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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org टीस ७७० टूटना टीस - संज्ञा, स्त्री० दे० ( अनु० ) कसक, | टुटरु – संज्ञा, पु० दे० ( अनु० ) थोड़ी चमक, रह रह कर होने वाली पीड़ा । टीसना - अ० क्रि० दे० (हि० टीस) कसकना, चमकना, चसकना, रह रह कर दर्द होना । टुंडा टुंडा - वि० दे० (सं० सुंड ) हूँठा पेड़, लूला, लुंजा पुरुष । ( स्त्री० टुंडी ) । टुंइयाँ संज्ञा, स्त्री० (दे०) तोते की एक छोटी जाति, छोटा तोता, तोती । टुक - वि० दे० (सं० स्तोक ) रंच, तनिक, थोड़ा, रेचक, नैसुक, नेक, नैक ( ० ) । टुकड़गदा - संज्ञा, पु० यौ० दे० ( हि० टुकड़ा + गदा फ़ा० ) टुकड़े माँगने वाला भिखारी, मंगता । वि० तुच्छ कंगाल | संज्ञा, स्त्री० टुकड़गदाई, टुकड़खोर । टुकड़तोड़ - संज्ञा, पु० दे० ( हि० ) दूसरे पुरुष के टुकड़े खाकर जीवन निर्वाह करने वाला पुरुष, निकम्मा, टुकदखोर । टुकड़ा - संज्ञा, पु० दे० ( सं० स्तोक ) खंड, श, भाग, टूका, रोटी का थोड़ा भाग । स्रो० अल्पा० टुकड़ी। " देवे कौ टुकड़ा भलो " – तु० । मुहा० - दूसरे का टुकड़ा तोड़ना - परदत्त भोजन पर जीवन व्यतीत करना । टुकड़ा मांगना -- भिक्षा माँगना । टुकड़े का मोहताज होनामहा दीन होना । टुकड़ा सा जवाब देना - खुल्लम खुल्ला इनकार करना, कोरा जवाब देना । टुकड़ी - संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० टुकड़ा ) बहुत छोटा टुकड़ा, झुंड, समुदाय, मडली । टुकसा - वि० दे० ( हि० टुक ) जरासा, थोड़ा सा, नैसुक, रंचक | टुच्चा - वि० दे० ( सं० तुच्छ ) नीच, तुच्छ, हलका | संज्ञा, पु० टुच्चापन-टुच्चई । टुटका - सज्ञा, पु० दे० (सं० त्रोटक ) टोटका, मंत्र-यंत्र | टुटपुंजिया वि० यौ० दे० ( हि० टूटी + जी) जिसके पास व्यापार के लिये अल्प नया पूँजी हो । ܘ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पूँजी या धन । टुटरू हूँ - वि० दे० ( अनु० ) अकेला, कमजोर, दुर्बल, निर्बल, पंडुकी का शब्द | टुनगा) – संज्ञा, पु० दे० (सं० तनु + अ ) पतली टहनी का अग्र भाग या खंड, फुनगी । स्त्री० टुनगी । टुपकना - 1- अ० क्रि० दे० ( अनु० ) धीरे से काटना या डंक चुभाना, चुगुली करना । दुरी - संज्ञा, पु० (दे०) कण, डली, छोटा सा खण्ड, जुधार का कड़ा भुना दाना । ट्रुसकना टुसुकना- - अ० क्रि० (दे०) सिसकना, विलखना, रोना, क्रोधित होना । दुसनाना - अ० क्रि० (दे०) लालच करना, सिहाना | ट्रेंगना - अ० क्रि० दे० ( हि० दुनगा ) दुगना चुगना, थोड़ा थोड़ा धीरे धीरे खाना । ढूँड - संज्ञा, पु० दे० ( सं० तुंड) छोटे कीड़ों का डंक, जवा, गेहूँ श्रादि के सींकुर, सींग, शृंग । ( स्त्री० अल्पा० दूँडी ) । दूँडी - संज्ञा, स्त्री० दे० " ( सं० तुंड ) छोटा सातुंड ढोंदी, नाभी, लम्बी नोक । ट्रक - संज्ञा, पु० दे० (सं० स्तोक ) खंड, भाग, टुकड़ा । “घर घर माँगे टूक पुनि"-- तु० ट्रक टूक है है मन मुकुर हमारो हाय " - ऊ० श० । टूकर - संज्ञा, पु० दे० ( हि० टूक ) टुकड़ा, भाग, खंड टुकरा (ग्रा० ) 1 टूका - संज्ञा, पु० दे० ( हि० टूक ) टुकड़ा, भाग, खंड, रोटी का भाग, भिक्षा । टूट - संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० टूटना सं० त्रुटि ) टुकड़ा, भाग, खंड, टूटने का भाव, भूल से लिखने को रह गया वाक्य, शब्द या तर, भूल, ग़लती | संज्ञा, पु० टोटा, हानि, घटी, क्षति, घाटा | टूटना - अ० क्रि० (सं० त्रुटि) खंड खंड या टुकड़े टुकड़े होना, खंडित या भंग होना, सिलसिला बंद होना, किसी ओर एकाएक, " For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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