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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir टापना ৩৪৩ टिकाऊ टापना-अ० क्रि० (हि. टाप+ना-प्रत्य०) करना, धता बताना, टरकाना, फेरना, घोड़ों का पैर पटकना, किसी वस्तु के लिये पलटना। इधर-उधर फिरना, हैरान होना, उछलना, टालमटूल-टालमटोल-संज्ञा, स्त्री० दे० कूदना, फाँदना । मुहा०-टापते रह ! (हि० टालना ) बहाना, टालटूल । जाना-निराश हाथ मल कर रह जाना। टाली-संज्ञा, स्त्री० (दे०) जानवरों के गले टापा-संज्ञा, पु० दे० (सं० स्थापन ) ऊसर में बाँधने की घंटी, चञ्चल गाय या बछिया। या उजाड़ भूमि, उछाल, ढकने का झाबा, । टारी (दे०)। टोकरा । "आये टापा दीन"--- कबी। टाहला-संज्ञा, पु० दे० (हि. टहल) टापू-संज्ञा, पु. ( हि० टापा, टप्पा ) द्वीप । __सेवक, दास, मजदूर, टहली। टाबरा-संज्ञा, पु. दे० ( पंजाबी टब्बर ) | टिंड-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० टिडिश ) एक लड़का, बालक, कुटुम्ब । यौ० टोनाटाबर।। बेल जिसके फूलों की तरकारी बनती है। टामका- संज्ञा, पु० दे० (अनु०) डिमडिमी। टिकट-संज्ञा, पु. ( अ०) कर देने वाले टामन-संज्ञा, पु. (दे०) टोटका टोना, को रसीद के तौर पर देने का काग़ज़ का लटका, मंत्रयंत्र । टुकड़ा, रोज़गारियों पर लगाया गया महटार-अ० क्रि० (दे०) टाल कर, हटाकर । - सूल, टिकस, टिक्कस (दे०)। "सकै को टार टेक जेहिं टेकी "-रामा० । टिकटिकी--संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० टिकठी) टारन-संज्ञा, पु० (दे०) टालना, उलंघन । तिपाई, ठठरी। टारना-स० कि० दे० (हि० टलना) टालना, टिकठी--संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० त्रिकाष्ठ ) तिपाई, टिकटी। हटाना। टारी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. टार) दूर, टिकड़ा-संज्ञा, पु० दे० (हि. टिकिया) अंतर । वि० दे० ( हि० टलना ) टाल रोटी, बाटी, अँगाकड़ी, तीन बैलों की मटोल करने वाला । स० कि० दे० (हि. गाड़ी । स्त्री० अल्पा० टिकड़ी। टलना) टालना। " जो मम चरन सकहु सठ टिकना-अ० क्रि० दे० (सं० स्थित) ठहरना, टारी"-रामा० । रहना, मिट्टी आदि का पानी आदि के टाल-संज्ञा, स्त्री. (सं० अट्टाल ) ऊँचा तल में जम जाना, कुछ समय तक काम ढेर, लकड़ी या भूसे की दुकान, गंज । देना, भड़ना। संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. टालना ) टालने | टिकरी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. टिकिया ) का भाव । संज्ञा, पु० दे० (सं० टार) कुटना, टिकिया, एक नमकीन पकवान । मैं डा। टिकली- संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. टिकिया) टालट्रल-संज्ञा, खो० दे० (हि. टालना ) छोटी टिकिया. छोटी बिंदी, सितारा। बहाना, टालमटूल । टिकुली (ग्रा०)। टालना-स० कि० (हि. टलना ) हटाना, टिकस- संज्ञा, पु० दे० (अ० टैक्स) महसूल। सरकाना, खिसकाना, दूर करना, भगा | टिकाई-संज्ञा, पु० दे० (हि. टीका ) युवदेना, मिटाना, दूसरे समय को ठहराना, राज । संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. टिकना) मुलतबी करना, समय बिताना, श्राज्ञा न टिकने का भाव । मानना, बहाना कर पीछा छुड़ाना, हीला- टिकाऊ-वि० दे० ( हि टिकना ) मज़बूत, हवाली या टाल-मटोल करना, झूठा वादा हक, कुछ समय तक ठहरने वाला। For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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