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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी ३८२ वातरक्ताधिकार - प्रमेह ४७ वातरक्ताधिकार संख्या प्रयोग-नाम प्रधान गुण सख्या प्रयोग-नाम प्रधान गुण कषाय विसर्प, खुजली ५४६ एरण्डादि क्वाथ ऊर्ध्वगत वातरक्त १४७ अमृतभल्लातक वातरक्त, कुष्ठ, अनेक रोग ६३४ काकोल्यादि, १५० अमृताधवलेह कफ युक्त वातरक्त ६४१ काश्मर्यादि , पित्तज वातरक्त ६६९कोकिलाक्षादि ,, वातरक्त १६३ अमृतादि (१) वातरक्त, क्रोष्टुशीर्ष,ज्वर, चूर्ण उदावर्त ७० अमृतादि कफज वातरक्त १६५ ,, (३) वातरक्त, आमवात, कुष्ठ, अर्श आदि गुरगुल (४) वातरक्त, कुष्ठ, पांडु, १३५ अमृतादि गुग्गुलु वातरक्त, कुष्ट, व्रण, गुद रोग, आमवात, शोथ, (५) ज्वर, कास | १६७ , वातरक्त, कुठादि १३६ ,, आमवात, अम्लपित्त ७७३ कैशोर , सर्ववातरक्त, घाव, कोढ़, १८५ अमृताख्य वातरक्त, क्षत, क्षीण, गुल्म, पांडु, शोथादि योनिदोष, उन्माद, अवलेह १४६ अमृत भल्लातक वातरक्त, कुष्ठ, अर्श, । ५७५ एरण्ड तैल योग वातरक्त ४८ विरेचनाधिकार गुटिका ४६४ इच्छाभेदी रस गुल्म, उदावर्त, अर्श, __ भगन्दर आदि ११० अभयादि मोदक विषम ज्वर, पांडु,मंदाग्नि ४६५ , , गुल्म गुल्मादि बहुत रोग हुत राग । ४६६ , , रेचक ११३ , वटी ज्वर, पांडु,प्लीहा,अष्ठीला, ४६७ , , शूल, पित्तज कुष्ट,भगन्दर अम्लपित्त, अजीर्ण ,, गुटिका रेचक ,, रम इच्छानुसार दस्त लाता है ४६३ इच्छामेदी रस करकोष्ठ के लिए जुलाब | ४७० , रस उदररोग वातव्याधि For Private And Personal Use Only
SR No.020114
Book TitleBharat Bhaishajya Ratnakar Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
PublisherUnza Aayurvedik Pharmacy
Publication Year1985
Total Pages700
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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