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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ४१३ mom s umaara करवैया कराली तलवार, श्मशान, चेहिदेश का एक नगर। वि० (हि. कड़ा ) सस्त, क्रि० स० सा. करवील ( दे०) करील। भु०---किया। करवैया*-वि० (हि० करना+वैया-प्रत्य०) कराइत ... संज्ञा, पु० दे० (हि० काला ) एक करने वाला। प्रकार का विषैला काला साँप । करवोटी-संज्ञा, स्त्री० (दे० ) करचोटिया कराई---संज्ञा, स्त्री० ( हि० केराना ) उर्दू, चिड़िया। अरहर अादि की भूसी, *( हि० काला) करश्मा-संज्ञा, पु० (फा० ) करामात, श्यामता (हि० करना ) करने कराने का चमत्कार। भाव । करप-करख-संज्ञा, पु० दे० ( सं० कर्ष) करात-संज्ञा, पु० दे० (अ. कीरात) सोना, खिंचाव, मनमुटाव, द्रोह, लड़ाई का चाँदी, दवा के तौलने की चार जौ की एक जोश, ताव (दे०) क्रोध । करषा । तौल । "केत करष हरिसन परि हरहू"-रामा० । कराना---२० क्रि० (हि० करना का प्रे० रूप) करषना*- ( करसना-दे० ) स० कि० दे० करने में लगाना। (सं० कर्षण ) खींचना, तानना, घसीटना, कराबा--संज्ञा, पु. (अ.) अर्क आदि सुखाना, सोखना, बुलाना, समेटना ।। रखने का शीशे का बड़ा पात्र । कर-संपुट-संज्ञा, पु० ( सं० यौ० ) बद्धांजलि । करामात-संज्ञा, स्त्री० (म० करामत का बहु०) चमत्कार करश्मा । वि०-करामाती ( कराकरसान*---संज्ञा, पु० (दे०) कृषाण। मात + ई-प्रत्य०) सिद्ध, करामात करने करसाइल, करसायल, करसायर—संज्ञा, वाला। पु० दे० (सं०-कृष्णासार ) कालामृग । करसी-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० करीष ) कंडो करार--संज्ञा, पु० (अ०) स्थिरता, धैर्य, का चूरा, उपली, कंडी। वि० ( करषी ) संतोष, धाराम, वादा, प्रतिज्ञा, शर्त, (सं० वर्षी ) कर्प या क्रोधवाला। नदी का किनारा (ऊँचा)-" माँगत करहंत-( करहंस )-संज्ञा, पु० दे० नाव करार है ठाढ़े" ---कवि० । करारना*----अ. क्रि० ( अनु० ) काँकाँ (सं० ) एक वर्णवृत्त ।। करह* --संज्ञा, पु० दे० (सं० करभ ) ऊँट, या कर्कश शब्द करना। (सं० कलि०) फूल की कली। करारा--संज्ञा, पु० दे० (सं० कराल) जल के करहाट-(करहाटक)-संज्ञा, पु० (दे०) काटने से बना हुआ नदी का ऊँचा किनारा, कमल की जड़ या उसके भीतर की छतरी। कौत्रा, टीला । वि० (हि. कड़ा, कर्रा) मैनफल । कठोर, कड़ा, दृढ़, खूब भुना हुआ जो करहार-संज्ञा, पु. ( सं० ) मैनफल, | खाने में कुर कुर शब्द करे, उग्र, तीक्ष्ण, शिफाकन्द । चोखा, खरा, गहरा, भयानक, घोर, हृष्ट करांकुल-संज्ञा, पु० दे० (सं० कलाङ्कर ) | पुष्ट । स्त्री० करारी संज्ञा, पु. करारापन । पानी के किनारे रहने वाली एक चिड़िया, कराल वि० (सं० ) भीषण, भयानक, क्रौंच, कुंज ( दे०)। बड़े दाँत वाला। कराँत--संज्ञा, पु० (दे०) क्रकच, आरा। कराली--- संज्ञा, स्त्री. (सं० ) अग्नि की वि० करांती-लकड़ी चीड़ने वाला। सात जिह्वानों में से एक । वि०-डरावनी, करा-संज्ञा, स्त्री० (दे०) कलार (सं.)। भयावनी । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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