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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व्याख्याप्रज्ञप्तिः - ८ शतके उद्देशः५ ॥६५॥ - RECASH अने कायथी करतो नथी अने करनारने अनुमति आपतो नथी; १० अथवा मन, वचन अने कायथी करावतो नथी अने करनारने अनुमति आपतो नथी; ११ द्विविध द्विविधे प्रतिक्रमतो मन अने वचनथी करतो नथी अने करावतो नथी, १२ अथवा मन अने कायथी करतो नथी अने करावतो नथी, १३ अथवा वचन अने कायथी करतो नथी अने करावतो नथी, १४ अथवा मन अने वचनथी करतो नथी अने करनारने अनुमति आपतो नथी, १५ अथवा मन अने कायथी करतो नथी अने करनारने अनुमति आपतो नथी, १६ अथवा वचन अने कायथी करतो नथी अने करनारने अनुमति आपतो नथी, १७ अथवा मन अने वचनथी करावतो नथी अने करनारने अनुमति आपतो नवी, १८ अथवा मन अने काययी करावतो नबी अने करनारने अनुमति आपतो नथी, १९ | अथवा वचन अने कायथी करावतो नथी अने करनारने अनुमति आपतो नयी; २० द्विविध एकविधे प्रतिकमतो मनथी करतो नथी अने करावतो नथी, २१ अथवा वचनथी करतो नथी अने करावतो नथी, २२ अथवा कायवडे करतो नथी अने करावतो नथी, २३ | अथवा मनवडे करतो नथी अने करनार ने अनुमति आपतो नयी, २४ अथवा वचनवडे करतो नथी अने करनारने अनुमति आपतो | नथी, २५ अथवा कायवडे करतो नथी अने करनारने अनुमति आपतो नथी, २६ अथवा मनवडे करावतो नथी अने करनारने अनु|मति आपतो नथी, २७ अथवा वचनथी करावतो नथी अने करनारने अनुमति आपतो नयी २८ अथवा कायवडे करावतो नथी अने | करनारने अनुमति आपतो नी; २९ एकविध त्रिविधे प्रतिक्रमतो मन, वचन अने कायथी करतो नथी, ३० अथवा मन, वचन अने कायथी करावतो नथी, ३१ अथवा मन, वचन अने कायथी करनारने अनुमति आपतो नयी; ३२ एकविध द्विविधै प्रतिक्रमतो *मन अने बचनथी कस्तो नथी, ३३ अथवा मन अने कायथी करतो नथी, ३४ अथवा वचन अने कायथी करावतो नथी, ३५ अथवा - - - For Private and Personal Use Only
SR No.020108
Book TitleBhagvati Sutram Part 03
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherHiralal Hansraj
Publication Year1938
Total Pages212
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size12 MB
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