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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org कटनांस बात फ़सल कटना ( जैसे- चैत कट रहा था ) । मु० - कटती कहना - मर्मभेदी कहना | कट जाना - लज्जित होना, कटनांस--संज्ञा, पु० दे० (सं० कीट + नाश) नीलकंठ, चाप पक्षी । पना । कटन - संज्ञा, स्त्री० ( हि० कटना ) काट, . प्रीति, श्रासक्ति, रीझ । " फिरत जो अटकत कनि बिन... वि० । ३८६ कटनी - संज्ञा, स्त्री० (दे० ) काटने का ज़ार, काटने का काम | कटफल - संज्ञा, पु० ( दे० ) कायफल, कैफर ( दे० ) । कटर-संज्ञा, पु० (०) चरखियों पर चलने वाली बड़ी नाव, पनसुइया, छोटी नाव । कटरा - संज्ञा, पु० ( हि० कटहरा ) छोटा चौकोर बाज़ार, कटार | संज्ञा, पु० (सं० कटाह ) भैंस का बच्चा, पड़वा, कड़ाह । 66 कटरा काढ्यो पेट में, दये घाव पर धाव " - छत्र० । ----- कटवां - वि० ( हि० कटना + वां - प्रत्य० ) कटा हुआ, काट कर बना । क्रि० वि० (दे० ) तिरछा काट कर जाना, सूक्ष्म मार्ग । कटसरैया - संज्ञा स्त्री० दे० (सं० कट सारिका ) असे का सा एक काँटेदार पौधा । कटहर - कटहल -संज्ञा, पु० (दे० ) कंटकिफल (सं० ) एक सदा बहार घना पेड़ जिसमें हाथ सवा हाथ के मोटे और भारी फल लगते हैं, इस पेड़ का फल । यौ०कटहरी चंपा - कटहल की सी सुगंधि वाले फूलों का चंपा वृक्ष । कटहा - वि० दे० ( हि० काटना + हा प्रत्य० ) काटने वाला । स्त्री० करही - काट खाने वाली । कटा* - संज्ञा, पु० दे० ( हि० काटना ) मारकाट, वध, हत्या, प्रहार, चोट,... "सुकटा of घालि कटा करती है। । " -- जग० । कटाइक - वि० दे० ( हि० काटना ) काटने वाला, कटैया, कटायक । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कटास कटाई - संज्ञा, स्त्री० ( हि० काटना ) काटने का काम, फ़सल काटने का काम, फ़सल काटने की मज़दूरी । कटाऊ - संज्ञा, पु० ( दे० ) काट, काट-छाँट बेलबूटा, “जावत कहिये चित्रकटाऊ' - प० । कटाकट - संज्ञा, पु० ( हि० कट ) कटकट शब्द, लड़ाई । कटकटी -संज्ञा स्त्री० ( हि० काटना ) मार-काट | कटानी । दे० कटाक्ष-संज्ञा, पु० (सं० ) तिरछी चितवन, वक्र दृष्टि, तिरछी नज़र, व्यंग्य, आक्षेप, कटाच्छ (दे० ) | भावपूर्ण दृष्टि, नेत्रों से संकेत । कटाग्नि - संज्ञा, स्त्री० (सं० ) घास-फूस की अनि कटाच्छ कटाछ - संज्ञा, पु० ( ० ) कटाक्ष ( सं० ) । कटान - संज्ञा, स्त्री० (दे० ) काटने की क्रिया, भाव, ढंग । कटाना स० क्रि० ( हि० काटना का प्रे० रूप ) किसी से काटने का काम प्रेरणा करके कराना, कटवाना | कटार - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० कट्टार ) छोटा तिकोना और दुधारा हथियार ( स्त्री० अल्पा० ) कटारी । कटाल - संज्ञा, पु० (दे० ) ज्वार, समुद्र का चढ़ाव । 2 कटाव -संज्ञा, पु० ( हि० काटना ) काट, काट-छाँट, कतरब्योंत काट कर बनाये हुए बेल-बूटे, पानी के वेग से गिरता हुआ किनारा | - कटावदार - वि० ( हि० कटाव + दार प्रत्य० ) जिस पर खोद कर या काट कर बेलबूटे बनाये गये हों । कटावन - संज्ञा, पु० (दे० ) कटाई करने का काम, कतरन, कटा हुआ । कटास - संज्ञा, पु० (दे० ) एक बन - बिलाव, कटार, खीखर । A For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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