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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir असरबका साध्य असरबक्का asara bacca-प्रसारून, तगर। असह asah-हिं० संज्ञा पु. हृदय । -डिं० । म० अ० । फा० इ०२ भा०। असा aasa-अ० बलह । कसुस । असरा asara-हिं० संज्ञा पुहि० असाढ़ / असाअस aasaasa-अ साही, सेही-हिं० । प्रासाम देश के कछारों में उत्पन्न होने वाला एक खार पुश्त--फा० । ( A poreupine ) प्रकार का चावल । असाइफिल asyphil-ई० देखो-पॉज़िलेट । असरो ansari-अ० शाक भेद । ( A sort of असाउर्राई. aas aurraai १० वीजकन्द, केसरी, _vegetable ) -हिं । बतबात ( Polygonnm auricu-' असरी asari-नैग० भूतकेश, लान्दचात-गम्ब०।। lare, Linm.)। फा० ई०.३ भा० म. बेबिना । अ०। असरु: asaruh-सं० पु. भूकरम्ब, भूई, कर असाकल aasaqala -अ० कुमात म्ब। कुकुरैशोडा-बं० । (See-.bhukadarnba) असकल aasaqala ) (खुम्बी )। श० च०। (२) कुकरौंधा | A plant (Ce- | Agaricus. sia..) ... .. असाक asaqu-रू० जर्दाल । देखो-खबानी । असरेली asareli-सिंध० फरारा-पं० । छोटो असागह, asāghah-अ० अाहार अर्थात् खाद्य माई, लालं माऊ-हिं० । ( Tamarix |' एवं पेय का कंठ से नीचे उतरना । auriculata, Falil:) इं० मे० प्लां। असाग़बह, asayharbah-प्र. ओपधि का असल asala हिं० वि० [प्र. 1 शुद्ध अनुभव तथा निर्माण क्रम। बिना मिलावट का |-सज्ञा पदे० अस्ल । मलाढ़ asarha-हिं० संज्ञा पुं० [सं०] पापाद असल Asul-अस्तम्बर्दी, दख, दीस, लख, नस्न । का महीना | वर्ष का चौथा महीना। सूम, हमार, बज्रा'। Bullrush (ई. हैं. अलाढ़ी asarhi-हिं० वि० [सं० पापाद ] गा.) अषाढ़ का । -संज्ञा स्त्रो. (१)वह फसल जो अस (स.। ल asa,-s-la-अ० सरह । चेकोनदी । । अषाढ़ में बोई जाए । खरीफ़ । -1०। (Cadaba Farinosa. Forsk.) असातुनहल asatunna hal-० शहद, मधु । फा० इ० १ भा० । ई० मे० मे । देखो- Honey (Mel. ) फैरिनोसा.। सातून asatun - अ० मद्य भेद । वह सुरा जो असलम् asalam-सं० क्ली० (१) लौह । अंगूर के पानी, शहद तथा कतिपय उष्ण श्रोष Iron ( Ferrum )। (२) अस्त्र । (A धियों के योग द्वारा निर्मित होता है। weapon in general.) वै० निघ०। असात्म्यः asatinyah-स. त्रि० असला asala-हिं० संज्ञा स्त्री० सर्प भेद । असात्म्य asātmya-हिं० संज्ञा प... ) असलियत् asaliyyah-१० सलाह लरियहन । प्रकृस्यसुखावह, प्रकृति विरुद्ध पदार्थ । वह नर्म रसौली का एक भेद है जो दबाने से दब आहार विहार जो दुःस्वकारक और रोग उत्पस जाती है, किन्तु पुनः उभर पाती है। ( Soft- करने वाला हो । fibroma.)। देखो-सल्अह लरियहनह । -कला. सात्म्य विपरीत। असलिया asaliya-बम्ब०, गु० चन्द्रसूर, अह- असाध्य asādhya-हिं० वि० [स] (१) लीव । ( Lepidium sativum.) ई० प्रारोग्य होने के अयोग्य | जिसके अच्छे वा चंगे मे० मे० होने की सम्भावना न हो । जैसे-यह रोग असवः asavab-सं० पु. प्राण । जीव । असाध्य है । ( २ ) जिसका साधन न हो सके ।' न करने योग्य । दुष्कर । कठिन | For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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