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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org --- ४६७ कुरकुर कुएँ में भांग पड़ना - सब की बुद्धि मारी जाना । कुमार कुवर - संज्ञा, पु० दे० (सं० कुमार, प्रा० कुंवार ) हिन्दुओं का ७ वाँ महीना, श्राश्विन् कर । वि० बिन व्याहा । वि० कुवांरी-कुरी कार मास का, काँरी । कुइयां - संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० कुत्राँ ) छोटा कुँ । यौ० कठकुइयाँ ( पटकुइयाँ ) - काठ से बँधा छोटा कूप । | कुई - संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० कुआँाँ ) कुइयाँ, कुकुही कुमुदिनी (सं० कुव ) । कुकटी - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० कुक्कुटी - सेमल ) लाल रुई की कपास । कुकड़ना -- अ० क्रि० ( हि० सिकुड़ना ) सिकुड़ना, संकुचित होना । कुकड़ो कुकरी - संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० कुक्कुटी ) तकले में कातकर उतारा हुआ कच्चे सूत का लच्छा, मुठा, थंडी, श्राँड़ी (दे०), खुरखुरी, मुर्गी । कुकनन् संज्ञा, पु० (यू० ) एक कल्पित पक्षी जिसके विलक्षण गान से भाग निकल पड़ती है और वह जल मरता है, श्रातशज़न । कुकरी* - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० कुक्कुट ) बनमुर्गी, कुक्कुट । कुकरौंधा --संज्ञा, पु० दे० (सं० कुक्कुरद्रु) तीव्र गंध वाली पत्तियों का एक पालक जैसा पौधा । कुकर्म --- संज्ञा, पु० (सं० कु + कृ + मन्) बुरा या खोटा काम, पाप । वि० कुकर्मीबुरा काम करने वाला, पापी । कुक्रिया । कुकुभ - संज्ञा, पु० (सं०) एक मात्रिक छंद । कुकुर - संज्ञा, पु० (सं० ) यदुवंशी क्षत्रियों की एक शाखा, एक प्राचीन प्रदेश, एक साँप, कुत्ता, कुकुर (दे० ) । स्त्री० कुकुरी । कुकुरखाँसी - संज्ञा स्त्री० यौ० (हि०) सूखी खाँसी जिसमें कफ न गिरे, ढाँसी । कुकुर - दंत - संज्ञा, पु० यौ० (हि० कुक्कुर + दंत) वह दाँत जो किसी किसी के साधारण कुगुरु दाँतों के अलावा उनसे कुछ नीचे थाड़ा निकलता है और जिससे श्रोठ कुछ उठा रहता है । वि० कुकुरदंता । कुकुरमुत्ता - संज्ञा, पु० (हि० कुक्कुर + मूत) बुरी गंध वाली एक प्रकार की खुमी, छत्राक, कुकरौंधा (दे० ) । कुकुर माँछी - संज्ञा, स्त्री० के चिपटने वाली एक Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (दे० ) पशुओं प्रकार की लाल मक्खी, बगई (दे०), कुकुरौंछो (दे० ) । संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० कुक्कुभ ) नमुर्गी । कुक्कुट, कुक्कट - संज्ञा, पु० (सं० ) मुर्गा, चिनगारी, लुक, जटाधारी पौधा. अरुणशिखा, ताम्रचूड़ । यौ० कुक्कुट नाड़ीसंज्ञा, स्त्री० (सं०) भरे बरतन से रीते बरतन में पानी पहुँचाने वाली नली । कुक्कुट मस्तक - संज्ञा, पु० (सं० ) चव्य, चाव । यौ० कुक्कुटवत -- भाद्र शुक्ला सप्तमी का व्रत । कुक्कुटशिखा - कुसुम वृत्त । कुक्कुटक - संज्ञा, पु० (सं० ) एक वर्णसंकर जाति, बनमुर्गी । For Private and Personal Use Only 1 कुक्कुर - संज्ञा, पु० (सं०) कुत्ता, कुकुर (दे० ) श्वान, कुकुर, यदुवंशियों की एक शाखा, एक मुनि । वि० गाँउदार । कुत-संज्ञा, पु० (सं० ) पेट, उदर । कुक्षि-कुक्षी - संज्ञा, स्त्री० (सं०) पेट, कोख, किसी वस्तु के मध्य का भाग, गुहा (गुफा), संतति | संज्ञा, पु० (सं० ) एक दानव, राजा बलि, एक प्राचीन देश । कुवेत - संज्ञा, पु० दे० (सं० कुक्षेत्र ) बुरा स्थान, कुठाँव | कुख्याति -संज्ञा स्त्री० ( सं० ) निंदा, बदनामी । वि० कुख्यात । कुर्गात - संज्ञा, स्त्री० (सं०) दुर्गति, दुर्दशा । कुगहनि - संज्ञा स्त्री० दे० (सं० कु + ग्रहण) अनुचित श्राग्रह, हठ, ज़िद । कुगुरु- संज्ञा, पु० (सं० ) अशुभ या मंद ग्रह, दुखद ग्रह |
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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