SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 787
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अविसी अवीर होगा बाइलिम्बाई नि० व०६ । (२) निर्विषी तृण, निर्बिसी, अत्री(वे)ना ऑरिएण्टैलिस avena orien. निर्विषी घास । वै० नि । (२) एक जड़ी। talis-ले० विलायती जौ, जई, खरताल । जद्वार । यह माथे के समान होती है और प्रायः । प्रवी(वे)ना प्युवोसेन्स avena pubescens, हिमालय के पहाड़ों पर मिलती है। इसका कंद L.-ले० यह एक प्रकार की घास है जो चारा के अतीस के समान होता है और साँप बिच्छू आदि। काम पाती है । मेमो० । के विष को दूर करता है। ( Curcuma श्रीवे)ना प्रैटेन्सिस avena pratensis, zedoaria. ) Linn-ले० एक प्रकार की घास है जो चारा के अविसी avisi--ते० अगस्त । अगस्तिया (Agati | काम आती है। grandiflora.) अविसोढ़म् avisodha'--सं० क्ली० अवि. अवी(वे)ना फैचुश्रा avena. fatua, Linn. क्षीर, भेड़ी का दूध । -ले० कुल्जुद, गन्दल, जेई-हिं० । गोजंग, कासम्म अविनम् avisram-सं० त्रि० पूति-गंधरहित, अपवा-पं० । प्रयोगांश-पौधा । उपयोग-औदुगंधि रहित । (Avoid of ill-smelling.) षध व खाध (पशु)। मेमो० । चलचि०२०। प्रवी(वे)ना सेटाइवा avena, sativa,Linn. अवी avi--सं० (हिं० संज्ञा ) स्त्री० (१) वन -ले० जौ, विलायती जौ-हिं । एक प्रकार की कुलस्थ, बन कुलथी । Dolichos biflorus घास है जो आहार व पशुओं के चारा के काम में ( The wild var. of--) र. मा०। (२) पाती है। मेमा। ऋनुमतो स्त्री, रजस्वल्ला स्त्री। ( A woman-प्रवी(धे)नीन averin-ई० श्रवीना वीज सत्व । during menstruation.) हे०च० । देखो-जई । ई० मे० मे० । अवीकम् avikam--तु० फेफड़ा, फुफ्फुस । (The अवी मूत्रम् avinātram-सं० क्लो. मेषी का lungs. ) __ मूत्र, भेड़ी का मूत्र | च० द०। प्रवीकुस aviqus--अज तारुत्तीय,नख । ( See-- ___nakha.) अवीरई avirai-ता० तरवड़-हिं०, द०। प्रवीन avighna-सं० बुक्का वृक्ष । See अधीरम् aviram-मल. (Cassia auri. Bunká. Titi avíri-aro culata, loinn.) प्रवीज धर्मी avija-dharmmi-सं०त्रि. जो __ई० मे० मे० । फा० ई० १ भा० । वीज धर्मी न हो अर्थात् वह जिसमें बीज रूप अवीरनो aviraghni-सं० जो जीवन का नाश होकर कोई पदार्थ न रहे । वह श्रात्मा है। क्योंकि ___ करे । अथर्व । बीजरूप होकर कोई पदार्थ जीवात्मा में नहीं रहतेअवीर होमा एसिडा averrhoa incida-ले. किन्तु प्रकृति में रहते हैं इससे यह पुरुष (आत्मा) हरफारेवड़ी। बीज धर्मी नहीं है । सु० शा० १ अ.। | अवार्र होश्रा करम्बोला . verrhoa caram. प्रवीजो avija-सं० (हिं० संज्ञा स्त्री० गोस्तनी bola, Linn.-ले० करमल-हिं । कामराँगा के समान गुणबाली द्राक्षा, किशमिश बे दाना । -० । कमुरुङ्ग-सं० । खमरक, करमर-बम्ब० । Raisin, currant (uve) | भा०। खमक-द० । तारिया-ता० । करोमोगा-ते। देखो-अंगूर। प्रयोगांश-अपक्क फल, पत्र और मूल । उपप्रवीदुग्धम् avidugdham-सं० क्ली० मेपी । योग-रंग, औषध और खाद्य । मेमो०। दुग्ध, भेड़ी का दूध | च० द० । प्रवीर होश्रा बाइलिम्बाई averrhoa. biliप्रवीना avina- एक बूटी का निचोड़ है (बूटी mbi, Linn.-ले० बिलिम्बी-बं०, हिं० । के सम्बन्ध में मतभेद है)। ___उपयोगांश-पुष्प व फल भक्ष्य हैं। मेमो०। For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy