SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 81
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org श्रगडा श्रगड़ा agadá-हिं० संज्ञा पु ं० (देश) ज्वार बाजरे श्रादि अनाजों की बाल जिसमें से दाना झाड़ लिया गया हो । खुखड़ी, अखरा । अगण agana - हिं० वि० जिसकी गिनती न हो । श्रगति agati - हिं० संज्ञा स्त्री० [सं० ] ( १ ) गति का उलटा ( २ ) स्थिर व अचल पदार्थ | श्रगतिक agatika - हिं० वि० [सं०] निराश्रय जिसकी कहीं गति वा पैठ न हो । श्रगतो agati-हिं० संज्ञा स्त्री० ( १ ) चक्रमर्दक, चकौड़ | दद्रुघ्न | दादमर्दन | Cassia tora ( २ ) | अगस्तिया, अगस्त, ( Agati Grandiflora.)। ३६ कोलॉजी (Toxicology. ) - इ० यह शल्य आदि अष्टविध तन्त्रार्न्तगत वैद्यक का एक अंग विशेष है। जिसमें सर्प बिच्छू आदि के त्रिप से पीड़ित मनुष्य की चिकित्सा का विधान हो । सु० सू० १ ० । वह शास्त्र जिसमें विषों के वर्गीकरण, उनके मनुष्य शरीरावयवों पर होने बाले प्रभाव एवं लक्षण तथा उपचार और चिकित्सा व गढ़ प्रभृति का पूर्ण विवेचन किया जाय । अगद्नध्यम् agada-nasyamn-सं० क्लो०, सर्पदं प्रभृति विषयक नस्य विशेष, विष के नस्य(Sternutatoly used in snake poisoning ) सु० कल्प० । श्रगदाञ्जनम् agadanjanam - संo, क्लीo, विष द्वारा मूच्छित हुए प्रभृति का अंजन, विषधन. अंजन ( Collyrium used as antidote to poison. ) सु० करप० । andiflora श्रगनिया, अगस्त का पेड़, अगस्त्य वृर । अगद agada - हिं० संज्ञा पुं० ) ( १ ) रोग रहित अगदः agadah-सं० पु० J Healthy ( २ ) औषध । ( Medicine ) रा० नि० Agati Gr- अगदेश्वरः agadeshvarah -सं० पु० योगशुद्ध गंधक १ भाग, पारद १ भाग, मैनशिल १ भा०, वर्क चांदी १ भाग, हरताल १ भाग, शुद्ध अभ्रक भस्म गंधक का चौथाई भाग, चूर्ण कर इसमें हंसराज, घिकुँआर और नीबू के रस की सौ भावना दें फिर श्रातशी शीशी में रख बालुका यंत्र द्वारा ३२ पहर की च दें। मात्रा - चना प्रमाण । व० २० । अगन्ति agatti-ता० गु०, मला० हिं० श्रगस्तिया श्रगस्त्य वृक्ष | Agati Grandiflora. श्रगतीहून agatihúna सं० पु० एक दवा है जो मय जड़ और पत्तों के ज्वर में दी जाती है । मु० श्र० श्रगथिया agathiya-हिं० श्रगथियो agathiyo-गु० श्रगदम् agadam सं० क्ली० ( १ ) आरोग्य, स्वस्थ, निरोग ( Healthy ) रा० नि० ० २० वा० उ० ३५ श्र० ( २ ) प्रति - विष, विषघ्न श्रौषध - हिं० फ़ांदे ज़हर - फा० । तिर्याक - अ० । Antidote- इ० । श्रगदङ्करः agadnkarah अगदङ्कारः agadņkárah अगदतंत्र agada tantra अगदतन्त्रम्agada-tantram J - सं०, पुं० वैद्य चिकित्सक ({A physician. ) |रा० नि० ब० २० । सं० क्ली० विप चिकित्सा विषयक तन्त्र, निखिल स्थावर व जङ्गम विष चिकित्सा; विष तन्त्र ( शास्त्र ) । इल्मुस्सम्मियात् इल्मुस्सुम्म प्र० । टॉक्सि Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रगना गुण - यह उचित अनुपान से प्रत्येक रोगों को नष्ट करता है | २० यो० सा० । अगन aghana o मिनमिना वह व्यक्ति जो नकिया कर बात करे । श्रनazana - हिं० संज्ञा स्त्री ( १ ) दे० अग्नि । ( २, ३० श्रगण | 0 अगन चश्मानोका agana-chashmánokáहिं० पु० तशी शीशा, सूर्य- कान्त-मणि, अग्नि-गर्भ ( The sun-stone ) - इं अग़नश aghanasha-थम०, हजार, नौसादर, For Private and Personal Use Only नृसार । ( Ammonii chloridum ) श्रगना agana-उ० प०सु० धामन । मे मो
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy