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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org बैसाना बग़ल में लगाकर टेकते चलते हैं । वि०(दे०) बैसाख का । बैसाना* [* - स० क्रि० दे० (हि० बैसना) बैठाना । स० रूप- बैसारना, प्रे० रूप- - बैसरवाना बैसवा | बैसिक / - संज्ञा, पु० दे० (सं० वैशिक ) १३०१ वैश्या प्रेमी नायक ( काव्य ० ) । बैहरt - वि० दे० (सं० वैर - भयानक ) -- बोझा संज्ञा, पु० दे० ( हि० बोझ ) भार, वजन, गट्ठा पोटरी गठरी । भयानक, भयंकर, क्रोधालु । * - संज्ञा, स्त्री० (दे०) वायु (सं०) वैहरिया | बोलाई बुधाई - ज्ञा स्त्री० दे० (हि० बोना) बोने की मजदूरी, बोने का कार्य्यं । बोआना – स० क्रि० (दे०) खेत में छिड़कवाना, बुधाना, बोवाना (ग्रा० ) । बोधारा - संज्ञा, पु० (दे०) खेत बोने का समय, सुकाल ! बीज बोक संज्ञा, पु० दे० (हि० वकरा ) बकरा | बोज - संज्ञा, पु० (दे० ) घोड़ों का एक भेद । बोजा - संज्ञा, स्त्री० दे० (फा० बोजः) चावल की मदिरा | बोझ - संज्ञा, पु० दे० ( सं० भार ) गुरुत्व, भार, भारीपन, बोझा, गठरी, कठिन कार्य या बात, किसी कार्य में होनेवाला श्रम, व्यय या कष्ट, गट्ठा, एक श्रादमी या पशु के लादने योग्य भार, वह जिसका सम्बन्ध निबाहना कठिन हो । बोधगम्य - वि० (सं०) समझ में श्राने योग्य | बोभना - स० क्रि० दे० ( हि० बोझ ) बोझ | बोधन- संज्ञा, पु० (स०) सूचित करना, लादना । जगाना | वि०-योधनीय, बोध्य, बोधित। बोझल, बोझिल - वि० दे० ( हि० बोझ ) बोधना* - स० क्रि० दे० (सं० बोधन ) भारी वजनी गुरु, गरू (दे० ) । समझाना, बोध या ज्ञान देना । द्वि० क० रूप बोधाना, प्रे० रूप बोधवाना । बोधितरु, बोधिदुम-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) गया का वह पीपल का वृक्ष जिसके नीचे बुद्ध को संबोधि (बुद्ध) ज्ञान प्राप्त हुआ था । बोधिसत्व -- संज्ञा, पु० यौ० (सं०) बुद्धव प्राप्त करने का अधिकारी । बोट - संज्ञा, खो० (दे०) छोटी नाव, डोंगी, संस्थाओं में प्रतिनिधि भेजने की सम्मति । वोट (अं० ) । बोना बोड़ा - संज्ञा, पु० (दे०) अजगर | संज्ञा, पु० (दे०) लोबिया । बोड़ी-संज्ञा, त्रो० (दे०) दमड़ी, कौड़ी, बहुत थोड़ा धन | संज्ञा, स्रो० (दे०) बौंड़ी, लता । बोत - संज्ञा, पु० (दे०) घोड़ों की एक जाति । बोतल - संज्ञा, स्त्री० दे० ( ० बाटल) काँच की बड़ी लम्बी गहरी शीशी । बोटी - संज्ञा, स्रो० ( हि० बोटा ) माँस का छोटा सा टुकड़ा। मुहा० - बोटी-बोटी करना ( काटना) -- शरीर को काट कर टुकड़े टुकड़े कर देना । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बोताम - संज्ञा, पु० दे० ( श्रं० बटन ) बटन, गोदाम, गुदाम बुनाम ( ग्रा० ) । बोलू - संज्ञा, पु० (दे०) बकरा. छाग । बोदली - संज्ञा, स्त्री० (दे०) भोदली । बोदा - वि० दे० (सं० प्रबोध ) गावदी, भोला, मूर्ख, सुस्त, महर, फुसफुसा | संज्ञा, go - बोदापन | त्रो० बोदी | घोद्र - वि० (सं०) व्युत्पन्न, बुद्धिमान, समझदार, चतुर, ज्ञानी 1 बोध - सज्ञा, पु० (सं०) ज्ञान, समझ, जानकारी, संतोष, धीरज, धैर्य । बोधक-- संज्ञा, पु० (सं०) समझाने या ज्ञान कराने वाला, जताने वाला, संकेत या क्रिया द्वारा एक दूसरे को मनोगत भाव जताने वाला शृंगार रस का एक हाव ( काव्य० ) । बोना - स० क्रि० दे० (सं० वयन) छितराना, बिखराना, खेत या भुरभुरी भूमि में जमने For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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