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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विज् ९६९ विजितं विज् (अक०) विक्षुब्ध होना, कांपना, डरना। दुःखी होना, कष्ट ग्रस्त होना। विजन (वि०) [वि गतो जनो यस्मात्] एकाकी, अकेला, सेवानिवृत्त। विजनं (नपुं०) एकान्त स्थान, सुनसान शून्य स्थान। (जयो० १३/६५) (वीरो० २१/२०) निर्जन। (जयो० २५/८६) विजनं स विरक्तात्मा गत्वाऽप्यविजनाकुलम्' (वीरो० १०/२४) विजननं (नपुं०) [वि+जन् ल्युट्] जन्म, प्रसव, प्रसूति, उत्पत्ति। विजन्मन् (वि०) [विरुद्धं जन्म यस्य] विरुद्ध उत्पन्न होने वाला। विजातीय उत्पत्ति वाला। विजपिल (नपुं०) [विज्+क, पिल+क] पंक, कीचड़, मल। गारा। विजयः (पुं०) [वि+जि+घञ्] ०जीतना, हराना, परास्त करना। जीत, फतह, जय यात्रा। •पोदनपुरी के राजा प्रजापति एवं रानी जया का पुत्र। विशाख भूतिर्नभसोऽत्र जातः प्रजापतेः श्री विजयो जयातः। मृगावतीतस्तनयस्त्रिपृष्ठनाम्नाऽप्यहं पोदनपुर्यथातः। (वीरो० ११/१७) विजयकरणं (नपुं०) शास्त्रार्थ विषय। (जयो०३० २२।८६) विजयकुंजरः (पुं०) लड़ाई का हाथी, जय हस्ति। विजगीषु (वि०) जीतने की इच्छा वाला। (जयो० १९/१६) विजयछन्दः (पुं०) एक हार विशेष। विजयडिडिमः (पुं०) सेना का विशाल ढोल। विजयता (वि०) विजय प्राप्त होने वाला। (सम्य० १५४) विजयशील। (वीरो०१६/३०) विजयंतः (पुं०) इन्द्र। विजयनं (नपुं०) जय, जीत, विजय। (जयो० ७/१) विजयनगर (नपुं०) एक नगर विशेष। विजया (स्त्री०) मौर्यपुत्र की माता, सातवें गणधर की माता, जय नामक तीसरी तिथि। (जयो०वृ०८/८८) मण्डिक गणधर की माता। पिताऽस्य नाम्ना धनदेव आसीत् ख्याता च माता विजया शभाशीः। (वीरो०१४/७) विजयान्वित (वि०) जयेनान्वित, जय से पूर्ण हुआ। (जयो० ८८८९) विजयार्द्धः (पुं०) विजयार्द्ध पर्वत। (जयो०७० २३/५) विजयिन् (पुं०) [वि+जि+इनि] विजेता, जीतने वाला। (सुद० १३०) विजयिनी (वि०) जयकारिणी। (जयो० १८/५२) विजरं (नपुं०) [विगता जरा यस्मात्] वृक्ष का तना। विजरति (वि०) अतिवृद्धा (जयो० ३/५३) विजरत् (वि०) ज्वाला, लौ। (जयो० १३/५०) विजल्पः (पुं०) [वि+जल्प+घञ्] ऊट-पटांग, मूर्खतापूर्ण बात, मुखरी वचन। व्यर्थ प्रलाप, विद्वेषपूर्ण भाषण। विजल्पित (भू०क०कृ०) [वि+जल्प+क्त] ०कथित, प्रतिपादित, निरूपित। भाषित, कही गई बात। विजात (भू०क०कृ०) [विरुद्धं जातं जन्म यस्य] नीच कुलोत्पन्न, वर्णसंकर। उत्पन्न हुआ, जन्म को प्राप्त हुआ। विजातिः (स्त्री०) [विभिन्ना जाति] भिन्न प्रकार की जाति, विषम, असमान। भिन्नवर्ण। अन्य जन्म में उत्पत्ति। विजातीय (वि०) असमान, विषम, अन्य जाति वाला। विजिगीष (वि०) [वि+जि+सन+3] जीत का इच्छक, विजय की इच्छा वाला। नीति एवं पराक्रम की इच्छा वाला। ०योद्धा, शूरवीर। प्रतिद्वन्द्वी, प्रतिपक्षी। विजिगुषुकथा (स्त्री०) जय-पराजय संबंधी कथा। विजिज्ञासा (स्त्री०) [विज्ञा+सन्+आ] स्पष्ट जानने की दुर्गा। विजित (सक०) जीतना, विजय प्राप्त करना, परास्त करना, हटाना। 'दैवं किन्तु निहत्य यो विजयते तस्यात्र संहारकः'। (वीरो० १६/३०) विजित (भू०क०कृ०) जीता हुआ, विजय को प्राप्त हुआ, हराने वाला, पराजित, निषेध (जयो० २/१२७) जितेन्द्रिय। विजयादशमी-दशहरा। विजयोत्सव। For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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