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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - निर्लज्ज निविषी निर्लज्ज-वि० (सं०) लज्जा-रहित, बे शरम, | निर्वापरण- संज्ञा, पु. ( सं०) त्याग, दान, निरलज्ज, निलज (दे०)। प्राणनाश, वध, बुझाना, नाश । निर्लज्जता--संज्ञा, स्त्री. (सं० ) बेशर्मी, | निर्वायु-वि० (स.) वायु-रहित । बेहयाई। निर्वास - संज्ञा, पु. ( सं०) निकाल देना, निलिप्त-वि० (सं०) जो लिप्त या प्रासक्त न । बाहर कर देना, दूरी करण । हो, साफ़, शुद्ध, निर्दोष । संज्ञा, स्त्री० निर्धासक-संज्ञा, पु० (सं० ) निकालने या निलिप्तता। बाहर करने वाला, देश निकाला देने वाला। निर्लेप-वि० ( सं०) लेप या दोष-शून्य, निर्वासन-संज्ञा, पु. (सं.) वध करना, निर्दोष, निष्कलंक, सात, शुद्ध । मार डालना, देश आदि से निकाल देना, देश निकाला । वि० निर्वासनीय । निर्लेपन-संज्ञा, पु. ( सं०) दोष शून्यता। | निर्वासित- वि० (सं० ) दूरीकृत, निकाला वि० निर्लेपनीय, निलेपित। निलेश-वि० (सं०) लेश-रहित, निर्दोष, गया, बहिष्कृत । निर्वास्थ-वि० (सं०) निकालने योग्य, देशनिष्कलंक, साफ शुद्ध । निकाले के योग्य, अपराधी। निलेभि - वि० (सं०)लालच-रहित, लोभ-हीना | निमि-- वि० (सं०) लोम या रोम-रहित । | निर्वाह- संज्ञा, पु. (सं०) गुज़र,निबाह (दे०)। निर्वश-वि० (सं०) कुल-रहित, कुटुम्ब या निर्वाहना*-अ० कि० दे० (सं० निर्वाह -1 परिवार-हीन, जिसका वंश नष्ट हो गया हो । हि. ना प्रत्य० ) गुज़र या निर्वाह करना । निरबंस, (दे०) । संज्ञा, स्त्री० निर्वशता । निर्विकल्प-वि० (सं०) विकल्प या भेदवि० निर्वशी। रहित, परिवर्तन-हीन, निश्चल, स्थिर, नित्य । निर्वहण-संज्ञा, पु० (सं०) निर्वाह, निबाह निर्विकल्पसमाधि - संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) गुज़र, गुज़ारा, समाप्ति । वि० निर्घहगीय । समाधि का एक भेद जिसमें ज्ञान, ज्ञाता, निर्वहना* ---अ० कि० दे० (सं० निर्वहन ) और ज्ञेय का भेद मिट जाता है, परमात्मा निभना, चलना, गुज़र करना, निवहना।। का साक्षात्कार । निर्वाचक-संज्ञा, पु. ( सं०) चुनने वाला, निर्विकार-वि० (सं०) विकार-रहित. परिजो चुने या निर्वाचन करे। वर्त्तन-हीन, शुद्ध, साफ, निषि, स्वच्छ । निर्वाचन-- संज्ञा, पु. ( सं०) बहतों में से वि० निर्विकारी-निर्विकार वाला। निर्विघ्न - वि० (सं०) बाधा-रहित । क्रि० वि० निर्वाचित--वि० (सं०) चुना या छाँटा हा। (सं०) विघ्न के बिना । संज्ञा, स्त्री० निर्विघ्नता। निर्वाण - वि० (सं०) बभा हा लोप निर्विवाद - वि० (सं०) विवाद-रहित, झगड़ाबुझी हुई भाग या बाती, अस्तंगत, शांत, हीन, बिना हुज्जत । मृत। संज्ञा, पु० (सं०) ठंढा हो जाना, अस्त, निर्विवेक-वि० (सं०) विचार-रहित, बुद्धि मुक्ति, निरबान (दे०)। " पद न चहौं ___ या ज्ञान से शून्य । वि. निविवेकी। निरबान"-रामा०। निर्विशंक-वि० (सं०) निडर, साहसी, निर्भय। निर्वात-वि. (सं० ) वायु या पवन-रहित निविशेष-संज्ञा, पु. ( सं० ) परमेश्वर, पर. स्थान, निर्वायु। मात्मा, जिससे विशेष या अधिक कोई न हो। निधि-वि० (सं०) वाधा या विघ्न-रहित, निर्विष-वि० (सं०) विष-मुक्त, विष के बिना कंटक या शत्रु-रहित, सुगम, सरल, अवाध। निर्विषी-- संज्ञा, स्त्री० (सं०) एक घास जिसकी एक For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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