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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हुलड्डल, हुरहुर १८६८ हूकना हुलहुल, हुरहुर-संज्ञा, पु० (दे०) एक लुनाई । “ खुदा जब हुस्न देता है नज़ाकत छोटा पौधा ( औषधि)। प्राही जाती है "---स्फु०। हुलाम-संज्ञा, पु० दे० ( सं० उल्लास ) हुस्नपरस्त-वि० यौ० (फा०) सौंदर्य-प्रेमी, श्राह्लाद, प्रसन्नता या आनंद की उमंग, सौंदर्योपासक । उल्लास, हर्ष, हौसिला, उत्साह, बदना, हुस्न-परस्ती-संज्ञा, पु० यौ० (फा० ) उमगना । संज्ञा, स्त्री. (दे०) तम्बाकू की सौंदर्य-प्रेम, सौंदर्योपासना। सुघनी, मरज़रोशन। हूँ-- अत्र्य० दे० (अनु०) हाँ, स्वीकार या हुलिया-संज्ञा, पु० दे० (अ० हुलिया) समर्थन सूचक शब्द । अव्य० (दे०) -हू, प्राकृति, डील-डौल, किसी व्यक्ति के रूप हूँ। सर्व . -हौं (०)। अ० क्रि० (हि०) रंग आदि का विवरण, सूरत-शकल । मुहा० वर्तमान कालिक क्रिया है का उत्तम पुरुष -हुलिया कराना या लिखाना- किसी एक वचन का रूप (व्या०)। की खोज के लिये उसकी प्राकृति, डील- हूँकना--- अ० कि० (अनु०) गाय का बछड़े डौल या शकल सूरत आदि का विवरण के लिये राँभना (दुख या प्रेम से), हुँकरना, पुलिस में लिखाना । मुहा०-हुलिया हुँकार शब्द करना, शूर-वीरों का ललकारना बिगड़ना (बिगाड़ना)-- बहुत तंग होना | या डपटना। (करना) । हुलिया तबाह करना (होना) हूँठ-हूठा ---संज्ञा, पु० (दे०) हुँठा (दे०) साढ़े - अत्यत तंग करना होना)। तीन, उपका पहाड़ा। " हूँठ पैगदै बसुधा हुल्लड़, हुल्लर-संज्ञा, पु० (अनु०) कोला- | राजा तहाँ करौं तपसारी'—सूर० । हल. शोरगुल, हल्ला . धूम, ऊधम, उपद्रव, । हँण -- सज्ञा, पु. (तु०) एक शक जाति । आंदोजन, हलचल, उत्पात, ग़दर. कांति । हूँस - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० हिंस) डाह, ईष्यां हुल्लास--संज्ञा, पु० दे० (सं० उल्लास) । बुरी निगाह, या नज़र, कुदृष्टि, फटकार, टोंक, चौपाई और त्रिभंगी के मिश्रण से बना एक | कोसना। छंद (पिं०)। हँसना-स० कि० (हि. हँस) नज़र लगाना। हुश-अव्य० (अनु०) अयोग्य बात के कथन अ० क्रि० (दे०) कोसना, ईर्ष्या से लजाना, का निवारक शब्द, हश। ललचाना। हुसियार हुस्यार*-वि० दे० (फ़ा० हू-अव्य० दे० (सं० उप- प्रांग ) अतिरेकहोशियार ) बुद्धिमान, समझदार, चतुर, वाचक शब्द, भी, हु (दे०) । संज्ञा, पु० निपुण, हो सयार, होस्यार (दे०)। (दे०) कोलाहल (यो० में) जैसे-हू-हल्ला । हुसियारी, हुस्यारी-संज्ञा, स्त्री. (दे०) हूक-संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० हिक्का ) कलेजे होशियारी, धतुरता, चालाकी। या छाती की पीड़ा, दर्द, साल, कसक, पीड़ा. हुसैन-संज्ञा, पु० (अ०) हज़रत मुहम्मद । दुख, संताप, खटका, आशंका । मुहा०साहिब के दामाद, अली के बेटे (नवासे) नो! (कमर में) हूक (चली) जाना-कमर करबला में मारे गये थे और जिनके शोक में , की नम टल जाना और पीड़ा होना । मुहर्रम मनाया जाता है, हुसेन (दे०)।। " कोकिल की कूक हिये हक उपजावै है " "जिनको हुसैन और हसन हैं बहुत अज़ीज' | -सरस। हूकना-अ. क्रि० दे० ( हि० हूक+ना हुस्न-संज्ञा, पु० (अ०) लावण्य, सुन्दरता, प्रत्य.) दुखना, सालना, पोड़ा या दर्द सौंदर्य, प्रशंसनीय बात, खूबी, सुबराई, करना, पीड़ा से चौंक पड़ना। ख. क्रि० For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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