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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - राजभक्ति १४८४ राजसमाज राजभक्ति-संज्ञा, स्त्री० यौ० सं०) राज्य या रामरोग-संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) यचमा या राजा के प्रति श्रद्धा या प्रेम। क्षय रोग, गहन और असाध्य रोग (कै.) । राजभवन-संज्ञा, पु. यौ० ( सं०) राज- राजर्षि-संज्ञा, पु. यौ० (सं० ) राजवंशीय भौन (दे०), राजा का महल, राज-मंदिर, | या क्षत्रिय जाति का ऋषि, तपोबल से राज-प्रासाद, राजसदन "राजभवन की ऋषि हुआ राजा। शोभा न्यारी'"-कु. वि.। राजलतमी- संज्ञा, स्त्री० यौ० ( सं० ) राज. राजभोग - संज्ञा, पु० यौ० ( सं०) दोपहर श्री, राजवैभव, राजा की शोभा या कांति । का नैवेद्य, एक महीन धान । राजलोक-संज्ञा, पु. यौ० (सं० ) राज. राजमंडल- संज्ञा, पु. यौ० (सं०) किसी | महल । “ केशव बहुराय राज राजलोक राज्य के आस-पास के राज्य, राजाओं की देखा"-के०। सभा. समिति या समूह । राजवंत-वि० ( हि० राज-वंत) नृप-कर्मराजमंदिर-संज्ञा, पु. यौ० (सं० ) राज- युक्त, राज्य-युक्त। भवन, राज सन्ना, राज-महल ।। राजवंश-- संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) राजा का राजमहल-संज्ञा, पु० दे० यौ० (सं० कुटुम्ब या कुल, राज-कुल । राजन् + महल) राजभवन, राजमंदिर, संथाल राजवर्म - संज्ञा, पु० यौ० ( सं० राजवर्मन् ) परगने का एक पहाड़। राज-पथ, राज मार्ग। राजमान-वि. ( सं० ) विराजमान, बैठारावार-संज्ञा, पु० दे० यौ० (सं० राज हुआ। " राजमान जलजान उपरि दोउ द्वार ) राजद्वार । कान्ह भानु की नन्दिनी' - श्रीभट्ट। राजविद्रोह--संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) राजराजमार्ग- संज्ञा, पु० यौ० (सं०) चौड़ी | द्रोह, बग़ावत, ग़दर । वि० राजविद्रोही। और बड़ी सड़क, शाही सड़क, राजपथ । राजशासन-संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) राजा की हुकूमत, राज-दंड । राजयक्ष्मा-- संज्ञा, पु० यौ० सं० राजयक्ष्मन् ) राजश्री--संज्ञा, लो. यौ० (सं०) राजयधमा या क्षय रोग, तपेदिक, राजरोग । लघमी, राजसिरी (दे०)। " चमू रघुनाथ राजयोग-संज्ञा, पु. ( सं० ) वह योग जू की राजश्री बिभीषण की रावण की मीच क्रिया जो पतंजलि के योग दर्शन में बताई दर कूच चलि पाई है "- राम । गई है (योग). जन्म-कुंडली में राजा करने राजसंसद-संज्ञा. पु० यौ० (सं० ) राजवाले ग्रहों का योग ( ज्यो.)। सभा, राजदरबार । राजराज-- संज्ञा, पु. यौ० (सं० ) कुबेर, राजस-वि० (सं०) रजोगुण, रजोगुणी, चंद्रमा, सम्राट् । “यहि विलोकि कोपि । रजोगुणोत्पन्न । संज्ञा, पु. कोप, थावेश । राजराज श्राप दियो "-रफु० । स्त्री० राजसी। राजराजेश्वर - संज्ञा, पु. यौ० (सं०) राजसत्ता-संज्ञा, स्रो० यौ० (सं०) राजराजराजेश, महाराजा, महाराजाधिराज, | शक्ति, राज्य की सत्ता। राजाओं का राजा । “ राजराजेश के राजा | राजसभा-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) राजा धाये यहाँ".-रामा स्त्री. गजराजेश्वरी। का दरबार, राजाओं की सभा । " राजा. राजराणी-राजरानी-संज्ञा, स्त्री० दे. यौ० | सभा मान देय घर को घटावे ना"( सं० राजराज्ञी ) महाराणी, राजा की विजः । रानी, राजमहिषी। | राजसमाज-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) राजाओं For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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