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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कमरकस ४०६ कमला समाप्ति पर विश्राम करना। किसी लंबी | के आकार का एक मांस पिंड जो पेट में चीज़ का मध्य भाग ( पतला ) अंगरखे | दाहिनी ओर होता है, क्लोमा, जला, आदि का कमर के ऊपर रहने वाला भाग, ताँबा, एक प्रकार का मृग, सारस, आँख लपेट, कम्मर ( दे० ) " छोरि पितंबर का कोया, डेला, योनि के भीतर एक कमलाकम्मर ते .. " पद्मा। कार गाँठ, फूल, धरन, ६ मात्राओं का कारकस--संज्ञा, पु. (दे० ) ढाक का | एक छंद, छप्पय के भेदों में से एक, गोंद, चिनिया गोंद।। मोमबत्ती रखने का एक कांच का पात्र, एक कमरकोट ( कमरकोटा )-संज्ञा, पु० | प्रकार का पित्त रोग जिसमें आँखें पीली ( फा० कमर --काटा-हि०) किलों या चार पड़ जाती हैं, कामलक (सं० ) काँवर दीवारियों के ऊपर छेद या कँगूरेदार छोटी (दे० ) पीलू ( पीलिया ) मूत्राशय, दीवाल, रक्षार्थ घेरी हुई दीवार। मसाना । पद्म, पंकज, अरविंद, अंबुज, कमरख-संज्ञा, पु० दे० (सं० कर्म रंग, | बनज, आदि।। प्रा० कम्मरंग ) एक पेड़ और उसके फाँक | कमलगट्टा-संज्ञा, पु. ( सं० कमल+गट्टा दार लंबे खट्टे फल। वि० कमरखी- | -हि. ) कमल के बीज, कमल गटा। कमरख की सी फाँकों वाला। कमलज-संज्ञा, पु० (सं० ) ब्रह्मा, कमल कमरबंद-संज्ञा, पु० ( फा० ) कमर बाँधने | योनि, कमलय।। का लम्बा कपड़ा, पटुका, पेटी, नाड़ा, कपल नयन-वि० ( सं० यौ० ) कमल इजारबंद । वि० -मुस्तैद, तैयार । की पंखडियों की आँख वाला, बड़ी सुन्दर कमरबल्ला--संज्ञा, पु० (फा० कमर --- बल्ला आँख (कुछ रक्त) वाला । संज्ञा, पु० -विष्णु, -हि.) खपड़े की छाजन में तड़फ के | राम, कृष्ण । वि० स्त्री० कमल नयनी । ऊपर और कोटों के नीचे लगाई जाने | कमलनाभ-संज्ञा, पु. ( सं० यौ० ) विष्णु। वाली लकड़ी। कमरबस्ता, कमर कोट । | कमलनाल-संज्ञा. पु. यौ० ( सं० ) कमल कारा-संज्ञा, पु० (ले० कैमेरा ) कोठरी, की डंडी, मृणाल । “ कमलनाल इव चाप फोटोग्राफी का वह यंत्र जिसके मुख पर | चढ़ाऊँ"-रामा० लैंस या प्रतिबिंब उतारने का गोल शीशा | कमलबंध-संज्ञा, पु. ( सं० ) एक प्रकार लगा रहता है। संज्ञा पु० ( दे० ) कम्बल । | का चित्र काव्य । कमरिया कामरिया-संज्ञा, पु. ( फा० | कमलबाई-कमलबाय-संज्ञा स्त्री० यौ० कमर ) छोटे डील का ज़बरदस्त एक प्रकार (हि.) कामलक या काँवर का रोग जिसमें का हाथी । संज्ञा, स्त्री० (दे०) कमर, | शरीर और आँख पीली हो जाती हैं। कमली, कमरी ( ऊन का) कम्बल । कमलमूल - संज्ञा, पु० यो० (सं०) मसीड़ा, " या लकुटी अरु कामरिया पर "....... | मुरार । ( रसखान ) । कपला-संज्ञा, स्त्री० (सं०) लक्ष्मी, धन, कारी ( कापरी)-- संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० - ऐश्वर्य, एक प्रकार की बड़ी नारंगी, संतरा, कंवल ) छोटा कंवल का (दे० )--- एक वर्णिक वृत्त, रतिपद, एक नदी । संज्ञा, " सूर स्याम की काली कामरि".."सूर० । पु. ( सं० कवल ) छु जाने से खुजली पैदा एक रोग, चरखी की लकड़ी। करने वाला एक रोयेंदार कीड़ा, सूड़ी, कपल-संज्ञा, पु. (सं०) जल का एक सुन्दर ढोला, सड़े पदार्थ का एक लंबा सफेद फूल वाला पौदा, तथा उसका फूल, कमल कीड़ा। For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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