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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Rame बस्तु, बस्तू १२४५ बहरी की तू बस्ती रखे तेरा भी है बस्ता पुरा"। अधिक या यस्ता मिलना, गर्भ गिरना, नष्ट घर बना कर रहने का कार्य या भाव। । होना, डूब जाना ( रुपया श्रादि ) खींच बस्तु-बम्तू- संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० वस्तु ) या लाद कर ले चलना चलना, निर्वाह पदार्थ द्रव्य, चीज । करना, धारण या बहन करना, उठना बस्माना—कि० अ० दे० ( हि० वास ) मारा मारा फिरना, पानी की धार के साथ दुर्गधि देना बनाना चलना, धार या बंद के रूप में निकल बहग'-बँहिंगी-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० चलना. सवित होना स० रूप वहाना । विहगिका ) बोझ ले जाने को तराजू जैसी मुहा०----बहनी गंगा में हाथ धोनाचीज़, काँवर, काँवरि । संज्ञा, पु०-हिंगा । जिपसे लोग लाभ उठा रहे हों उससे लाभ बहाना-क्रि० अ० दे० ( हि० बहना ) सही उठाना। रास्ते से भूल कर अन्य ओर जाना, बहनाण ज्ञा, पु. (हि० बहिन + आपा भटकना, भूलना, चुकना भुलावे में -प्रत्य० ) बहिन का संबंध या नाता। श्रा जाना धोखा खाना, बहलना ( बच्चों | बहान, बानी-संज्ञा, स्त्री. (दे०) प्रवाह, का ) किसी कार्य या बात में पड़ कर बहना अनुजा बहिन, बहिनी। शान्त हो जाना मद या रस में चूर होना, बहना* --- संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० वह्नि) आपे में न रहना, ठीक लघय से धन्यथा, आग, अग्नि जाना । मुहा०-बहकी बहकी बातें बहनु* संज्ञा, पु० दे० (सं० वहन, वाहन, करना-उन्मादी की सी बातें करना, सवारी। चढ़ी-बढ़ी या भुलावे की बातें करना। बहनेती-संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० वहिन ) स० रूप-नद काना, प्रे० रूप-नहकवाना । बहिन से संबंध वाली। बहकाना-स० कि० (हि. बहकना ) सही बहनोई --- संज्ञा, पु० दे० ( सं० भगिनी-पति) स्थान, लक्ष्य या मार्ग से दूसरी ओर ले बहिन का पति, जीजा (प्रान्ती.)। जाना या कर देना, भुलवाना बहलाना, बहरा-बहिग--वि० दे० ( सं० वधिर ) जिसे भरमाना. फुपलाना. बातों से शांत करना। कम या कुछ न सुनाई दे । स्त्री० बहिरी, बहकाव-हकावट --संज्ञा, स्त्री० (हि. बहरी । संज्ञा, पु. बहरापना। बहकोना ) बहकाने का भाव । बहतोल*-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. बहता बहराना-महाना--स० क्रि० दे० (हि. बह+ल-प्रत्य० । पानी बहाने की छोटी राना या बहलाना) दुःख, चिंतादि के भुलवाने नाली, बरहा। वाली मनोरंजक बातें कहना, फुपलाना. बहन-बहान-संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० भग्नी ) भुलाना बहकाना। "कछु बहराइ लगे बहिन । संज्ञा, स्त्री. ( हि० बहना ) बहना कछुक सराहनि से"-रना । क्रिया का भाव । बहरियाना स० क्रि० दे० (हि० बाहर+ बहना-क्रि० अ० दे० ( सं० वहन ) प्रवाहित इयाना प्रत्य०) निकालना. जुदा या विलग होना, पानी श्रादि द्रव वस्तुओं का किसी | __ करना, बाहर करना । कि० अ० (दे०)ओर जाना. हटना. दुर होना, कुमार्गी या जुदा या अलग होना, निकलना। आवारा होना. फिसल जाना, बिगड़ना, बहरी-संज्ञा, स्त्री० ( अ० ) सामुद्रीय बाज वायु का चलना, स्थान या लक्ष्य से सरक जैश एक शिकारी पक्षी। वि. स्त्री० (दे०) जाना, अड़ाना ( पशुओं का ) बुरा होना, | बधिर । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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