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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भबिद्ध अबोलीमिया अबिद्ध abiddha-हिं० वि० [सं० अविद्ध । | (Pure fresh blood )।-रसायनी. अनवेधा । बिना छिदा हुअा । देखो-प्रविद्ध । पारद (Hydralgyrum.) अविद्धकर्णी abiddhakarni-हिं. संज्ञा स्त्रो० अबीर aabira-अ०, हिं० (१) अभ्रक (Tale)। देखो-अविद्धकर्णी । (२) यौगिक सुगंधित चूर्ण ( An arom. अबिरल abirala-हिं० वि० देखो-अविरल । atic compound poirder ) कोई कोई अबोकमा abiquma -अ० कनी भ्रमवश केशर को कहते हैं । स० फॉ० ३० । सूफो sufi निका के अबीर abira-हिं०संज्ञा पु० [अ०] [वि०अबीरी] वाह्य पटल का व्रण जो ऐसा प्रतीत होता है कि (१) रंगीन बुकनी जिसे लोग होलीके दिनो' नेत्र के ऊपर एक छोटा सा सफ़ेद ऊन (पश्मे में अपने इष्ट मित्रों पर डालते हैं। यह प्रायः सफ़ ) का टुकड़ा रक्खा है। इसी कारण इसको लाल रंगकी होती है और सिंघाड़े के आटेमें हल्दी सूफी भी कहते हैं । अल्सर श्रॉफ कॉर्निया और चना मिलाकर बनती है। अब अरारोट और (Ulcer of cornea)-इं०। विलायती बुकनियो से तैयार की जाती है । अबीज़ एक्सेल्सा abies excelsa-ले० गुलाल । लालसिरस हिन्दी, लाहुली, लाली (मारदारी) (२) कहीं कहीं अभ्रक के चर्ण को भी जिसे -हिं० । मेमो०। इसका गोंद औषध तुल्य काम होली में लोग अपने इष्ट मित्रों के मुख पर में आता है। मलते हैं अबीर कहते हैं । बुक्का । अबीज़ कनाडेन्सिस abies cannadensis (३) श्वेत रंग की सगंध मिली बकनी जो -ले० शूकरान । हेमलॉक (Hemlock ), बल्लभ कुल के मंदिरो में होली में उड़ाई जाती स्पस (Spruce)-इं० । See- Shukrana. अयोरी abiri-हिं० वि० [अ.] अबीर के रंग AITETAAT a.bies dumosa, Loudon. का । कुछ कुछ स्याही लिए लाल रंग का । -ले० चङ्गथासी धूप-नेपा० । तंगसिंग-भूटा। __ संज्ञा पु० अबीरी रंग। सेमडंग-लेप०। प्रयागांश-राल और गोद । खोरमायहabira-mayah-अ० एक सुगंधित मेमो०। यौगिक औषध है जो चन्दन, गुलाब और अयोज़ खटगे abios khatro-ले० रातियानज ___ कस्तूरी से बनाई जाती है। राल, धूप । ( Resin. ). अबीरी abiri-अ० हब्बुल पास, विलायती मेहदी, श्रबीज द्राक्षा abija-draksha-सं० स्त्री० बर्ग मोरद । (Myrtus Communis ). किशमिश । (Raisin). मेमो०। अबीज़बालसेमी abies balsame-ले० अबोलस abilasa । -अ० बालसम । स. sarb J उदरच्छदा Falsafagrar abies webbiana, Lindl. कला। प्रोमेण्टम (Omentum ), एपिप्लून -ले० तालीसपत्र-हिं० । ( Himalayan | (Epiploon )-ई। Silver Fir ) फा० इं० ३ भा०, अबोलीमिया abilimiya-अ० बुरे प्रकार की मेमो०; ई० मे० मे० । मृगी जिसमें प्रारम्भ हो से सम्पूर्ण शरीर में अबोज़ स्मिथिभाना abies smithiana,Forr. तनाव उपस्थित होता है। विपरीत इसके अन्य bes.-ले. राव, सिरस-हिं० । रेवड़ी, बनलूदर प्रकार की मृगी रोग में तनाव मृगी के अधीन -पं०, हि । See - shirisha होता है। स्टेटस एपिलेप्टिकस ( Status अवी.त् aabit-अ0 (1) शुद्ध ताजा रक ।। epilepticus )-RO! For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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