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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अम्राज खास सह ५२६ अम्राज़ मजारी. अम्राज़ खास्सह amraz-khassah-अ०खास साधारण बीमारियाँ जो प्रत्येक अवयव (मिश्रित खास रोग, स्थानिक रोग, वे रोग जो खास खास व अमिश्रित) में उत्पन्न हो सकें. जैसे-किसी अवयवों में ही उत्पन्न हुआ करते हैं, जैसे- अवयव में विच्छेद अर्थात् विश्लेष या पार्थक्य वधिरता कान तथा अंधता आँख में ही उत्पन्न का उपस्थित हो जाना । विस्तार के लिए देखोहोती है। लोकल डिज़ीज़ेज़ ( Local | तफ़ल्क इत्तिसाल वा मर्ज तफ़ल्क इत्ति. Diseases. )-इं० । साल। अम्राज़ खिल्कत amraz-khilqat-अ. वे अम्राज़ तर्कीब amraz-tarkib-अ० देखो रोग जिनमें विकृतावयव की रूपाकृति परिवर्तित मर्ज तीव। हो जाए। अम्राज़ तारिय्यह, amraz-tariyyah-अ० अम्राज़ गैर मुसल्लमह, amraz-ghair-mu. ये वस्तुतः छूतदार (संक्रामक ) बीमारियाँ हैं जो sallamah-१० वे रोग जिनके उचित दो प्रकार की होती हैं-(१) वह जो किसी एक तथा उपयुक्त उपाय में कोई बात रोधक हो। कुटुम्ब या स्थान में सीमित हों, उनको अम्रा ज़ नोट-यह शब्द अम्रा ज़ मुसल्लम का विप- वाफ्रिजह और अंग्रेजी में एन्डेमिक डिज़ीजोज़ रीनार्थक है। ( Endemic-diseases) कहते हैं और अम्राज़ जुज़इय्यह amraz-juziyyah-अ० (२) वह जो किसी जाति अथवा स्थान में न - सखसाध्य, वे रोग जिनकी चिकित्सा प्रासान हो।। हों, वरन् सामान्य तौर पर व्याप्त हो जाएँ, (Easy to cure.) उनको अम्रा जा तबइय्यह. तथा अंग्रेजी में एपिअम्राज़ जहरिय्यह, amraz-zuhriyyah डेमिक डिज़ीज़ेज़ (Epidemic disea-अ० अम्रा ज़ जुह रह, जुह रह की बीमारियाँ । ses) कहते हैं। इसका संकेत उपदंश व सूज़ाक की ओर है। अम्राज फसिलय्यह amraz-fasliyyah-अ. काम व्याधि, जननेन्द्रिय सम्बन्धी रोग, गुप्तरोग। वे व्याधियाँ जो किसी विशेष ऋतु या फसल वेनरियल डिज़ीज़ज़ ( Venerial Dise में होती हैं, जैसे-मौसमी ज्वर । ases)-इं०। __ नोट-चूँ कि प्राचीन यूनानियों का यह अम्राज़ बलदिथ्यह. amraz-baladiyyah .-अ० वह बीमारियाँ जिनका सम्बन्ध किसी विश्वास था, कि जब सीतानी लोगों ने उनके विशेष स्थान या देश से हो । एन्डेमिक डिजीज़ेज़ ऊपर चढ़ाई की, तो उनकी मुहब्बतकी देवी वीनस (Endemic Diseases)-इं० । (शुक्र ) यानी जुह रह ने उन आक्रमणकारियों में दण्ड स्वरूप उपदंश व सूज़ाक की प्याधि | अम्राज़ बसीतह. amraz-basitah-१० उत्पन्न करदी । इस कारण उक्त दोनों व्याधियाँ देखो-अम्राज़ मुरिदह, । अम्रा ज़ जुह रह के नाम से अभिहित हो गई। अम्राज़ बह रानिय्यह. amraz-buhrani सूचना-विशेष विवरण हेतु देखो-उपदंश व yyah-अ० वह बीमारियाँ जो बुह रान में सूज़ाक । इन्तिकाल मजके तौर पर पैदा हों, जैसे-पांत्रिक अम्राज तजावीफ amaz-tajavif-अ० वे रोग ज्वर के पश्चात् फुप्फुस प्रदाह या वृक्तप्रदाह जिनमें तजावीत अर्थात् शारीरिक स्रोत अपनी अथवा उन्माद प्रभृति का हो जाना । क्रिटिकल प्राकृतिक अवस्था से छोटे, बड़े या अवरुद्ध हो डिज़ीज़ज़ (Critical Diseases)-इं। जाएँ, जैसे-आमाशय का सिकुड़ना या फैल अम्राज़ मजारी amraz-ma.jari-अ. शारीजाना। रिक अर्थात् शरीर की रग एवं नालियों की-बीमाअम्राज़ तफ़र्रुक इत्तिसाल amraz-tafalru- रिया, वह बीमारियाँ जिनमें शारीरिक प्रणालियाँ q-ittisāl-अ० अन्ना ज़ इन्हि लालुल फ्रर्द । वह संकुचित अथवा प्रसारित या अवरुद्ध हो जाए। For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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