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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra कोर झकझोर - संज्ञा, पु० टका देना, हिलाना । कोर " www.kobatirth.org 66 ( अनु० ) ज़ोर से देत करम भक ७४८ - वृ० । झकझोरना- - स० क्रि० दे० ( अनु० ) बड़े ज़ोर से झटका देकर हिलाना, कफकोरना ( ग्रा० ) । झकझोरा - संज्ञा, पु० दे० ( अनु० ) झटका देना, हिलाना । भकना - प्र० क्रि० दे० ( अनु० ) बकना, व्यर्थ बात करना, क्रोध से कहना । झकाझक - वि० दे० (अनु०) प्रति उज्वल, स्वच्छ, चमकता हुआ । झकुराना- - प्र० क्रि० (हि० भकोरा ) भूमना । स० क्रि० (दे० ) झूमने में लगाना । झकोर – संज्ञा, पु० दे० ( अनु० ) वायु का कोंका या कोरा (दे० ) । बल पूर्वक धागे पीछे हिलना । " डारति पवन झकोर " - वृ० । “सो झकोर पुरवा की है" ना० । भकोरना - प्र० क्रि० (अनु० ) वायु का का मारना, हिलाना । झकोज - संज्ञा, पु० (दे०) झकोर | झक्कड़ - संज्ञा, पु० दे० ( अनु० ) वेगवान आँधी । वि० झक्की, सनकी, बकवादी । झक्खना-ग्र० क्रि० (हि० झखना) पछि ताना, चिंता करना । " आज खाय श्री कल को भक्खै" - गोरख० । झख – संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० झखना ) खने की क्रिया या भाव। (सं० भष ) छोटी मछली । मुहा०-- झख मारना - व्यर्थ परिश्रम करना, समय नष्ट करना, अपनी ख़राबी करना । 66 मकर नक्र झख नाना व्याला "रामा० । चख झख लगनि ” – वि० । झखकेतु - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) कामदेव । भवराज - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) मगर । भावना - अ० क्रि० दे० ( हि० भींखना ) " शनि कज्जल " पछताना, झखना (दे० ) । झखी -- संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० भष ) मछली । ककन झगड़ना झगरना - भ० क्रि० दे० ( हि० भक भक ) आपस में तक़रार करना या लड़ना, वाद-विवाद या बहस करना । यौ० लड़ना झगड़ना | झगड़ा-झगरा - संज्ञा, पु० दे० ( हि० झक्क (क) आपस में बहस या विवाद, लड़ाई, कष्टप्रद बात । यौ० लड़ाई-झगड़ा । मुहा०-- झगड़ा लगाना - लड़ाई करना, कराना, बाधा खड़ी करना । झगड़ालिनी - संज्ञा स्त्री० ( हि० झगड़ा ) बहुत झगड़ा करने वाली । झगड़ालू - वि० ( हि० झगड़ा + बालूप्रत्य०) झगड़ा करने वाला, बड़ा लड़ाका, बड़ा तकरारी, झगराऊ (दे० ) । झगड़ी - झगरी - संज्ञा, पु० दे० ( हि० झगड़ा + ई - प्रत्य० ) झगड़ा करने वाला | संज्ञा स्त्री० (हि० झगड़ा +- इन् प्रत्य०) झगड़ा करने वाली । झगर- संज्ञा, पु० (दे०) एक चिड़िया, Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir झगड़ा, झगरा ( ० ) 1 भगला - संज्ञा, पु० दे० ( हि० मँगा ) अँगरखा, कोट, झगुला ( ग्रा० ) । झगा - संज्ञा, पु० दे० (सि० मँगा) अँगरखा, कोट । "नव स्याम बपू पट पीत झगा " तु० । झगुलिया-झगुली - संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० गा) छोटे बच्चों का अँगरखा । झज्कर, झझड़ - संज्ञा, पु० दे० ( सं० अलिंजर ) पानी रखने का छोटा सा मिट्टी का बरतन । झज्भी - संज्ञा, स्त्री० (दे०) एक फूटी कौड़ी । झझक, झिझक - संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० कना ) फकने की क्रिया या भाव, भड़क, ॐ झलाहट, दुर्गन्धि । झझकन - संज्ञा, स्त्रो० दे० ( हि० झम्फकना ) रुकने का भाव, भय से रुकना, ठिठकना, faranना, भड़कना, चौंकना, रिना । कना - अ० क्रि० दे० ( अनु० ) भय से एकबारगी रुक जाना, ठिठकना, बिचकना, भड़कना, चौंकना । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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