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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भारतीय पुरालिपि-शास्त्र विकास उसी लिपि से हुआ है जिसकी चर्चा अभी ऊपर की गई है। यह लिपि संभवतः ईसा की तीसरी शती में विकसित हुई। इसकी एक प्रमुख विशिष्टता अ, आ, क, ञ, र, और ल की खड़ी रेखाओं को काफी लंबा कर देना है। इ, ई, और उ की मात्राएं भी काफी लंबी हो जाती हैं । थ और ह के घसीट रूप इसे बाद की लिपि बताते हैं । ह का रूप इसके उत्तरी गुप्त-कालीन रूप (फलक, IV, 39, I, VI) से मिलता-जुलता है। मे (30) में ए की मात्रा जिसमें नीचे की ओर भंग है उत्तरकालीन दक्षिणी लभिलेखों से मिलती-जुलती है, मिला. 30, XIX XX और फलक VII,35, XII) । इसी प्रकार तू (21) में ऊ की मात्रा भी इसे बाद का रूप सिद्ध करती है (मिला. स्त. XIX और फल. VII, 30, XX)। तू (40) की ऊ की मात्रा में स्वर की दीर्घता प्रकट करने वाली लकीर व्यंजन के सिर पर लगी है । यह नितांत असामान्य बात है। ई. पल्लवों के प्राकृत भूदान-लेखों की लिपि : फलक III तमिल-क्षेत्र101 कांची में प्राकृत भाषा में पल्लव राजा विजय बुद्धवर्मन और शिवस्कंदवर्मन के अभिलेख मिले हैं जिनमें इनके भूदानों का उल्लेख है । ये अभिलेख बड़ी घसीट लिखावट में लिखे गये हैं। इनकी लेखन-शैली जग्गयपेट के अभिलेखों से इनका संबंध स्थापित करती है। किंतु इसमें कोई संदेह नहीं कि ये इनके काफी बाद के हैं, पर इनकी ठीक-ठीक तिथि बतलाना मुश्किल है। सरकारी कामकाज में प्राकृत के उपयोग से तो यही अनुमान होता है कि ये अभिलेख ईसा की चौथी शती के पूर्वार्द्ध के बाद के न होंगे। इनमें ए (5, XX) अक्षर काफी चौड़ा है। इसमें प्रारंभिक खड़ी रेखा दायें हैं (मिला. फलक VII, 6, XI तथा आगे), ण्ड (40, XX) के ड में एक दुम है (मिला. फल. VII, 19, IV तथा आगे), त्थ (41, XIX) में नीचे का थ दायें को खुला है (मिला. फल. VII, 45, XX), लो (33, XX) में ओ की मात्रा (मिला. फल. VII,34, III, IV, XIII, XVII) फंदेदार है । ये बातें यह बतलाती हैं कि यह विकास उत्तरकालीन है । ____191. मिला. इ. ऐ. IX, 100; ए. ई. I, 1 तथा आगे। 90 For Private and Personal Use Only
SR No.020122
Book TitleBharatiya Puralipi Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGeorge Buhler, Mangalnath Sinh
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1966
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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