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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - - अनुसंधानना अनूठापन अनुसंधानना-स० क्रि० (सं० अनुसंधान ) लिखते हैं । (-) स्वर के ऊपर की बिन्दी, खोजना, ढूंढना, सोचना, विचारना, इसके आधे रूप को चंद्रविन्दु (") कहते (रामा० ८८) हैं यह अर्ध अनुस्वार है-निगृहीत । अनुमरण-अनुसरन--(दे० ) संज्ञा पु. अनुहरत -वि० (हि. अनुहरना ) अनुसार, (सं० अनु + + अनट ) पीछे या साथ अनुरूप, समान, उपयुक्त, योग्य, अनुकूल, चलना, अनुहार, अनुकरण, नकल, अनुकूल __ "मोहि अनुहरत सिखावन देहू' रामा० । आचरण, अनुगमन। अनुहरना*-- स. क्रि० दे० (सं० अनु. अनुमयाना संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० अनु- हरगा ) अनुकरण या नक़ल करना समान शयाना ) देखो-अनुशयान।। होना, देखा-देखी कोई काम करना, बराबरी अनुसर- वि० (सं० ) अनुसार, समान। करना । अनुसरना-स० क्रि० (सं० अनुसरण ) अनुरिया संज्ञा, स्त्री० ( हि० अनुहार ) पीछे या साथ चलना, अनुकरण करना, श्राकृति मुखानी (दे० )। नक़ल करना, अनुकूल करना, अनुगमन | अनुहार- वि० (सं० अनु + ह - घज् ) करना-“ सिर धरि गुरु-आयसु अनु- सदृश, तुल्य, समान अनुसार, अनुकूल, सरहू".-रामा० । उपयुक्त । संज्ञा, स्त्री० रूप, भेद, प्रकार, अनुसार-वि० (सं० अनु + स. घज् ) मुखानी, श्राकृति, सादृश्य, रूप, (दे०) अनुकूल, सदृश, समान, मुश्राफ़िक, अनुहारि--" वर अनुहारि बरात न भाई".... अनुरूप । रामा० । "देखी सासु आनि अनुहारी".... अनुसारना -- स० क्रि० (सं० अनुसरण ) रामा० । " यह अनुहारिको निहारि अनुमान अनुसरण करना, श्राचरण करना, कोई हम ---अभि० ब०। कार्य करना, चलना, कहना । "पुलकित अनुहारना* -- स० कि. (सं० अनुहारण ) तनु श्रस्तुति अनुसारी"--रामा० 'ताते तुल्य करना, सदृश करना, समान करना, कछुक बात अनुसारी".--रामा० । उपमा दना, “ खंजन न जान अनुहारे "-- अनुसारी*-वि० दे० (सं० अनुसार ) सूर० । अनुसरण या अनुकरण करने वाला, अनुहारी--- वि० (सं० अनुहारिन् ) अनुकरण (रामा०)। या नकल करने वाला, स्त्री. अनुहारिणी अनुसाल*-संज्ञा, पु० दे० ( अनु + हिं० (दे० ) अनुहारिनी। सालना ) पीड़ा, बेदना, दुःख, पीर (दे०)। अनुहार्य-संज्ञा, पु० (सं० अनु -- ह+ स० क्रि० दे० अनुसालना--पीड़ा देना, ध्यण ) मासिक श्राद्ध । वि० अनुहार के योग्य । अनुसासन-संज्ञा, पु० दे० (सं० अनुशासन ) | अनूजरा ---वि० दे० (सं० अनुज्वल ) देखो अनुशासन। मैला, मलीन, मलिन। अनुसूचन-संज्ञा, पु. ( सं० अनु + सूच् + | अनूठा वि० (सं० अनुत्य ) अनोखा, अनट् ) विचार, ध्यान, स्रो० अनुसूचना---- विचित्र, विलक्षण, निराला, अद्भुत, अच्छा, श्रान्दोलन, सुचिन्ता, अनुष्ठान । बढ़िया, स्त्री० अनूठी। अनुस्वार-संज्ञा, पु० (सं० अनु + स + अनूठापन-संज्ञा, पु. ( हि अनूठा - पन --- घज् ) स्वर के पीछे उच्चरित होने वाला प्रत्य० ) विचित्रता विलक्षणता, अपूर्वता, अनुनासिक वर्ण या स्वर, जिसे इस प्रकार अनोखापन, सुन्दरता, अच्छाई । दुखाना। For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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