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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ८ शतके उद्देशः८ ॥६७२॥ जइ भंते ! अवगयवेदो वा बंधइ अवययवेदा वा, बंधति. ते भंते ! कि इत्थीपच्छाकडो बंधइ पुरिसपच्छाकडो बं० २ नपुंसकपच्छाकडो बं० ३. इत्यीपच्छाकडा बंधति ४ पुरिसपच्छाकडावि बंधंति व्याख्या ४५ नपुंसगपच्छाकडावि बं. ६ उदाहु इत्थिपच्छाकडो य पुरिसपच्छाकडो य बंधति ४ उदाहु इत्थीपच्छाप्रज्ञप्तिः कडो य णपुंसगपच्छाकडो य बंधइ ४ उदाहु पुरिसपच्छाकडो य णपुंसगपच्छाकडो य बंधइ. ४ उदाहु इस्थिप॥६७९॥ च्छाकडो य पुरिसपच्छाकडो य णपुंसगपच्छाकडो य भाणियब्वं ८, एवं एते छब्बीस भंगा २६ जाव उदाहु इत्थीपच्छाकडा य पुरिसप० नपुंसकप. बंधति ?, गोयमा ! इत्थिपच्छाकडोवि बंधइ १ पुरिसपच्छाकडोवि बं० २ नपुंसगपच्छाकडोवि बं०३ इत्थीपच्छाकडावि बं०४ पुरिसपच्छाकडावि बं०५ नपुंसकपच्छाकडावि ०६ अहवा इत्थीपच्छाकडो पुरिसपच्छाकडो य बंधइ ७ एवं एए चेव छब्बीस भगा भाणियव्वा, जाव अहवा इत्थिपच्छाकडा य पुरिसपच्छाकडा य नपुंसगपच्छाकडा य बंधंति ॥ [प्र०] हे भगवन् ! जो वेदरहित जीव या वेदरहित जीवो ऐर्यापथिक कर्मने बांधे तो शुं १ स्त्रीपश्चात्कृत (जेने पूर्व स्त्रीवद होय एवो) जीव बांधे, २ पुरुषपश्चात्कृत (जेने पूर्व पुरुषवेद होय एवो) जीव बांधे, ३ नपुंसकपश्चात्कृत (जेने पूर्वे नपुंसक वेद होय एवो) जीव बांधे, ४ स्त्रीपश्चात्कृत जीवो बांधे, ५ पुरुषपश्चात्कृत जीवो बांधे, के ६ नपुंसकपश्चात्कृत जीवो बांधे ?; ४ अथवा स्त्रीपवात्कृत अने पुरुषपश्चात्कृत जीव बांधे ? स्त्रीपश्चात्कृत अने पुरुषपश्चात्कृत जीवो बांधे ? ४ अथवा स्त्रीपश्चात्कृत अने नपुंसकपश्चात्कृत बांधे?४ अथवा पुरुषपश्चात्कृत अने नपुंसकपश्चात्कृत बांधे? ८ अथवा स्त्रीपश्चात्कृत, पुरुषपश्चात्कृत अने नपुंसकपश्चात्कृत पण कहेवा. For Private and Personal Use Only
SR No.020108
Book TitleBhagvati Sutram Part 03
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherHiralal Hansraj
Publication Year1938
Total Pages212
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size12 MB
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