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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मिल्लत १४१० मित्र मिल्लत-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. मिलन-त- मिसर-संज्ञा, पु० दे० (सं० मिथ) मिश्र प्रत्य०) मेल-जोल, मिलाप, मिलनसारी, देश, मिसिर (दे०) घनिष्ठता । संक्षा, स्त्री. (अ.) मत, धर्म, मिसरा-- संज्ञा, पु० दे० (अ. मिसर अ) संप्रदाय, पंथ । उर्दू-फारसी या भरवी के छंद का एक मिश्र-वि० (सं०) मिला या मिलाया हुश्रा, चरण । संयुक्त, मिश्रित, उत्तम, श्रेष्ठ, एक ही जाति मिसरी, मिसिर संज्ञा, स्त्री० दे० । सं० की भिन्न भिन्न नाम वाली संबंधित संख्यायें मिश्री ) मिश्र देश का निवासी, मिश्र की (गणि.)। संज्ञा, पु. (सं) कान्यकुब्ज, भाषा, एक प्रकार की साफ जमाई हुई सरयूपारी तथा सारस्वतादि बाह्मणों के एक दानेदार चीनी, मिश्री, मीसिरी, मिसिरी वर्ग की उपाधि, मिस्र देश (अफ्रीका। (दे०) । “बांय फांस श्री मीसिरी, एकै भाव मिश्रकशी-संज्ञा, स्त्री० (सं०) एक अप्सरा! बिकाय" ! मिश्रण-संज्ञा, पु. (सं०) मिलावट, मेल, मिसल---संज्ञा, स्त्री० दे० ( अ० मिसिल ) दो या अधिक वस्तुओं को एक करना, कागजों का समूह, मुकदमे के काग़ज़ों का जोदना, मिलाना, एकीभाव, जोड़ या योग मुट्ठा । सज्ञा, सं० द० ( अ० मिसल ) लगाने की क्रिया, जोड़ (गणे.)। वि०-1 लमान, तुल्य, रणजातामह के बाद स्वतन्त्र मिश्रणीय । हो गये सिक्खों के समूह । मिश्रित-वि० (सं०) एक ही में मिला हुआ मिसाल---संज्ञा, स्त्री० (अ०) नज़ीर, उपमा, मिष-संज्ञा, पु. (१०) व्याज, बहाना, उदाहरण, कहावत, नमूना । मिस, ढीला, छल, ईया, कपट डाह। पिरिसर -संज्ञा, पु० (दे०) मिश्र (बासाण), मिष्ट---वि० (सं०) मधुर, मीठा मिश्र देश। मित्रभाषी- संज्ञा, पु० यौ० (सं० मिष्टभाषिन्) मिसिल- वि० दे० ( अ० मिस्ल ) समान, मिष्टवादी, मीठा, प्रिय था मधुर बोलने तुल्य, नज़ीर । संज्ञा, स्रो० किसो विषय या वाला, मधुरभाषी। मुकदमे के कागजों का समूह ।। मिष्ठान्न-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) मिठाई, मिस्तर - संज्ञा, पु. ( हि० मिस्तरी) काठ मीठा पकवान । का एक औज़ार जिससे राज लोग छत मिस, मिसि, मिसु-संज्ञा, पु० दे० (सं० पीटा करते हैं, पिटना, लकीर खीचने का मिष ) व्याज, बहाना. हीला-हवाला, पाखंड, तागेदार दप्ती का टुकड़ा ! संज्ञा, पु०--- छल, नकल। मेहतर । वि० दे० अं०) मिस्टर, महाशय । मिसकीन-वि० दे० (अ० मिस्कीन) दीन, दुखिया, ग़रीब, निर्धन, बेचारा, बापुरा । मिस्तरी, मिस्तिरी- संज्ञा, पु० दे० ( अं० संज्ञा, मिसकीनी। मास्टर ) हाथ का चतुर कारीगर, दस्तकार , मिसकीनता*----संज्ञा, स्त्री० दे० ( ० मिस्त्री (दे०)। मिसकीन--ता -- सं० प्रत्य) निर्धनता, मिस्तरीखाना--संज्ञा, पु० यौ० (हि. दीनता। मिस्तरी- खाना फा० ) बढ़ई, लोहारों के मिसना*---अ० कि० दे. ( सं० मिश्रण) काम करने का घर। मिलना, मिश्रित होना । अ० कि० दे० मिन - संज्ञा, पु. ( अ० = नगर ) अफ्रीका (हि० मीसना का अ० रूप) मला, मसला महाद्वीप के उत्तर-पूर्व में लाल सागर के या मांजा जाना, मीसा जाना, पिसना। तट पर एक देश । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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