानि स्वर्गिगामपि समूहः' (जयो०वृ० चूना, खडिया मिट्टी। ५/१८) विमलः (पुं०) विमलनाथ तीर्थंकर। तेरहवें तीर्थंकर का नाम। विमार्गः (पुं०) [विरुद्धो मार्गः] * कुपथ, दुराचरण, विरुद्ध मार्ग। (भक्ति० १९) विमार्गगामिन् (वि०) दुराचरण पर चलने वाला। * विमल नामक योगीश्वर। (सुद० ११४) विमार्गचारिन् (वि०) सदाचरण से रहित मार्ग का अनुगामी। जिनेश्वरस्याभिषवं सुदर्शन: प्रसाध्य पूजां स्तवनं दयाधनः। । विमार्गणं (नपुं०) [वि+मार्ग ल्युट्] * ढूंढना, खोजना, तलाश अथात्र नाम्ना विमलस्य वाहनः, ददर्श योगीश्वरमात्मसाधनम्।। करना। (सुद० ११४) विमिश्रित (वि०) [वि+मिश्र+अच्] * संयुक्त, मिला हुआ, विमलधी (स्त्री०) निर्मल, बुद्धि। * धवल मति। स्पर्शित किया गया। विमलनाथः (पुं०) तीर्थंकर विमलनाथ, तेरहवें तीर्थंकर का नाम। * एकमेक किया गया। विमलवाहनः (पुं०) विमलवाहन नामक योगीश्वर। (सुद०११४) विमुक्त (भू०क०कृ०) [वि+मुच्+क्त] * परित्यक्त, छोड़ा विमलशील (वि०) निर्मलाचार युक्त। (जयो० ७/७७) गया, त्यागा गया। (जयो० ५/५) विमला (स्त्री०) एक व्यभिचारिण स्त्री। (वीरो० १७/५७) * स्वतंत्र, स्वाधीन। विमातृ (स्त्री०) [विरुद्धा माता] सौतेली मां। * बंधन मुक्त, अपराध मुक्त किया गया। विमातृजः (पुं०) सौतेली मां का पुत्र। विमुक्तिः (स्त्री०) [वि+मुच+क्तिन्] * मुक्ति, मोक्ष, निर्वाण। विमान (वि०) मान रहित, अहंकार विहीन। (सुद० ७३) _ * वियोग, विछोह, छूटना। ___अभिलषितं वरमाप्तवान् लोकः किन्न विमान। (सुद०७३) - विमुख (वि०) [विरुद्धमननुकूलं मुखं यस्य] * पराङ्मुख, विमानः (वि०) विमान, देवयान। (सुद० २/३९) मेरुं सुरर्बु विरुद्ध। * अननुकूल, * स्वभाव से विपरीत। For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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