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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २८७ मानसिंह बीजड़ ,w ,w , २९१ ,w W,w २ विषय. पृष्ठांक. विषय. पृधांक. बलिराज २८६ नाडोलके चौहानोंका नकशा ३१५ विग्रहपाल २८६ जालोरके चौहानोंका नकशा ३१७ महेन्द्र ( महीन्दु) चंद्रावतीके देवड़ा चौहान ३१८ अपहिल्ट प्रतापसिंह ३१८ बालप्रसाद ३१८ जेन्द्रराज लुंढ (लुभा) ३१८ पृथ्वीपाल २९० तेजसिंह ३१९ जोजलदेव २९. कान्हड़देव रायपाल परिशिष्ट अश्वराज २९१ धौलपुरके चौहान कटुकराज २९३ भडोचके चौहान आल्हणदेव चौहानोंके वर्तमान राज्य केल्हण ई. स. १५० के समयका आन्ध्रों जयतसिंह २९७ । और क्षत्रपोंके राज्यका नकशा १ धाँधलदेव २९८ क्षत्रपोंके लेखों और सिक्कों आदिमें नाड़ोलके चौहानोंका वंशवृक्ष २९९ मिले हए ब्राह्मी अक्षरोंका नकशा १० (जालोरके सोनगरा चौहान) क्षत्रपोंके समयके खरोष्ठी अक्षरोंका कीर्तिपाल नकशा पश्रिमी क्षत्रपोंका वंशवक्ष ३६ समरसिंह उदयसिंह क्षत्रप और महाक्षत्रप होनेके वर्ष ३६ आबूके परमारोंका वंशवृक्ष ८४ चाचिगदेव आबूके परमारोंकी वंशावली ८४ सामन्तसिंह मालवेके परमारोंका वंशवक्ष १७६ कान्हड़देव ३०८ मालवेके परमारोंकी वंशावली १७६ मालदेव पालवाशियोंका वंशवृक्ष १९६ वनवीरदेव ३१३ सेनवंशियोंका वंशवृक्ष । रणवीरदेव ३१३ सांभरके चौहानोंका वंशवृक्ष २६२ सांचोरकी शाखा ३१४ रणथंभोरके चौहानोंका वंशवृक्ष २७८ س س س س س ३११ - For Private and Personal Use Only
SR No.020119
Book TitleBharat ke Prachin Rajvansh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishveshvarnath Reu, Jaswant Calej
PublisherHindi Granthratna Karyalaya
Publication Year1920
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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