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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पनकाल २०६३ पनहा पनकाल-संज्ञा, पु० दे० (हि० पानो+ | पनघ-संज्ञा, पु० दे० (सं० प्रणव ) प्रणव, काल ) अति वर्षा के कारण पड़ा हुआ ओ३म् शब्द । दुर्भिक्ष, अकाल । पनवाड़ी-संज्ञा, पु० दे० (हि० पान+बाड़ी) पनगोटी-संज्ञा, स्त्री० (दे०) बनी बसन्त, पान का बाग, पान की बारी, पानों का चेचक का एक भेद। खेत, तमोली, पान बेचने वाला। पनघट--संज्ञा, पु० दे० यौ० (हि० पानी+ पनवार-पनवारा--- संज्ञा, पु० दे० (हि. पान घाट) वह घाट जहाँ से लोग पीने के लिये -वार-प्रत्य० ) पत्तल, पतरी। पानी भरते हों। पनशल्ला-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. पानी+ पनच-संज्ञा, स्त्री० (सं० प्रतंचिका) प्रत्यंचा, शाला ) पौसला, पियाऊ, प्याऊ, पयधनुष की ताँत या डोरी।। शाला (सं०)। पनचक्की-संज्ञा, स्त्री० दे० यौ० (हि० पानी पनस-संज्ञा, पु. (सं०) कटहल | +चकी ) पानी के बल से चलने वाली पनसा-वि० दे० (हि. पानी+सा = समान) चक्की । “नहर पर चल रही थी पनचक्की"। पानी का सा, पानी जैसा स्वाद, फीका । पनछुटा-वि० ( दे० यौ० पानी+छूटना ) | पनसाखा-संज्ञा, पु० दे० (हि. पाँच+ जिससे पानी छूटता या निकलता हो। शाखा ) एक मशाल जिसमें पाँच या तीन पनडब्बा -संज्ञा, पु. यौ० दे० हि० पान+। फलीते साथ जलते हैं। मुहा०--पनसाखा डब्बा) पान रखने का डब्बा । बढ़ाना (हटाना)--मंझट या झगड़ा पनडुब्बा-संज्ञा, पु० दे० यौ० (हि. पानी मिटाना, वादविवाद बन्द करना, झगड़ा +डूबना ) दुबकिहारा, पानी में डुबकी टालना या हटाना, दूर होना। लगाने वाला, एक नाव (अाधु०) गोताखोर, | पनसारी-संज्ञा, पु० दे० (सं० पण्यशाली) पानी में डुबकी लगा मछलियाँ पकड़ने | किराना, मेवा, औषध बेचने वाला दुकानदार। वाला पक्षी। पनसाल-संज्ञा, स्त्री० दे० यौ० (हि. पानी पनडुब्बी-- संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० पनडुब्बा ) ___+ शाला ) पौसर, पंसरा, पियाऊ, प्याऊ । एक पक्षी, एक नाव जो पानी में डूबी हुई । संज्ञा, स्त्री० (दे०) पानी की गहराई जाचने चलती है सबमेरीन (५०)। का उपकरण । पनपना-अ० क्रि० दे० (सं० पर्णय = हरा | पनसुइया-पनसोई-संज्ञा, स्त्री० दे० यौ० होना ) पानी पाने से हरा-भरा हो नाना, (हि. पानी-+-सूई ) एक तरह की छोटी तन्दुरुस्त हो जाना, अच्छी दशा में माना। नाव, डोंगी। पनपनाहट-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. पनपनाना) | पनसेरी-संजा. स्त्री. द. यौ० (हिपाँच-1. सनसनाहट, ज़ोर से हवा चलने का शब्द । सेर) पंसेरी, पाँच सेर का बाट, पसेरी पनबट्टा-संज्ञा, पु० दे० (हि. पान + बट्टा (ग्रा.)। = डिब्बा ) पानदान, पान रखने का डिब्बा, | पनहरा—संज्ञा, पु० दे० (हि. पानी- हारा पनडब्बा। -~~-प्रत्य० ) पनभरा, कहार । पनबसना-संज्ञा, पु. यौ० दे० (हि. पान TET--संज्ञा. प० दे० (सं० परिण किती -|-बसन ) पान रखने का कपड़ा। वस्तु की चौड़ाई गूदाशय, गूढ़ तात्पर्य, भेद, पनभरा-संज्ञा, पु० दे० यौ० ( हि० पानी+ मर्म । संज्ञा, पु० दे० ( सं० पण ) चोरी का भरना ) पानी भरने वाला, पनिहारा, कहार। पता लगाने वाला। For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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