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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra व्याख्याप्रज्ञप्तिः ॥१२३७॥ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir पोग्गलस्स दब्बओ तुल्ले, परमाणुपोग्गले परमाणुपोग्गल व इरित्तस्स दव्वओ णो तुल्ले, दुपएसिए बंधे दुपए सियस्स स्वधस्स दव्वओ तुल्ले, दुपए सिए खंधेदुपए सियवइरित्तस्स खंधस्स दव्वओ णो तुल्ले, एवं जाव दसपएसिए, तुल्लसंखेाप एसिए बंधे तुल्लसंखेज्जप एसियस्स खंधस्स दवओ तुल्ले, तुल्लसंखेजपएसिए खंधे तुल्लसंखेन परसियवइरित्तस्स धस्स दव्वओ णो तुल्ले, एवं तुल्लअसंखेज्जप एसिएवि एवं तुल्लअनंतपए सिएबि, से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं बुचड़ दव्वओ तुल्लए । से केणद्वेणं भंते । एवं वुबह खेत्ततुल्लए २१, गोपमा । एगपएसोग ढे पोग्गले एगपएसोगाढस्स पोग्गलस्स खेत्तओ तुल्ले, एगपएसोगाढे पोरंगले एगपएसो गाढव इरित्तस्स पोग्गलस्स खेत्तओ जो तुल्ले, एवं जाब दस परसोगाढे, तुल्लसंखेज पर सोगा हे० तुल्लसंखेज्ज०, एवं तुल्ल असंखेज्ज पएसोगा देवि, से तेण० जाव खेत्ततुल्लए । [प्र०] हे भगवन् ! केटला प्रकारे तुल्य कल छे ? [उ०] हे गौतम! तुल्य छ प्रकारे कहेलं छे, ते आ प्रमाणे- १ द्रव्य तुल्य, २ क्षेत्रतुल्य, ३ कालतुल्य, ४ भवतुल्य, ५ भावतुल्य अने ६ संस्थानतुल्य. [प्र० ] हे भगवन् ! द्रव्यतुल्य ए 'द्रव्यतुल्य' एम केम कहेवाय १ [उ०] हे गौतम! एक परमाणुपुद्गल बीजा परमाणुपुद्गलनी साथे द्रव्यथी तुल्य छे, पण परमाणुपुद्गल परमाणुपुद्गल शिवायना बीजा पदार्थ साथै द्रव्यथी तुल्य नथी; ए प्रमाणे द्विप्रदेशिक स्कन्ध ( बीजा ) द्विप्रदेशिक स्कन्धनी साथे द्रव्यथी तुल्य छे, पण द्विप्रदेशिक स्कन्ध द्विप्रदेशिक स्कन्ध सिवायना बीजा पदार्थ साथे द्रव्यथी तुल्य नथी. ए प्रमाणे यावत् - दशप्रदेशिक स्कन्ध सुधी कद्देवु. तुल्यसंख्यातप्रदेशिक स्कन्ध (तेना) तुल्य संख्यातप्रदेशिक स्कन्धनी साथे द्रव्यथी तुल्य छे, पण तुल्यसंख्यातप्रदेशिक स्कन्ध तुल्यसंख्यातप्रदेशिक स्कन्ध शिवायना बीजा पदार्थ साथे द्रव्यथी तुश्य नथी, ए प्रमाणे तुल्य असंख्यात प्रदेशिक स्कन्ध For Private And Personal १४ पाके उद्देशः ७ ॥१२३७॥
SR No.020110
Book TitleBhagvati Sutram Part 05
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherHiralal Hansraj
Publication Year1940
Total Pages524
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size14 MB
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