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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org १७८३ सुचाना, सोचाना ( हि० सुचाल ) वि० दे० ( सं० सुचाना, सोचाना-स० क्रि० दे० ( दि० सोचना) किसी दूसरे पुरुष को सोचने-विचारने के काम में लगाना, सोचवाना, सोचावना (दे०), किसी बात की ओर ध्यान खींचना, दिखलाना | सुचार* - संज्ञा, स्रो० दे० अच्छी चाल, सदाचरण | सुचारु ) सुंदर, मनोरम | सुचारु -- वि० ( सं० ) रम्य, श्रति सुंदर, यति मनोरम | संज्ञा, स्त्री० - सुत्राता । सुचाल - संज्ञा, त्रो० दे० ( सं० सु + हि० चाल ) श्रेष्ठ या शुद्ध श्राचरण, अच्छी चाल, सदाचार | विलो० कुचाल । सुत्राती- वि० (हि०) सदाचारी, अच्छे चालचलन वाला | विलो० कुचाली । सुचि - वि० दे० (सं० शुचि ) शुचि, पवित्र । 66 " 'बोले सुचि मन श्रनुज सन रामा० । सुचित - वि० दे० (सं० सुचित ) शान्त, निश्चित, एकाग्र, सावधान, स्थिर, जो ( किसी काम से ) निवृत्त हो । सुचितई - संज्ञा स्त्री० दे० ( सुचित + ई प्रत्य० ) बेफ़िक्री. निश्चितता, एकाग्रता, शांति, फुर्सत छुट्टी, सुचित्तता । सुचिताई - संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० सुचित + भाई -- प्रत्य० ) निश्चितता, सुबितई । सुचिती | - वि० दे० (सं० सुचित ) बेफ़िक्र, निश्चित, सावधान, सुचित्ती । सुचित्त - वि० (सं०) शान्त, स्थिर मन या चित्त वाला, कार्य से निवृत्त, निश्चित, बेफ़िक्र, बेखटके । संज्ञ, पु० (सं०) सुन्दर चित्त या मन | सुचिमंत - वि० (सं० शुचिमत् ) सदाचारी, शुद्धाचारी, अच्छे श्राचरण वाला | सुचिर - वि० (सं०) पुराना | संज्ञा, पु० बहुत काल तक । सुची -- संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० शुचि ) पवित्र, शुद्ध, निर्दोष, निष्कलंक । सुचेत सुचेता - वि० दे० (सं० सुचेतस् ) सुजाति सावधान, सजग, सतर्क, चौकन्ना | संज्ञा, पु० (सं०) सुन्दर चेत या ज्ञान । सुकंद, सुकंद - वि० दे० (सं० स्वच्छंद) स्वच्छंद, स्वतंत्र, स्वाधीन | संज्ञा, स्त्री० (दे० ) सुच्छंदता, सुकंदता । सुरु -- वि० दे० (सं० स्वच्छ ) स्वच्छ, साफ़. शुद्ध, निर्मल | संज्ञा, स्त्री० (दे०) सुच्छता. सुन्छ । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुम - वि० दे० (सं० सूक्ष्म ) सूक्ष्म, सूक्ष्म | संज्ञा, स्त्री० - सुच्छमता । सज्जन, सुजन - संज्ञा, पु० (सं०) धार्य, सभ्य, भलामनुष, सत्पुरुष, शिष्ट या भला श्रादमी, शरीफ़ | संज्ञा, ५० दे० ( सं० स्वजन ) वंश या परिवार के लोग, कुटुंबी, नातेदार | " सुजन साहिय सोय " - नीति० । सुजनता -- संज्ञा, स्री० (सं०) सज्जनता, सौजन्य भलमनसाहत भलमंसी, भद्रता, सुजन का नाव, शिष्टता । सुजनी -संज्ञा, स्रो० दे० ( फ़ा० सोज़नी ) सुई के काम का एक प्रकार का बिछौना । संज्ञा, स्त्री० (सं० सुजन ) सजनी | सुजन्य - वि० (सं०) उत्तम या श्रेष्ठ कुल में उत्पन्न, कुलीन । 46 सुजस - पंज्ञा, पु० दे० (सं० सुयश ) सुयश, सुकीर्त्ति, सुख्याति, नामवरी । सुजस सुनिथायेॐ, प्रभु मंजन - भव- भार स्रवन 59 - रामा० । सुजागर - वि० (हि०) प्रकाशमान, सुशोभित, मनोहर, देखने में श्रुति सुन्दर या सुरूपवान, विख्यात | सुजात - वि० (सं०) विवाहित स्त्री धर पुरुष से उत्पन्न, श्रेष्ठ या अच्छे वंश या कुल में उत्पन्न, अच्छा, सुन्दर । बो०- सुजाता । सुजातयो पंकज-कोषयो श्रियम् "-- रघु० । सुजाति -संज्ञा, स्त्री० (सं०) सदवंश, श्रेष्ठ या अच्छी जाति सकुल । वि० - उत्तम जाति या कुल का | 3 For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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