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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - - रक्तवृष्टि रखवार बूंदें गिरें उतने ही नये रूप, इस दैत्य के मादि की बाधा से रक्षित रहने के हेतु की बन जाते थे (दु. स.)। जाने वाली धार्मिक क्रिया । रक्तवृष्टि-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) व्योम से रक्षित-वि० (सं०) जिसका बचाव या रक्षा लोह या लाल रंग के पानी का गिरना, की गयी हो, पाला-पोषा। 'अरक्षितः रक्षति रक्त-वर्षा । दैव-रक्षितो"- स्फु० । रक्तस्त्राव--संज्ञा, पु. यौ० (सं०) कहीं किसी रक्षी संज्ञा, पु. ( सं० रक्षस्न-ई-प्रत्य०) अंग से लोहू बहना या निकलना। राक्षसोपासक, राक्षम पूजने वाला। संज्ञा, रक्तातिसार-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) ख़न ! पु.-रक्षक। के दस्त श्राना. खूनी बवासीर, बवासीर के | रक्ष्य -- वि० (सं०) रता करने या बचाने मसों से रक्त पाना। योग्य । रक्तार्श- संज्ञा, पु० यौ० ( सं० रक्तार्शस् ) रख, रखा -- संज्ञा, स्त्री० (दे०) गोचर भूमि। खूनी बवासीर रखना-स० कि० दे० (सं० रक्षणा ) एक रक्तिका-संज्ञा, स्त्री. (सं० गुंजा, रत्ती चीज दूसरी पर या में स्थापित करना घंधची, शुमची (दे०)। रत--सज्ञा, पु० (सं०) रक्षक, रखवाला रक्षा, ठहराना, धरना, टिकाना, बचाना, रक्षा छप्पय का ६०वा भेद (पिं० । संज्ञा, पु. करना । स० रूप-रखाना. प्रे० रूप-रख( सं० राक्षस् ) राक्षस। वाना । यो :--रख-रखाव-रक्षा, व्यर्थ रक्षक-- संज्ञा, पु० (सं०) खघाला. रक्षा विनष्ट या बरबाद न होने देना जोड़ना, सौंपना. गिरवी या रेहन करना, निज अधि करने वाला, पहरेदार, रच्छक (दे०)। कार में लेना (विनोद या व्यवहार के लिये), रक्षण-संज्ञा, पु. (सं०) रक्षा करना, बचाना, मुकर्रर करना धारण करना व्यवहार करना, पालन-पोषण, रच्छन (दे०)। ज़िम्मे लगाना. सिर मढ़ना, ऋणी होना, रक्षणीय - वि० (सं०) रक्षा करने योग्य । रक्षन*--संज्ञा, पु० दे० (सं० रक्षणा) रक्षण, मन में धारण या अनुभव करना, संबंध करना (स्त्री या पुरुष से), उपपत्री (उपपति) पालन-पोषण, रच्छन (दे०)। बनाना। रक्षना*-स० क्रि० दे० । सं० रक्षगा ) रखनी-- संज्ञा, स्त्री० (हि० रखना + ई-प्रत्य०) रच्छना (दे०) रक्षा करना। रखेली, बैठाई या रखी स्त्री, सुरैतिन, रक्षस*--संज्ञा, पु० दे० (सं० राक्षस) राक्षस । उपपत्नी। रक्षा-संज्ञा, स्त्री० (सं०) रक्षण, बचाव, रखया-वि० स्त्री० दे० (सं० रक्षा) रक्षा पालन-पोषण, रच्छा (दे०), भूत-प्रेत या करने वाली। दृष्टिदोष से बचाने को बाँधने का सूत ।। रखला-सज्ञा, पु० (दे०) छोटी तोप, तोप रक्षाइद-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० रक्षा । की गाड़ी या चर्ख । प्राइद-हि-प्रत्य. ) राक्षसपन । रक्षागृह--संज्ञा, पु० यो० (सं०) सूतिकागृह, रखवाई संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० रखना, रखाना) जच्चाखाना। रखाई (दे०) रखवाली, चौकीदारी. रखवाली रक्षाबंधन-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) श्रावण की मजदूरी रखाने या रखवाने का ढंग या पूर्णिमा को हिन्दुओं का एक त्यौहार, काम वि० संज्ञा, पु. (दे०) रखवैया । सलोनी (प्रान्ती०)। रखवार* --संज्ञा, पु० दे० (हि० रखवाला) रक्षामंगल-संज्ञा, पु० यौ० (६०) भूत-प्रेत , रखवाला, चौकीदार, रक्षक । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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