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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अमरुत अमराई नाड़ी,फूल । भैष०स्त्री०रो० (१४) नाभिनाल । आसन का पेड़ ( Terminalia Tomनाभि का नाल जो नव-जात बच्चे से लगा रहता entosa. ) । सज । सग । पियासाल है। (१५) सेहुँइ, थूहर । एक पेह जिससे एक प्रकार की चमकीली गोंद (१६) नीली कोयल । बड़ा नील का पेड़ निकलती है। इस गोंद को सुगंधके लिए जलाते (१७) बरियारा । (१८) बरगद की एक छोटी हैं और संथाल लोग इसे खाते भी है। इसकी जंगली जाति । छाल से रंग बनता है। और चमड़ा सिझाया अमराई amarai-हिं० संत्रा स्रो०, [सं० जाता है और जलाने में वर्ता जाता है। इसमें आम्रराजि ] श्राम का बाग़, बगीचा, श्राम की से लाही निकलती है और इसके पतियों पर arzt (A garden of mango trees.) रेशम का कीड़ा पाला जाता है। -पं० पबना, मोरेड़। अमरीके का सुमाक amarike-ka-sumaqa अमरापातन amala-pātana-हिं० खेड़ा गि • द०, सुमाके अमरीकह् ( Cesalpinia राना । ___Coriaria, Wild.) स० फा० इं० । अमरापातन-विधिः-(1) कडुई तुम्बी, अमरूत amarāta-हिं० संज्ञा पुं॰ [सं० अमृत साँपकी काचली, सफेद सरसों, कडुश्रा तेल, (फल)] अमरूद (Psidium Guyava, योनि में इनकी धूनी देने से अमरा (खेड़ी) गिर Linn. ) दी ग्वावा The Guava. ई० । जाती है । जामविही ( मध्यभारत और मध्य प्रदेश में ) (२) कलिहारी की जड़ पीसकर हाथ, पाँव पेरुक, पेरूफल ( दक्षिण में )। रुन्नी ( नेपाल में लेप करने से खेड़ी गिरती है। तराई में)। सफरी, अमरूद (अवध में)। (३) पीपर श्रादि का चूर्ण मद्य के साथ लताम (तिहुँ त में )। दृढ़वीजं, पेरुक, मांसलं पीने से खेड़ी गिर जाती है। अपृथक त्वचं, अमरूद, जांबफलं, वलं, मृदुभैष० र० स्त्री रोग चि०। पीतक', अम्रूत फलम् मधुराग्लक, तुवर, अमृत अमरालकः amarālakah-सं०० अम्बाड़ा, फल-सं० । प्यारा -बं० । रक और श्वेत भेद से श्राम्रातक । (Spondias mangifera.) अमरूत दो प्रकार का होता है। (ये एक ही अमराव amarava-[ सं० अाम्रराजि, हिं० जाति के दो भेद हैं) अमराई ] श्राम की बारी। श्राम का बगीचा | मधुरियम्-प्रासा०। अमुक-नेपा० । अमअमराई। रूत-40 । पेराला-बम्व०। जाम्ब-मह०। अमराहम् amarāhvam-सं० क्लो० देवदारु सेगापु, कोश्रया-ना० । जाम-ते० । सीवी काष्ठ । Cedrus Deodara (Wood -कना०। मालकाटवेंग-बर० । अम्रद-अ०। of.-) वा० सू० १५ एलादि० अरुणः । -फा० । "शुक्रियाघ्रनखोऽमराहमगुरुः।" (१) रक्त. अमरूद, लाल अमरूत । अमरी amari-सं० स्त्री० नील दूर्वा, हरी दूब सीडियम पॉमिफर्रम् Psidium Pomife (Cynodon Linearis.)। (२) कृष्ण rum, Linn. (Fruit of- Red Guनिर्गुण्डी, नीला सँभालू ( Vitex Negu- ava)|रक्र अमरूद फलम्, रक बहुबीज ndo, Black var. of-) । (३) फलम्-सं०। लाल सफरी प्राम, लाल सफरी, qaaf (Sanseviera Roxbur. लाल जाम-द०। लाल प्यारा, लाल गो पाछि ghiana.)। वै० निघ० । -मल०, । (४) फल-बं०। अचूदे अहमर, कुम स्स रा-अ०। नील वृक्ष ( Indigofera Indica.)। अनुदे सुर्ख-फां० । ( वेल्लई ) शिवप्पु -प्रासा०,-हिं० संज्ञा स्त्री० [सं०] (१)। गोरयाप-पज़म, सेगापु, कोय्यापलम्-ता० । ५६ For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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