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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org दशांगुल दशांगुल - वि० यौ० (सं०) दश अंगुल की नाप, खरबूजा, हँगरा, हृदय । • तत्तिष्ठति दशांगुलम् ” – यजुर्वेद ० | दशांश - दशमांश - संज्ञा, ५० यौ० (सं० ) दसवाँ भाग या खंड । दशा - संज्ञा, स्त्री० (सं० ) स्थिति, हालत, अवस्था, दसा (दे० ) | दशानन - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) रावण, दसानन (दे० ) । उहाँ दसानन कहत रिसाई " - रामा० । " दशार्ण - संज्ञा, पु० यौ० (सं० दश + ऋण = दुर्ग या किला ) मालवा का पश्चिमी भाग. राजधानी, विदिशा, जहाँ दशार्णा या धसान नदी है । इस देश का राजा या निवासी, दश अक्षरों का एक मन्त्र ( तंत्र० ) । दशार्णा - संज्ञा, स्त्री० (सं० ) धसान नदी ( मालवा ) । ८८४ दशावतार - संज्ञा, पु० यौ० ( सं० ) विष्णु के दश अवतार राम, कृष्ण आदि । दशाविपाक - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) दुख दसी - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० दशा) छीर, कपड़े के छोर का सूत, चिन्ह, पता । दसौंखा -- संज्ञा, पु० (दे० ) पंखा झलना । दसौंद्वार - संज्ञा, पु० दे० ० (सं० दशद्वार ) मनुष्य का दश मार्ग वाला शरीर । दस द्वारे का पींजरा, तामैं पंक्षी पौन" - कबीर | विजया दशमी के पीछे का समय । "( दशाह - संज्ञा, पु० (सं० ) बुद्ध, यदु-देश, दसौंधी - संज्ञा, पु० यौ० (सं० + दास ·+ बंदी यदु-देश-वासी । भाट) बंदियों की एक जाति, ब्रह्मभट्ट, भाट । दस्तंदाज़ी - संज्ञा, स्त्री० ( फा० ) हस्तक्षेप । दस्त-संज्ञा, पु० ( फ़ा० ) हाथ, पतला पाखाना, विरेचन । की अंतिम दशा । दशाश्व - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) चंद्रमा, शशि । दशाश्वमेध - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) दश अश्वमेध यज्ञ, एक यज्ञ । दशास्य - संज्ञा, पु० (सं० ) रावण । दशाह - संज्ञा, पु० (सं० ) मृतक - संस्कार के दश दिन, दश दिन साध्य कर्म । दशाहीन - वि० ० १ (सं०) दुर्भाग्य, दुर्गत, I दुरवस्था, दुरवस्थापन्न । दशीला - वि० (दे०) सुभाग्य, सुखी । दस - वि० दे० (सं०दश) पाँच की दूनी संख्या । दसखत :- संज्ञा, पु० दे० ( फा० दस्तख़त ) दस्तखत, हस्ताक्षर | दसन* - संज्ञा, पु० दे० (सं० दशन ) दाँत | 46 दसन गहौ तिन कंठ कुठारी" - रामा० । दसना - अ० क्रि० दे० (हि० डासना ) बिछना, Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस्तरखान फैलना | स० क्रि० बिछाना, फैलाना । संज्ञा, पु० (ग्रा० ) बिस्तर, बिछौना, दसौना (ग्रा० ) । दसमाथ* --- संज्ञा, पु० दे० यौ० ( हि० दस + माथ ) रावण दसभाल । दसमी -- संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० दशम ) प्रति पक्ष की दसवीं तिथि । दसा - संज्ञा, स्रो० दे० ( सं० दशा ) हालत, यवस्था । दसारन - संज्ञा, पु० दे० (सं० दशार्ण ) दशार्णा देश (प्राचीन) । दस्तक -संज्ञा, स्त्री० ( फा० ) थप्पड़ मारना, ताकीद करना, कुंडी खटकाना, कर उसूल करने का श्राज्ञा-पत्र, परवाना (ग्रा० ) दस्तखत | दस्तकार - संज्ञा, पु० ( फ़ा० ) शिल्पकार, कारीगर | दस्तकारी -संज्ञा, स्त्री० ( फा० ) शिल्प, कारीगरी, कलाकौशल 1 दस्तखत - संज्ञा, पु० ( फ़ा० ) हस्ताक्षर । दसखत (दे० ) । दस्तबरदार - वि० ( फ़ा० ) जो किसी चीज़ से अपना अधिकार उठा ले, त्यागी । दस्तयाब - वि० ( फा० ) प्राप्त, मिलनाना, हस्तगत । दस्तरखान - संज्ञा, पु० ( फ़ा० ) भोजन रखने का चादर या बरतन । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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