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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नंदे नंदक नंदक-संज्ञा, पु० (सं० ) श्री कृष्ण जी की नंदलाल-संज्ञा, पु० यौ० (सं० नंद+ हि० तलवार । "प्रत्यर्थमुद्देज यता परेषां नानापि लाल = पुत्र ) नंद के पुत्र श्रीकृष्ण जी । तस्यैव स नंदकोऽभूत् "--माय० । वि० नँदवा--संज्ञा, पु० (दे०) मिट्टी का एक पात्र। आनंददायक, कुल या वंश का पालक, नंदा-संज्ञा, स्त्री० (सं०) दुर्गा, गौरी, देवी, संतोष-प्रद। एक तरह की कामधेनु, बालग्रह, संपति, नंदकिशोर--संज्ञा, पु० यौ० (सं०) श्रीकृष्ण | ननँद, प्रसन्नता । वि० (सं०) आनंद देने जी। "बिना भक्ति में नहीं तुलसी वाली, शुभदा। नंदकिशोर"। नंदि-संज्ञा, पु० (सं०) प्रानन्द, श्रानन्दमय. नंदकी-संज्ञा, स्त्री० सं०) विष्णु भगवान । परमेश्वर शिव का बैल नंदी नोंदिया (दे०)। नंदकुमार-संज्ञा, पु. 2. (सं०) श्री कृष्ण यौ० नंदीश्वर ।। एक बंगाली ब्राह्मण, जो लार्ड क्लाइब के नंदिकेश्वर-संज्ञा पु० यौ० ( सं० ) शिव जी मंशी थे, जिन्हें लार्ड वारिनहेस्टिंगज़ ने फाँसी का बैल, नंदी, एक पुराण । दिला दी थी ( इति.)। नंदिघोष--संज्ञा, पु० यौ० (सं०) अर्जुन का नंदगाँव-संज्ञा, पु० यौ० (सं० नंदग्राम ) | स्थ, वंदिजनों की घोषणा । वृन्दावन के पास एक गाँव है जहाँ नंद जी। नंदित-- वि० (सं०) सुखी, प्रसन्न, आनंदित, रहते थे। नंदग्राम---संज्ञा, पु० यौ० (सं०) नंदगाँव, | 8- वि० (हि. नादना ) बाजता हुआ। नंदिग्राम जो अयोध्या के पास है जहाँ भरत नंदिन* --संज्ञा. स्रो० (सं० नंद =बेटा) बेटी। जी ने तप किया था। नंदिनो-संज्ञा, स्त्री० (सं०) लड़की, बेटी, रेणुक नामक औषधि, उमा, गंगा ननँद. नंद-नंदन-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) श्रीकृष्ण । | नंद-नंदिनी-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं० ) योग दुर्गा, एक छंद, (पिं०) कलहंस, सिंहनाद, माया, देवी। वशिष्ठ की कामधेनु, पत्नी। " वसिष्ट-धेनुश्च नंदन --- संज्ञा, पु० (सं०) इन्द्र की पुष्प-वाटिका यदृच्छयागता, श्रुतप्रभावा ददृशेऽथनंदिनी' देवोपवन, एक विष, शिव, विष्णु, लड़का, पुत्र, एक हथियार, बादल, एक छंद नादवद्धन-सज्ञा, पु० या० (स०) शिव जी, (पिं.)। वि० प्रसन्न या हर्षित करने वाला, पुत्र, लड़का, बेटा, मित्र, प्राचीन विमान । श्रानंद-दायक । .. पुरीमवस्कन्द लुनीहि वि० ( सं० ) अानन्द बढ़ाने वाला। नंदनं "--माघ । नंदी-संज्ञा, पु. ( सं० नंदिन् ) धव, वरगद, नंदन वन-संज्ञा, पु० यो० (सं.) इन्द्र की शिव-गण, बैल, साँड़, विष्णु । वि० (सं०) पुष्प-वाटिका। पाननंदयुक्त, प्रसन्न । नंदना--स. क्रि० अ० दे० (सं० नंद ) प्रसन्न नंदीगण-संज्ञा, पु० यौ० (हि. नंदी+ गण) होना या करना । संज्ञा, स्त्री. ( सं० नंद = / शिव के द्वारपाल, शिव का बैल, साँड़ । बेटा ) बेटी, पुत्री, कन्या । " भीमनरेन्द्र नंदीमुख- संज्ञा, पु० यौ० दे० (सं० नांदीनंदना"-नैष०। मुख जात-कर्म, श्राद्ध विशेष । नंदनी-संज्ञा, स्त्री० (सं० नंदिनी ) कन्या, नंदीश्वर--संज्ञा, पु० यौ० ( सं०) शिवजी लड़की. पुत्री। का एक गण। नंदरानी-संज्ञा, स्त्री० यौ० ( सं० नंद -हि. | नंदेऊ -संज्ञा, पु० दे० (हि. नंदोई ) रानी)नंद की पत्नी, यशोदा । । नंदोई, स्वामी का बहनोई, ननँद का पति। For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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