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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org १०३५ नुका नुका - संज्ञा, पु० ( दे० ) कज्जल, एक छंद (fão) नुकीला - वि० (हि० नोक + ईला - प्रत्य० ) नोकदार, जिल वस्तु में नोक हो । स्रो० नुकीली । नुक्कड़ - संज्ञा, पु० ( हि० नोक का अल्पा० ) are या निकला हुआ कोना, पतला सिरा । नुक्स - संज्ञा, पु० (अ० ) ऐब, बुराई, दोष, ग़लती, त्रुटि, कमी । नुखट्टा- संज्ञा, पु० (दे०) नख का खसोट | नुचना - अ० क्रि० दे० (सं० लुंचन ) नोचा जाना, उखड़ना । स० क्रि० - नुचाना । नुचवाना - स० क्रि० दे० ( हि० नोचना का प्रे० ० रूप ) नोचने का कार्य किसी दूसरे से कराना, नोचवाना | नुति - संज्ञा, त्रो० (सं० ) स्तुति, स्तोत्र, खुशामद | नुत्का - संज्ञा, पु० (०) वीर्य, शुक्र । नुत्काहराम वि० यौ० ( ० ) वर्ण संकर ( गाली ) । नुनखरा- नुनखारा - वि० दे० यौ० (हि० नून + खारा) नमकीन, नमक से खारे स्वाद का । नुनना - स० क्रि० दे० (सं० लवन, लून) सुनना, खेत का श्रनाज काटना | नुनाई + * - संज्ञा, त्रो० दे० ( हि० नून ) लुनाई, सुन्दरता, सलोनापन, नमकीनपन | नुनियाँ - संज्ञा, पु० (दे०) नमक, शोरा बनाने वाली एक नीच जाति, नोनियाँ (प्रा० ) । नुनेरा - संज्ञा, पु० दे० ( हि० नून + एरा प्रत्य० ) नमक बनाने वाला लोनियाँ, नोनियाँ । नुमाइश - संज्ञा, स्त्री० ( फा० ) प्रदर्शन, दिखावट, प्रदर्शनी, तड़क-भड़क, सजावट । नुमाइशी - वि० ( फा० ) दिखाऊ, दिखौवा ( ग्रा० ) दिखावटी । नुसखा - संज्ञा, पु० ( ० ) लिखा कागज, दवाइयों का रुक्का । नूत - वि० दे० सं० नूतन ) नवीन, नया, अनोखा, ताज़ा, अनूठा । नूतन-नून (दे० ) - वि० नया, अनोखा, ताज्ञा । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नूतनता - संज्ञा, स्त्री० (सं०) नयापन, नवीनता । नूधा - संज्ञा, पु० (दे०) एक प्रकार की तमाकू। नूनं - - श्रव्य ० (सं० ) निश्चयार्थक शब्द | नूनंत्वयायास्यति” – भो० प्र० । 64 नृत्यकी (सं०) नवीन, नून - संज्ञा, पु० (दे०) घाल घाल की जाति की एक लता । +-संज्ञा, पु० दे० (सं० लवण) नमक, नोन ( ग्रा० ) । मुहा० - नून - तेल -गृहस्थी का सामान । वि० दे० (सं० न्यून ) न्यून, कम नूनताई* - संज्ञा, खो० दे० (सं० न्यूनता ) न्यूनता कमी । नूपुर - संज्ञा, पु० (सं०) पायजेब, पैंजनी, घुंघुरू | " कंकन- किंकिन-नूपुर-धुनि सुनि 99 - रामा० । 1 नूर - संज्ञा, पु० (अ० ) रोशनी, प्रकाश, ज्योति । मुहा० - नूर का तड़का - प्रातःकाल । " रात बीती नूर का तड़का हुआ "| नूर बरसना - अधिक कांति होना । शोभा, श्री, कांति । यौ० - नूरजहाँ - शाहजहाँ बादशाह की बेगम । नूरा - वि० दे० (अ० नूर) तेजस्वी, प्रतापी । नूह – संज्ञा, पु० (०) एक पैग़म्बर (मुस० ), जिनके समय में बहुत बड़ा तूफ़ान आया था । न - संज्ञा, पु० (सं०) मनुष्य, नर, आदमी । नुकपाल - नृकपालिक— संज्ञा, स्त्रो० यौ० (सं०) मनुष्य की खोपड़ी । नृकेसरी - संज्ञा, पु० दे० यौ० (सं० नृकेशरिन ) नृसिंह, नरसिंह, श्रेष्ठ पुरुष, नरकेसरी । नृतक - संज्ञा, पु० दे० (सं० नर्तक) नाचने वाला । For Private and Personal Use Only 1- अ० क्रि० (सं० नृत्य ) नाचना । नृत्तना नृत्य -संज्ञा, पु० (सं०) नाच, नत्तन । नृत्य की संज्ञा स्त्री० दे० (सं० नर्तकी) नाचने वाली, नर्तकी । -
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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