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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी शूलाधिकार - ५५ शुलाधिकार संख्या प्रयोग-नाम प्रधान गुण । संख्या प्रयोग-नाम प्रधान गुण कषाय लेह १ अजमोदादि अनेक प्रकार के शूल | ८१५ कुबेराक्ष पाक अनेक प्रकार के शूल ३९ अश्वीपुरीष रस उदर शूल | २८५ खण्डामलकी रसा- त्रिदोषज पक्तिशूल, ५४२ एरण्ड द्वादशक सन्निपातज और एक- यन छर्दि, अम्लपित्त, मूर्छा, दोषज शूल श्वास, खांसी ५४३ एरण्ड मूलादि पसली, हृदय और रस कफज शूल २३६ अग्निकुमार (३) त्रिदोषज शूल ५४८ एलादि क्वाथ उदरशूल, कमरशूलादि | २३७ अग्निकुमार (४) शूल, हैज़ा अजीर्ण, अनेक शूल | २५३ , , मन्दाग्नि उदररोग, चूर्ण सन्निपात, अपस्मार, संग्रहणी, पांड, तिल्ली, ५० अजमोदादि सब प्रकारके शूल जिगर, क्षय, वातव्याधि शूल, अजीर्ण २७० अग्निमुख रस प्रबल शूल ४५५ इन्द्र वारुणि दुस्सह शूल ३१६ अमृत गर्भ वातशूल, पसलीशूल, ४९१ उशीरादि हृच्छुल. परिणाम शूल, वात ४९२ , वातज शूल कफरोग, ज्वर ५५२ एरण्ड मूलादि शूल, गुल्म ५५३ एरण्डादि भस्म शूल ३१८ अमृत मण्डूर वातजपित्तज, सन्निपातज ७२० कुष्माण्डक्षार और पक्तिशूल कष्ठ साध्य शूल | ५१३ उदय भास्कर(३)वातशूल गुटिका ५१८ , (८) सर्व शूल १०१ अगस्ति वटी शूल, गुल्म, कृमि, १०४८ कृष्णादि लौह परिणामशूल, त्रिदोषज तिल्ली, आमवात ३९२ आदित्य गुटिका शूल, वायु, अग्निमांद्य । १०४९ कोलादि मण्डूर वातकफजरोग, परिणाम ७६३ कुबेराक्ष वटी ८ प्रकारके शूल शूल For Private And Personal Use Only
SR No.020114
Book TitleBharat Bhaishajya Ratnakar Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
PublisherUnza Aayurvedik Pharmacy
Publication Year1985
Total Pages700
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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