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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir झंपना-झपना ७५६ झोल सहारे लटकते हुये पलंग, खटोला, या झोंकी-संज्ञा, स्त्री० (हि. झोंक ) जवाबचिपटी लकड़ी का टुकड़ा, झोंका, झटका। देही, बुराई या घटी का डर, जोखों, झंपना-झपना-अ० कि० दे० ( हि० जोखिम (ग्रा०)। झिपना) लजित होना, शरमाना । (प्रे० | झोंझ-संज्ञा, पु. (दे०) घोसला, गीध रूप स० ) झपना, झंपवाना। आदि पत्तियों के गले की थैली, खुजली। झर-झेरा-संज्ञा, स्त्री० दे० (फा० देर ) झोंझल-संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० झंझलाना) देर, विलंब, झगड़ा-बखेड़ा। । क्रोध, मुंझलाहट, रिस । झरना -सक्रि० दे० (हि० झेलना ) | झोंटा-संज्ञा, पु० दे० (सं० जूट ) बड़े बड़े झेलना । स० क्रि० दे० (हि. छेड़ना )। बालों का समूह, एक हाथ में आने योग्य प्रारम्भ करना। पतली चीज़ों का समूह, जरा, जुट्टा (ग्रा०)। झेल-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० झेलना ) तैरने | संज्ञा, पु० (हि. झोंका ) झूले के हिलानेमें हाथों-पाँवों से पानी हटाने का काम, वाला धक्का, झोंका, पैंग । स्त्री० झोंटी। धीमा धक्का, धमकी, हिलोर, झेलने का | झोंझा-संज्ञा, पु० (दे०) पेट, झोझर। भाव । संज्ञा, स्त्री० (दे०) देर, विलंब । झोंपड़ा-संज्ञा, पु० दे० (हि. छोपना) झेलना-स० क्रि० दे० ( सं० स्वेल ) सहना, | मिट्टी की छोटी छोटी दीवारों और घासबरदाश्त करना, हटाना, पैठना, हेलना, फूस से बना छोटा घर, कुटी, पर्णशाला। ठेलना, ढकेलना, पचाना, ग्रहण या स्वीकार।। ( स्त्री० अल्पा० झोंपड़ी ) मुहा०-अंधा झोंक-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. झुकना ) झोंपड़ा--पेट । झुकाव, बोझ, तेज़ चाल, धूमधाम से काम | झोंपा-संज्ञा, पु० दे० (हि. झब्बा) गुच्छा, उठाना, सजावट, प्रवृत्ति, उमंग । यो०- मब्बा। नोक-झोंक-ठाठ-बाट, धूमधाम, बैर- झोटिंग-वि० दे० (हि. झांटा) जिसके विरोध, समानता, वाद-विवाद, पानी की | सिर के बाल खड़े और बड़े बड़े हों। हिलोर या लहर। झोंटे वाला। संज्ञा, पु० (दे०) भूत बैताल झोंकना-स० कि० द० ( हि० झोंक) किसी श्रादि । पदार्थ को अग्नि में फेंकना या डालना। | झोदियाना-स० क्रि० (दे०) चोटी पकड़ (प्रे० रूप ) झोंकाना, झोंकवाना। कर खींचना, मारना-घसीटना, ले जाना। मुहा०-भाड़ झोंकना (चूल्हा बुझाना) | झोरई-वि० दे० (हि. झाल ) रसेदार -तुच्छ या व्यर्थ काम करना, बल-पूर्वक आगे बढ़ाना, ठेलना, ढकेलना, बे सोचे- झोरना-स० कि० दे० (सं० दोलन) किसी समझे अधाधुंध खर्च करना, विपत्ति, दुख चीज़ की तोरना, जोर से हिलाना झटका और भय से कर देना, बुरे स्थान में झेलना, | दे ऐसा हिलाना कि साथ की चीजें गिर अधिक काम देना, दोष लगाना, व्यर्थ पड़ें, पेड़ आदि पर फलों के लिये ढेले या बातें या आत्मश्लाघा करना, गप्प मारना । । घा करना. गप्प मारना। लाठी फेंकना । (प्रे० रूप ) झारना, झोंका-संज्ञा, पु. दे० (हि. झोंक ) धक्का, । झोरवाना। झटका, हवा की झिकोर, झकोरा, पानी की झोरि, झोरी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० झाली) लहर, सजावट, ठाठ। | झोली, पेट, उदर, झोरिया (ग्रा.)। झोंकाई-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. झोंकना) | झोल-संज्ञा, पु० दे० (हि० झालि) तरकारी झोंकने की क्रिया या भाव या मजदूरी। | आदि का रस, शोरबा, कढ़ी, लेई, माँड़, For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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