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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org इंढपानि ढंढपाणि ढुंढपानि ढंढपाणि - संज्ञा, पु० दे० (सं० दंडपाणि) दण्डपाणि, भैरव, शिव के एक गण, यम, ढंढिपानि (दे० ) । इंद्रवाना - स० क्रि० दे० ( हि० ढूँढना का प्रे० रूप) किसी दूसरे से ढुंढाना, तलाश या खोज कराना | " ८०१ ढूंढा - संज्ञा, स्त्री० (सं०) हिरण्यकशिपु की बहन । इंढिराज - संज्ञा, पु० (सं०) गणेश जी । ढुंढी - संज्ञा, स्त्री० (दे०) बाँह, मुरक । महा० - इंडियाँ चढ़ाना - मुश्कें बाँधना । दुकना- ० क्रि० (दे० ) किसी स्थान में घुपना, प्रवेश करना, धावा करना, टूट पड़ना, ताक या लालसा लगाना कुछ सुनने या देखने को धोट में छिपना, किसी चीज़ के लिए तत्पर होना । दुकाई - संज्ञा, स्त्री० (दे०) ललचाना, छिपना । दुकाना - स० क्रि० (दे०) लालच देना । दुकास - संज्ञा, स्त्री० (दे०) तेज़ प्यास | दुटौना - संज्ञा, पु० दे० (सं० दुहितृ = लड़की ) लड़का, ठोटा । "तुम जानति मोहिं नन्द दुना नन्द कहाँ तें आये सू० । दुनपुनिया | संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० टनमनाना ) लुढकने की क्रिया का भाव । दुरकना- दुलकना अ० क्रि० दे० (हि० ढार) फिसल पड़ना, लुढ़क जाना, झुक पड़ना । - ग्र० क्रि० दे० ( हि० द्वार ) गिर कर दुरना बहना ठुरकना, लुदकना, इधर-उधर होना, डगमगाना लहराना, फिसल जाना, हिलाना, कृपालु या प्रसन्न होना । दुरि दुरि बंद परत कंचुकि पर मिलि काजर सों कारो ". --सु० / ग्रीवा दुनि मुनि कल C "( कटि की " - श्रल० । दुरहुरी - संज्ञा स्त्री० दे० ( हि० दुरना ) दुरकने का भाव, पगडंडी, छोटा रास्ता । दुराना - स० क्रि० दे० ( ६ि० दुरना ) दुरकाना, लुढ़काना, लहराना, हिलाना, प्रसन्न या दया पूर्ण करना । दुरावना -- स० क्रि० दे० (हि० दुराना) दुरकाना, भा० श० को ० - १०१ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कना लुढ़काना, लहराना, हिलाना, प्रसन्न करना । "चमर दुरावत श्री ब्रजराज " - सूर० । दुर्री - संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० दुरना) छोटी राह, पगडंडी | दुलकना -- श्र० क्रि० दे० ( हि० ढाल + कनाप्रत्य० ) दुरकना, लुढ़कना । संज्ञा स्त्री० दुलकनि । दुलकाना – स० क्रि० दे० ( हि० दुलकना) दुरकाना, लुढ़काना । दुतना प्र० क्रि० दे० ( हि० तुरना) गिर कर बहना, दुरकना, लुढ़कना, डगमगाना, लहराना, फिपल जाना, प्रसन्न होना, हिलाना, ढोया जाना | संज्ञा, पु० ( प्रा० ) एक गहना । दुनवाई - संज्ञा स्त्री० दे० ( हि० ढाना ) ढोने का काम या भाव या मज़दूरी । - स० क्रि० दे० ( हि० ढाना का दुलवानाप्रे० रूप ढोने का काम दूसरे से कराना । दुलाना- -- स० क्रि० दे० (हि० ढाल ) दरकाना, ढालना, गिराना, लुढ़काना, झुकाना, प्रसन्न करना, हिलाना, फेरना, पोतना | स० क्रि० दे० ( हि० ढाना ) ढोने का काम लेना । ढूंढ़ - संज्ञा स्त्री० दे० ( हि० ढूंढ़ना ) पता, खोज, तलाश । -- दह ढाँढ़ - संज्ञा, स्त्री० यौ० (दे०) पूँछताछ, खोज, अनुसंधान । ू ढूँढना - स० क्रि० दे० (सं० ढूंढन ) खोज करना, पता लगाना । संक्षा, स्त्री० (दे०) दाई, ढंढवाई | ढूँढौर - संज्ञा, पु० (दे०) जयपुर राज्य का एक प्रान्त । ढढ़िया - संज्ञा, पु० (दे०) जैन. सन्यासी । *वि० दे० ( हि० टूढ़ना ) ढूँढ़ने वाला, पता लगाने वाला, खोजी । हूकना - ० क्रि० (दे०) घुसना, पैठना, पास श्राना, बंध कटना ताक या लालच लगाना । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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