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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - रुदित रुमाली रुदित-संज्ञा, पु०, वि० (सं०) रोदित, रोता रुद्राणी-संज्ञा, स्त्री० (सं०) पार्वती, दुर्गा, हुमा। भवानी, रुद्रजटा नामक औषधि लता। रुद्ध-वि० (सं०) वेष्टित, घिरा या मुँदा रुद्रावास-संज्ञा, पु० (सं०) शिव-निवास, हुघा, श्रावृत्त, बंद, रोका हुश्रा, जिसकी | काशीपुरी। गति रुकी हो। यौ०-रुद्ध कंठ-जिसका | रुद्रिय-वि० सं०, आनंददायी, रुद्र-संबंधी। गला भर भाया हो, जो बोल न सके। रुद्री-संज्ञा, स्त्री० (सं० रुद्र - ई-प्रत्य०) "भोगीव मंत्रौषधि-रुद्ध-वीर्य ".-- रघु० । वेद के रुदानुवाक या अघमर्षण सूक्त की रुद्र-संज्ञा, पु० (सं.) शिव जी का एक रूप, ग्यारह श्रावृत्तियाँ ( वेद०)। ११ रुद्रगण, देवता, रौद्र रस, ११ की संख्या। रुधिर-संज्ञा, पु० (सं०) रक्त, लोहू, खून । वि०-भयंकर, भयानक । । रोपि रन रुद्र रुधिराशी-वि० यौ० (सं०' रक्त पीने वाला। श्री विजै की लहिबो चहौ".--१० व० ! | रुनझुन- संज्ञा, स्त्री० (अनु०) पायजेब या रुद्रका-संज्ञा, पु० दे० (सं० रुद्राक्ष रुद्राक्ष। घघुरू का शब्द, झनकार, कलरव ।। रुद्रगण-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) शिव जी के | रुनित* - वि० दे० (सं० रुणित ) बजता सेवक या पारिषद् , भूतगण (पुरा० ), | हुआ। ११ रुद्रों का समूह । रुनी-संश, पु० (दे०) घोड़े की एक जाति | रुद्रजटा-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) एक क्षुप । | रुनुक-झुनुक - संज्ञा, स्त्री० (अनु०) रुनझुन । रुद्रट-संज्ञा, पु. (सं०) संस्कृत के काव्या- रुपना-अ. क्रि० दे० (हि. रोपना का लंकार ग्रंथ के निर्माता एक प्रसिद्ध कवि अ० रूप ) रोपा जाना, पृथ्वी में गाड़ा या और प्राचार्य । लगाया जाना, थड़ना. डटना, जमना, रुद्रतेज-संज्ञा, पु० यौ० (सं० रुद्रतेजस ) रुकना। षडानन, कार्तिकेय । रुपया, रूपया-- संज्ञा, पु० दे० (सं० रूप्य ) रुद्रपति- संज्ञा, पु० यौ० (सं०) रुद्राधिपति, रुपैय्या (दे०), चाँदी का एक बड़ा सिक्का शिवजी। जो सोलह आने का होता है ( भारत ), रुद्रपत्नी-संज्ञा, स्त्री० यौ० (५०) दुर्गा जी । धन संपति : रुद्रयामल - संज्ञा, पु० (सं०) भैरव भैरवी का रुपहला-वि० द० ( हि० रूपा ) चाँदी का संवाद-ग्रंथ ( तांत्रिक)। सा, चाँदी के रंग का, श्वेत । स्त्रो०--- रुद्रलोक-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) शिव का रुपहली । निवास-लोक। रुबाई---संज्ञा, स्त्री० (अ.) एक छद (पिं०) । रुद्रपंती-संज्ञा, स्त्री. ( सं० रुद्रवती) एक रुमंच *--संज्ञा, पु० दे० (सं० रोमांव ) प्रसिद्ध दिव्य बनौषधि, रुदंती, रुदवंती रोमांच, पुलकावली । (दे०)। रुमन्वान-संज्ञा, पु. (सं०) एक प्राचीन रुद्रविंशति-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) रुद्रवीसी, | __ ऋषि, एक पहाड़। प्रभवादि साठ संवत्सरों में से अंतिम बीस रुमांचित*-वि० ० यौ० (सं० रोमांचित) संवत्सर । रोमांचित । रुद्राक्रीड-संज्ञा, पु० (सं०) श्मशान । | रुमाल-संज्ञा, पु० (अ०) रुमाल । रुद्राक्ष-संज्ञा, पु० (सं०) एक बड़ा पेड़, उसके रुमाली-संज्ञा, स्त्री० दे० (फा० रूमाल ) फलों की गुठिलियाँ जिनकी माला शैव एक तरह का लँगोटा या छोटी साफी, लोग पहनते हैं। अंगौछी। For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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