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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir . .... ... - - ---- अलनपुष्पा, का ७१८ असय शिर्को (Ciitorea ternatea.) मराटी । अ० ज्ञानतन्तु-हिं० । नर्व ( Nerve. )-३० । टो० भ०। (२) पटसन, रसुनिया घास । देखो -- नाड़ी। असनपुष्पः,-कः asana-pushpah,-kah असर इश्तियाको insa ba-ishtiyaqi-१० -सं०प० षष्टिक धान्य जाति भेद । साठी भेद। असव अश्फाकी । यह मस्तिष्क की चतुर्थ नाड़ी है सु० सू०४६ १० । जो मस्तिष्क से प्रारम्भ होकर नेत्र में चनु के असनमल्लिका asana.malliki- स्त्रो० वक्रोल पेशी में समाप्त होती है। पैथेटिक नर्व रामसर-हिं० । हापर माली -बं० । (Echitos ( Pathetic nerve. )-80 dichotoma.) ई० मे० मे० । देखो-भद्र- असब ज़ाजि अ aashiba-zajia-अ० अम: बुर्रियड् वल्मिन दह , असब मुहय्यरह , लौटने असना isana-गु० । असगंध, अश्वगंधा । वाला पुट्टा । आमाशय फुफ्फुसीया नाही, अस्त असन Asana " ( Withania 80- व्यस्त बोधतन्तु । ( Pneumogastric mnifera.) ई० मे मे०। nerve, : Vagus nerve. ) -हिं० संज्ञा पु. [सं० प्रशन ] एक । | असव जोको aasa ba-zouqi-अ० असब लिसानी व बलऊनी, जिह्वाकण्ठनाड़ी। (G15वृक्ष जो शाल की तरह का होता है । इसके हीर | .. ssopharyngeal nerve.) की लकड़ी हद और मकान बनाने के काम आती | असबनुखाई इज़ाफ़ा aasaba-nukhaai. हैं तथा भूरापन लिए हुए काले रंग की होती है। २. izifi-अ० सौ गुम्न सहायक नाड़ी । (Spi. इस पेड़ को पत्तियाँ माघ फाल्गुन में झड़ जाती _nal accussory nerve.)-इं० । हैं। पीतशाल वृक्ष । 'Terminalia tomen असब बस री aasaba bagri-० असबनूरी, tosa, Bedd. ) असब मुजव्वक्र, असबह, मुजव्वफह, । चाक्षुषोया। असनादिगणः asanadi ganah-सं० पु.. नाड़ी, पालोक सम्बन्धी माड़ी, देखने की नाही, .पीतशाल', ति नश, भोजपत्र, पूतिकरञ्ज, खदिर दृष्टिनाडी । (Optic nerve.) सार, कदर (खेरसारकी प्राकृतिवाला श्वेतसार), | सब मुजब्बफ aasaba-mujavvafa-अ. शिरिष, शीशम, मेष,गी, त्रिहिम ( चन्दनत्रय . असबह, मुजन्वफ्रह । (Optic nerve.) अर्थात् श्वेत, रक व.पीत चन्दन ), ताड़, ढाक, ... देखो-असब बस री। अगर, वरदारु, शाल, सुपारी, धवपुष्प, इन्द्रयव, सबवजिही aasaba-vajilhi-१० मौखिको अजकर्णी और. अश्वकर्णी । - नाड़ी । ( Facial nerve.) गुण-ये श्विन कुष्ठ,कफ, कृमिरोग पाण्डुरोग, असब वर्की कबीर aasa ba-varki-kabira प्रमेह तथा मेद सम्बन्धी दोषों को दूर करते हैं। __-अ० अ.वह परीजह, महा कटिनाड़ी (Grवा० सू०१५ १०: :. eat sciatic nerve.) असंताप asan tāpa-सं० वि० संताप या वेश असब वर्की सगीर aasabt-varki-saghरहित । अथव०। .... । ira-अ० लघु कटि नाडी । ( Small scia. tic nerve. ) असन्धानकर asandhāna-kara-हि. वि. पुसंधान निवारक। असब शम्मो ansabi.shay mi-अ० उ. स्वतु. . शम्म । प्राण नाड़ी । ( Olfactory neप्रसन्न asanna-अ. कक्ष दुर्गन्धि । वह मनुष्य rve.) . जिसके कक्ष से दुर्गन्धि पाती हो। असब शिर्को aasaba-shirki-अ० असव असब aasab-१० ( ए० घ० ) अश साब . हमदर्दी । पिंगल नाड़ी। (Sympathetic (ब०व०) पै, पुट्टा-उ० । नाड़ी, बोध तन्तु, nerve.) For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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