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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अलम्बस्ती अलक मात्रा-४-१० मा० । अनुपान-पूर्वोक्त । अलम् वजह alam-vajha-१० मुखमंडलीय गुण--पूर्वेक । वग०से०सं० श्रामवात चि० ।- वेदना, चेहरे का दर्द । प्रोसोपैल्जिया ( Proso. अलम्बोद्ध स्तनो alamborddhastani-सं० *** palgia )- 1 त्रि० जिसके स्तन न लम्बे और न ऊर्ध्वमुखी अलम् वारक alam-varik-१० नित अलम वरिक alam-varik-१० नितम्ब शूल, अर्थात् ऊँचे हों। सु० शा० १० अ०। चतड़ का दर्द। इस्किऐल्जिया (Ischialgia) अजम्बोष्ठी alamboushthi-सं० त्रि० | जिसके अोष, लम्बे न हों। सु० शा० १० अ०। अलम् शरसीफ़ alam-sharāsif-अ. प्रामा. अलम् मजरी बोल-alam-ma.ji f-boul-१० शयिक द्वार के आस पास की पीड़ा । एपिगैस्ट्रै. FEAT (Epigastralgia )-roll मूत्रप्रणालीस्थ वेदना, मूत्र नाली का दर्द ।। दर्देनाइज़ह-फा० । यूरेथैल्जिया ( Urethra- | अलम् शर्ज alam-sharja अ० गुदशूल, गुदाकी lgia)-ई०। वेदना । रेक्टैल्जिया ( Rectalgia)-ई। अलम् मफ़ साल alam-ma fsal-अ. संधि- अलम् स.दी alam-sadi-अ० चूचुक शूल । दर्दे शूल, जोड़ का दर्द । श्रार्थं लिजया ( Arth- पिस्तान, चूचीका दर्द-30 ।मस्टैरिजया (Masralgia.)-इं०। talgia )-'01 अलम मबैज alam mabaiza-अ० डिम्बा- | अलम् हालिब alam-halib-ऋ० गविन्यु शूल | शयिक शूल, डिम्बाशय सम्बन्धी पीड़ा । प्रोव- दर्दै हालिब-फा० । यूरेटरैल्जिया (Ureteraरैल्जिया (Ovaralia.)..इं० । ____lgia)-ई. । प्रलम मरी alam-mari-अ० अन्नप्रणालीस्थ | अलयाs alayaa-यू०, रू० सिब, मुसब्बर, वेदना, श्राहार पथका दर्द । ईसॉफैगैल्जिया (Es- कुमारीसारोद्भवा । (Ales.) ophagalgia.)-इं०। अलयन alayāna-यु० शेर, सिंह । (A अलम् मसानह alan-inasanah--अ. . lion.) वस्ति शल, मूत्राशयिक वेदना। सिस्टैल्जिया | अलयूह alayāh-यू. जैतून । ( Olive.) (Cystalgia. )-इं०।। अलरा alari-ता०, मल० कर्वीर, कनेर । (Ner. अलम् मिअदह alam-miadah-अ० प्रामा- ___ium odorum.) ई० मे० मे०। , शय शूल, श्रामाशयिक वेदना, मेद का दर्द। अलर्कः alarkah-सं० पु० अर्क, सफेद, मदार, - गैस्ट्रैल्जिया (Gastralgia)-इं०। मन्दार, श्वेत पाकन्द-बं०। (Calotropis अलम् रहिम,-रिह, alam-rahim, rih-१० gigantea or procera,' अर्क of जरायुस्थ पीड़ा, गर्भाशयिक वेदनाः। मेट्रैलिजया white flowers.) भा० पू०१ भा०। (Metralgia ), fefefeftar: ( Hys- मे० कत्रिक० । मन्दार । हेमा० अलर्कादि व०। teralgia )-sol मन्दारार्क | रा०नि० व० १० "मलको अलम् रास alam-ras-१० शिरःशूल, शिरो- मन्दारार्कः यस्य क्षीरं न विनश्यति"| सु० स० व्यथा, शिर का दर्द । सिफेलै ल्जया ( Cepha- ३० प्र० अर्कादि, ड०। श्वेत पुष्पीय मन्दार । : lalgia'), हेडेक (Headache)-ई। वा० सू० १५ १० अर्कादिव. अरुणः । मलम् रुकबह, alam-ruk bah-१० घटने का "अर्कालकौं नागदन्ती विशल्या ।" योगोन्मादित दर्द । गोनैल्जिना ( Gonalgia)-1।। कुक्कुर । मे० कत्रिक० । (२) कुक्कुर ज्वर । मलम् लि स्लान alam-lissan-१० जिह्वाशूल,. (Hydrophobia) हा० अत्रि. २ स्थान । ज़बान का दर्द । ग्लोसैल्जिया (Glossalgia) २ ०। (३) पागल कुत्ता। . | अल alarka-सं० सोलेनम् ट्रिलोबेटम् (Sola For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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