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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalashsagarsuri Gyanmandir बप्तिः ॥१३५३ उमेश P॥१५॥ उहाइत्ता २ तत्थेव २ भुनो २ पचायाहिति, सम्वत्थवि णं सस्थवज्झे वाहवकंतीए कालमासे कालं किया जाई इमाई भुयपरिसप्पविहाणाई भवंति, तंजहा-गोहाण नउलाण जहा पनवणापए जाव जाहगाणं, तेसु अणेगसयसहस्सत्तो सेसं जहा स्वहचराणं जाव किया जाइं इमाई उरपरिसप्पविहाणाई भवंति, तं०-अहीणं अयग| राणं आसालियाण महोरगाणं, तेसु अगसपसह जाय किया जाई इमाई चउप्पदविहाणाई भवंति, सं.एगखुराणं दुखुराणं गडीपदाणं सणहपदाणं, तेसु अणेगसयसहस्स जाब किचा जाई हमाइं जलयरविहाणाहं भवंति २०-मच्छाणं कच्छमाणं जाव सुसुमाराणं, तेसु अणेगसपसह जाव किया जा इमाई चाउरिदियविहाणाई भवंति, तं-अंधियाणं पोत्तियाणं जहा पनवणापदे जाव गोमयकीडाणं, तेसु अणेगसयसह जाब किया जाई इमाई तेहंदियविहाणाई भवति, तं.-उवधियाणं जाव हथिसोंडाणं तेसु अणेगजाब किचा जाई इमाई बइंदियविहाणाई भवंति २०-पुलाकिमियाणं जाव समुहलिक्स्वाणं तेसु अणेगसपजाब किचा जाइं इमाई वणस्साविहाणाई भवंति, सं.-इलाणं गुच्छाणं जाप कुहणाणं, तेसु अणेगसय जाब पचायाइस्सह, उस्सनं चणं कड्यरुक्खेतु कडपबल्लीसु सम्वत्याविणं सस्थयजो जाव किवा जाई इमाई चाउकाझ्याविहाणाई भवंति, तंजहा-पाईणवायाणं जाब सुदवायाणं तेसु अणेगलयसहस्सजाव किया जाइं इमाई तेउवाइयविहाणाई भवंति, | सं०-इगालाणं जाय सूरकंतमणिनिस्सियाणं, तेस अणेगसयसा जाब किचा जाई इमाई भाउकाइयविहाणाई वंति,०-उस्साणं जाव खातोपगाणं, तेसु बगेगसपसहजाब पछयातिस्सा, उस्सयां पण खारोवएस्सु ARCHI For Private And Personal
SR No.020110
Book TitleBhagvati Sutram Part 05
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherHiralal Hansraj
Publication Year1940
Total Pages524
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size14 MB
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