SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 794
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ठोप ७८३ डॅडवी ठोप-संज्ञा, पु० (दे०) बूंद, विन्दु । ठोसा-संज्ञा, पु० (दे०) अँगूठा, ठेगा । ठार-संज्ञा, पु० (दे०) एक पकवान । संज्ञा, ठोहना -१० क्रि० दे० (हि. लँदना) पु० द० (सं० तुड ) पक्षियों की चोंच। खोजना, हूँदना, जाँचना। ठोल-संज्ञा, स्त्री० (दे०) ठोर, चीनी में पगी ठोहर-संज्ञा, पु० (दे०) अकाल, महँगी। छोटी मोटी पूरी। ठौनि-ठौनी* -- संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० स्थापन) ठोला-संज्ञा, पु. (दे०) पालू पक्षियों के ठेवनि (७०) खड़े होने का ढंग। भोजन और जल का पात्र, कुल्हिया, अंगु- ठौर-संज्ञा, पु० दे० (हि. ठाँव ) स्थान, लियों की गाँठ। जगह, अवसर । " ठौर देखि कै हूजियेठोली-संज्ञा, स्त्री० (दे०) ठठोली, दिल्लगी।। वृं० । मुहा०-ठौर न आना-पास न ठोस-वि० द० ( हि० ठस ) दृढ़, मज़बूत, आना । ठौर देखना-मौक़ा या स्थान पोलाई-रहित । संज्ञा, पु. (दे०) डाह, देखना। ठौर रखना-मार डालना । कुढ़न, जलन । ठौर रहना-- जहाँ का तहाँ पड़ रहना, ठोसना-स० क्रि० द० (हि० ठूसना ) किसी | मर जाना । यौ०-ठौर-कुठौर-बुरा पात्र में कुछ दबा दबा कर भरना, हूँ सना। स्थान, मौके बे मौके । ठाँव-कुठाव (ग्रा०)। ड-हिन्दी और संस्कृत की वर्णमाला के टवर्ग | डंगूज्वर --संज्ञा, पु० दे० ( म. डेंगू ) चकते कातीसरा वर्ण,इसका उच्चारण स्थान मूर्धा है। पड़ने वाला ज्वर । डंक-संज्ञा, पु० दे० (सं० दंश) बिच्छू, मधु- इंटया-संज्ञा, पु० दे० (हि. डाँटना ) डाँटने मक्खी, भिड़ ( बर्र ), आदि की पंछ का वाला, घुड़की, धमकी दिखाने वाला । विषधर काँटा, डंकमारी जगह, होलडर की। जीभी, निब, लेखनी की नोक । “सूखि जाति " कौन सुने बहु बार इँटेया - तु । स्याही लेखनी की नैकुडंक लागे"----ऊ०श० । डंठल-संज्ञा, पु. द० (सं० दंड ) छोटे डंकना-अ० क्रि० द० ( अनु० ) गर्जना - छोटे पौधों की पेंडी, मोटी डालियाँ । या डरवाना शब्द करना। डंठी-संज्ञा, स्त्री० ( सं० दंड ) डंठल । डंका-संज्ञा, पु० दे० ( सं० ढक्का ) छोटा डंड-संज्ञा, पु० दे० ( सं० दंड) डंडा, सोंटा, नगाड़ा । "डंका दै बिजै को कपि कूदि गयौ बाह, एक कसरत, सजा, जुर्माना, डॉड़ लंका तै" । मुहा०---डंके की चोट पर (दे०) । मुहा०-डंड पेलना-खूब डंडे कहना- सबको सुना या पुकार या सचेत कर करना । यौ० ... इंड-बैठक। कहना. खुले मैदान या खुल्लमखुल्ला कहना। इंडपेल-संज्ञा, पु० दे० यौ० (हि. हुंड -- डंकिनी----संज्ञा, स्त्री० (हि० डंका ) चुडैल, पेलना ) पहलवानी, कसरती, डंडबाज़ । भतिनी, पिशाची, राक्षसी, डाकिनी। इंडवत--संज्ञा, पु. यौ० दे० (सं० दंडवत् ) डंगर-संज्ञा, पु. (दे०) पशु, चौपाया, डोंगर (ग्रा० ), भैंसा। डंडवारा-संज्ञा, पु० द० (हि. डांड़ - वार ) डंगरा----संज्ञा, पु० (दे०) खरबूजा। डंगरी-संज्ञा, स्त्री. द. (हि. डंगरा ) : . सीमा बनाने वाला, कम ऊँची दीवार । स्त्री. लंबी लकड़ी । संज्ञा. स्त्री० दे० (हि. डाँगर) अल्पा० डॅडवारी। डडुवार (ग्रा० प्रान्ती०)। डाइन, चुडैल, डाकिनि। । डॅडवी*- संज्ञा, पु० (हि. ) दंड, डंडा For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy