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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra कुलत्थः कुलत्थ: (पुं०) कुलथी, दाल विशेष । कुलतिलकः (पुं०) वंश यश, कुल कीर्ति कुलदीप (पुं०) श्रेष्ठिकुल के दीपका 'कुलदीपयश प्रकाशिते' (सुद० ३/११) कुलदुहित् (स्त्री०) कुलीनकन्या, योग्य पुत्री। कुलधर (वि०) कुलधारक, ०कुलकर। कुलधरः (पुं०) कुलकर मनु । प्रतिधुत आदि । कुलदेवता ( पुं०) कुल परम्परा का देव, जिनदेव। (जयो० वृ० १२/९) कुलन्धर (वि० ) [ कुल +धृ+खच्] कुल/परंपरा स्थापित करने वाला। कुलधर्म: (पुं०) कुल परम्परा । कुलधारक (वि०) कुल को धारण करने वाला। कुलधारक: (पुं०) पुत्र । कुलधूर्य: (पुं०.) कुल का आधार, वयस्क पुत्र । कुलनन्दन: (पुं०) पुत्र, सुपुत्र । कुलनन्दन (वि०) कुल को आनन्दित करने वाला। कुलनायिका (स्त्री०) कुलीन स्त्री । कुलनारी (स्त्री०) कुलीन स्त्री । कुलपरम्परा (स्त्री०) वंश परम्परा । www.kobatirth.org कुलपति: (पुं०) कुल प्रमुख, प्रधान, कुल पालक, कुलरक्षक । कुलपरिभाषा (स्त्री०) कुलरीति । । कुलपांसुका (स्त्री०) कुलटा स्त्री, व्यभिचारिणी । कुलपादपः (पुं) महीर, बांस का वृक्ष (जयो० २५/३०) कुलपालनार्थ (वि०) कुल के पालन हेतु । (दयो० १०) कुलपालिः (स्त्री० ) सती स्त्री । कुलपालिका (स्त्री०) कुलरीति पालक स्त्री, सती। कुलपुत्रः (पुं०) कुलीन सुत, अच्छे कुल का पुत्र । कुलपुत्री (स्त्री०) श्रेष्ठपुत्री, कुलीन पुत्री। कुलपुरुषः (पुं०) कुलीन पुरुष, उत्तमजन सम्माननीय व्यक्ति कुलपूर्वक (पुं०) पूर्व पुरुष, पुराण पुरुष कुलप्रवर्तकः (पुं०) मनु, कुलकर। (जयो० वृ० १२ / ८४) कुलवधू (स्त्री०) कुलीन स्त्री कुलीन भार्या (वीरो० २ / २७) कुलबाला (स्त्री०) कुलीन बालिका । कुलभूषणः (पुं०) मुनि नाम (वीरो० १५/३०) (सुद० ८७) कुलभूषण नामक श्रमणी । कुलभृत (वि०) कुल धारक कुलीन को आनन्द देने वाला। 'कुलभूतां' 'कुलीनानां नन्दनमानन्ददायकः' (जयो० वृ० ९/५१ ) > ३०२ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कुलानुसारिन् कुलभृत्या ( स्त्री०) गर्भिणी स्त्री की परिचर्या । कुलमर्यादा (स्त्री०) कुल की प्रतिष्ठा कुल का सम्मान । कुलमार्ग: (पुं०) कुल परम्परा, वंश रीति । कुलमात्मगात्रं (नपुं०) कुल परिवार का हिस्सा। (सुद० ११७) कुलयोषित् (स्त्री०) कुलीन स्त्री। (वीरो० १७/२ ) कुलवधू (स्त्री०) कुलीन स्त्रो, सदाचरणशीला नारी। कुलविद्या (स्त्री०) परम्परागत ज्ञान, क्रमागत ज्ञान। शिष्य परम्परागत विद्या । कुलविप्र: (पुं०) कुल पुरोहित । कुलवृद्ध : (पुं०) परिवार का अनुभवी व्यक्ति। कुलव्रत: (पुं०) प्रतिज्ञा । कुलश्रेष्ठिन् (पुं०) अग्रणी, प्रमुख, मुखिया, प्रधान वंश का आदरपात्र । कुलशाली (वि०) कुलीनता युक्त (जयो० ५० १/८२) कुलसंख्या (स्त्री०) परम्परा की प्रतिष्ठा कुल की परम्परा । कुलसन्ततिः (स्त्रो०) वंश परम्परा, वंशगत स कुलसंभव (वि०) प्रतिष्ठित कुल में उत्पन्न । कुलसेवक : (पुं०) परिचायक, उत्तम सेवक, अच्छा सेवक। कुलस्वी (स्त्री०) प्रतिष्ठित स्त्री कुलगृहिणी कुलस्वामिनी, मालकिन (दयो० कुलस्थितिः (स्त्री०) कुल समृद्धि, वंश की विशेषता। कुलाकुल (वि०) कुल की व्याकुलता युक्त। कुलाङ्गना (स्त्री०) कुलीन स्त्री सदाचारिणी नारी । कुलाङ्गारः (पुं०) कुलनाशक । , कुलाग्रणी (वि०) कुलीन, शिरोमण, अग्रणी वंश का त व्यक्ति जयकुमार कुलस्य कल्पानि तानूकुलानवाप निष्पापतया कुलाग्रणी (जयो० २४/१२) कुलाचल: (पुं०) पर्वत, गिरि । (जयो० २४/१२) कुलाचारः (पुं०) कुल परम्परा, वंश विधान परिवार की परम्परा । * रीति-रिवाज, कुल व्यवस्था। कुलाचार्य: (पुं०) कुल का मुखिया, कुल का पुरोहित। * संघ का आचार्य, संघ शिरोमणि । कुलानुकूलाचरणं (नपुं०) कुल के अनुसार आचरण वंशानुगत आचार। (जयो० वृ० १/४० ) For Private and Personal Use Only कुलानुसारिन् (वि०) कुल का अनुसारी, परम्परा का निर्वाहक। (समु० ६/४) कुलक्रम के अनुसार शीलान्त्रता सम्प्रति यत्र नारी शीलं सुसन्तान कुलानुसारि (समु० ६(४)
SR No.020129
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages438
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size14 MB
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