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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - तोड़वाई-तुड़वाई ८५२ तोप्यो तोड़ा, कड़ा, कंकन । “ नौ गिरही तोड़ा जाना-सिटपिटा या घबरा जाना । तोते पहिरावौं'-पद। की तरह आँखें फेरना या बदलनातोड़वाई-तुड़वाई-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० । बहुत बेमुशैवतीकरना । तोता पालनातोड़ना ) तोड़ने का भाव, सिक्का भुनाना, ! किसी ऐब या अवगुण, अथवा रोग या तोड़ने की मजदूरी या काम, भुनाने का दाम। आपत्ति को जान-बूझ कर ग्रहण करना या तोड़वाना--स० क्रि० ( हि० तुड़वाना, तोड़ने बढ़ाना । का प्रे० रूप ) तुड़वाना । तोता चश्म-संज्ञा, पु० यौ० (फ़ा०) बेमुरौतोड़ा-संज्ञा, पु० दे० (हि० तोड़ना ) एक वत, दुश्शील । संज्ञा, स्त्री० तोता-चश्मी। भूषण, गहना, रुपये रखने की थैली, तोप तोती- संज्ञा, स्त्री० ( हि० तोता ) तोते की की बत्ती, पलीता, महँगा, घटी, हानि, कमी, | मादा उपपत्री, बैठारी स्त्री। नदी-तट. रस्सी का टकडा | HETO-तोडे तोदन-संज्ञा, पु० (सं०) कोड़ा, चाबुक, पीड़ा, उलटना या गिनना-बहुत धन देना। व्यथा, वेदना । यौ०-तोड़ेदार बंदूक-पलीता-द्वारा तोदरी-- संज्ञा, पु. (फ़ा०) ईरान देश का एक औषधि-वृक्ष। छुड़ाने की बंदूक । संज्ञा, पु. (दे०) चकमक पत्थर से भाग निकालने का लोह खंड । तोप-संज्ञा, स्त्री० (तु. ) एक बड़ी बंदूक । तोडाना--स० कि० दे० (हि. तोड़ना ) तुड़ महा० तोप कीलना-तोप के प्याले में लोहे की कील ठोंक कर उसे निकम्मा कर वाना, तुड़ाना। तोड़ी-संज्ञा, स्त्री० (दे०) सरसों, राई आदि देना । तोप की सलामी उतारनातिलहन, दीपक-स्थान (प्राचीन) किसी बड़े आदमी के आने पर या किसी तोण- संज्ञा, पु० दे० ( सं० तूण ) तूण, विजय श्रादि के उत्सव में बिना गोले की तोप छुडाना, तुपक (व.)। भाथा, तरकश, तूणीर । तोपखाना-संज्ञा, पु० यौ० (तु. तोप +तोता-संज्ञा, पु० दे० ( फ़ा० तूदा ) समूह, खाना फ़ा० ) तोपों और उनके सारे सामान __ढेर, टीला । का स्थान, संग्राम-हेतु सजी हुई तोपों का तोतई -- वि० दे० (हि. तोता + ई-प्रत्य०) समूह। तोते के रंग वाला, हरे रंग का । तोपची--- संज्ञा, पु० दे० ( तु. तोप+चीतोतना-स० कि० (दे०) निवार या दरी | प्रत्य० ) गोलंदाज़, तप चलाने वाला। श्रादि बुनना, किसी वस्त्र को गूंथना। | तोपड़ा-- संज्ञा, पु० (दे०) मक्खी. एक पक्षी। तोतराना, तोतलाना - अ० क्रि० दे० हि० दे० कोपन डॉकना तुतलाना) तुतलाना। " तनक मुख की छिपाना, लादना, ढेर करना। तनक बतियाँ माँगते तोतराय-सूबे० । | तोपा-संज्ञा, पु० दे० (हि. तुरपना) एकतोतरि-तातरी-संज्ञा, स्त्री० दे० । हि० | हरी सिलाई। स० क्रि० (हि. तोपना), तुतलाना) छोटे छोटे बच्चों की बोली, तोतली, छिपाया, ढका ढाँपा, राशीभूत । तुतली (दे०)। " ज्यों बालक कह तोतरि तापाना- स० कि० दे० । हि० तोपना )गड़बाता" रामा। वि० स्त्री० तुतली तोतली। । वाना, ढंकाना, छिपवाना । प्रे० रूपतोतला-वि० दे० (हि. तुतलाना ) तुतला तापवाना। कर बोलने वाला, तुतला, तुतरा ग्रा०)। | तोप्यो-स० क्रि० दे० (हि. तोपना) तापा, तोता-संज्ञा, पु. (फा०) सुश्रा, कीर, बंदूक ढका, छिपाया। " तोप्यो व्रज पानि घने का घोड़ा। मुहा०-हाथों के तोते उड़ प्रलय पयोदनि तें"---मन्ना० । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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