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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अमोनियाई काबीनास ५०७ अमोनियाई कानास करने से पूर्व अमोनिया कार्ब के टुकड़े पर जो श्वेत चूर्ण लगा होता है उसको खुरच डालना चाहिए। प्रभाव-व्याप्तोत्तेजक, श्लेष्मानिस्सारक, वामक और अम्लहर (ऐण्टेसिड)। मात्रा--३ से १० ग्रेन (२० से ·६५ ग्राम) उत्तेजक व कफनिस्मारक रूप से और ३० ग्रेन ( २ ग्राम ) वामक रूप से । यह लाइकर अमोनियाई एसिटेटिस, लाइकर अमोनियाई साइटे, टिस, स्पिरिटस अमोनी ऐरोमैटिकस और विज़्मथ कार्ब तथा निम्नांकित योगों के निर्माण में काम आता है : ऑफिशल विपयरेशन (योग) (Official preparations.) (१) लाइकर अमोनियाई एसिटेटिस Liquor ammonii acetatis-ले० सोल्युशन अॉफ अमोनियम एसिटेट Solution of ammonium acetate, feTFIT 71 मिण्डीरर Spirit of Minderer--इं०। शुक्रित अमोनियम द्रव-हिं० । सय्याल खुल्लातुनौशादर, अर्क अमोनिया सिर्कादार, शराब मिंदरीर । रासायनिक सूत्र जिसमें सम्पूर्ण द्रवका द्रव्यमान पूरा एक पाइंट हो जाए । इसमें लगभग ६% अमोनिया होता है। मात्रा-२ से ६ फ्लुइड डाम(७.१ से २१.३ घन शतांश मीटर)। प्रभाव-मूत्रल और स्वेदक । (२) लाइकर अमोनिया साइट्रेटिस Liquor ammonia citratis.-toi सोल्युशन योफ अमोनिम साइट्रेट Solution of ammonium citrate.-इं० । निम्बु. कित अमोनिया द्रव-हिं० । सय्याल सत्रातुनौ. शादर, अर्क अमोनिया लेमूनी-ति० । निर्माण-विधि-अमोनियम कार्बोनेट २॥॥ - अाउस वा आवश्यकतानुसार, साइट्रिक एसिड (निम्बुकाम्ल ) २॥ पाउस, परिस्रुत जल आवश्यकतानुसार । साइट्रिक एसिड (निम्बुकाम्ल ) को पाँच गुने परिघुत जल में विलीन करके फिर उसमें अमोनियम कार्बोनेट मिलाकर उसको उदासीन (न्युट्रल ) करले और फिर उसमें इतना और परिघुन जल मिलादे जिसमें कुल द्रव एक पाइंट होजाए। इसमें लगभग १६०/ अमोनिया होता है। रासायनिक सूत्र (NH4 ) 3 CG H , OF प्रभाव-मूत्रल । मात्रा-२ से ६ फ्ल.इड ड्राम (७१ से २१.३ घन शतांशमीटर )। नोट-इसको सदा हरित वर्ण के बोतलों में रखना चाहिए। NH, C, H, 09 नोट-सन् १६२२ ई० में सर्व प्रथम मिण्डीरर महोदय ने, जो ड्यूक ऑफ बेवारिया के सर्वोत्कृष्ट चिकित्सक थे, इस औषध का निर्माण किया था । श्रस्तु, इसे उन्हीं के नाम से अभिहित किया गया। निर्माण-विधि-प्रमोनियम कार्बोनेट १ पाउंस, एसिटिक एसिड (शुक्काम्ल) और परिस्रत वारि प्रत्येक आवश्यकतानुसार । अमोनियम कार्बोनेट को दसगुने परित्त जल में विलीन कर ! के फिर उसमें एसिटिक एसिड (शुक्राम्ल ) सम्मिलित कर उसे न्युट्रल (उदासीन) कर ले। बाद को उसमें इतना परिघुत जल और मिलाएँ (३) स्पिरिटस अमोनी ऐरोमैटिकस Spiri. tus ammonia aromaticus-ले०। ऐरोमेटिक स्पिरिट अाफ़ अमोनिया Aromatic spirit of ammonia, स्पिरिट ऑफ सैल वालेटाइल spirit of Sa! Volatile-इं। सुवासित अमोनिया सुरा-हिं० । रूहु नौशादर तय्यब, रूह नौशादर मुअत्तर,रूह मिल हु,त्तय्यार -ति। For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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