SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 280
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व्याख्याप्रज्ञप्तिः उद्देशः२ ॥२७४ देवरना जाव अभिस नागया तारिसिया णं अम्हेहिवि जाव अभिसमन्नागया, तं गच्छामो णं सकस्स देवि- | ३ शतके दस्स देवरन्नो अंतियं पाउन्भवामो, पासामो ताव सकस्स देविंदस्स देवरन्नो दिव्वं देविढि जाव अभिसमन्नागयं, पामतु ताव अम्हवि सके देविंदे देवराया दिव्वं देविढि जाब अभिसमण्णागयं, तं जाणामो ताव सक ॥२७४॥ * स्स देविंदस्स देवरन्नो दिव्वं देविइिंढ जाव अभिसमन्नागयं, जाणउ ताव अम्हवि सक्के देविंदे देवराया दिव्वं देदिदि जाव अभिसमपणागयं, एवं खलु गोयमा! अरकुमारा देवा उड्दं उप्पयंति जाव सोहम्मो कप्पो। हा सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति ॥ (सू० १४८) चमरो समत्तो ॥ ३-२।। [प्र०] हे भगवन् ! असुरकुमार देवो यावत् सौधर्मकल्पसुधी उंचे जाय छे तेनु शुं कारण ? [उ.] हे गौतम ! ते ताजा उत्पन्न थएल के मरवानी तैयारीवाला देवोने आए प्रकारनो आध्यात्मिक यावत्-संकल्प उत्पम थाय छे के, अहो!!! अमे दिव्य देवऋद्धि लन्ध करी छे, प्राप्त करी छे अने सामे आणी के. जेवी दिव्य देवऋद्धि अमे सामे आणी छे, तेवी दिव्य देवऋद्धि देवेंद्र, देवराज शके पण यावत्-सामे आणी छे तेवीज दिव्य देवऋद्धि देवेंद्र. देवराज शके सामी आणी छे. अने जेवी दिव्य देवऋद्धि| देवेंद्र, देवराज शक्रे सामी आणी छे तेवीज दिश्य देवऋद्धि अमे पण सामे आणी छे. तो जइए अने ते देवेंद्र, देवराज शक्रनी पासे प्रकट थइए अने ते देवेंद्र, देवराजे सामे आणेली दिव्य देवऋद्धिने आपणे जोइए तथा देवेंद्र, देवराज शके अमे सामे आणेली दिव्य देवऋद्धिने जुए. वळी देवेंद्र, देवराज शके सामे आणेली दिव्य देवऋद्धिने आपणे जाणीए अने देवेद्र, देवराज शक्रं पण सामे पावत् दिव्य देवऋद्धिने जाणे. हे गौतम! ए कारणने लइने असुरकुमार देवो यावत्-सौधर्मकल्पमृधी उंचे जाय छे. हे भगवन् ! ते || LA. For Private and Personal Use Only
SR No.020106
Book TitleBhagvati Sutram Part 01
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherHiralal Hansraj
Publication Year1937
Total Pages330
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy