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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३६ , अपात अपहा. apahā-अपहा ( प्रत्यय) हन्ता, मार | (४) ग्रीवा से ऊपर के मर्मों में से उक्र नाम के ... डालने वाला । हत्यारा, हिंसक, वधिक । ( Ki- दो मर्म विशेष । सु०. शा० ६ ० (५) ller, -cide ). . 'आँख की कोर ( या कोना.), नेत्र कोण, कटाद । अपक्ष apaksha-हिं० वि० (१) पक्ष रहित, ... (Corner of an eye)। (६) दोनों नेत्रों के निःसाहाय्य (helpless) । (२) पंख रहित । | - बाहर की ओर भौवों की पुच्छीके नीचे उन नामके अपक्षिप्त apakshipta-हिं० वि० [सं०] /... दो मर्म हैं । वा० शा० ४ ०। (७-० लट. (१) अपक्षेपण की क्रिया द्वारा पलटाया बा | ... जीरा, अपामार्ग, चिर्चिा । ( Achyran. फेका हुा । (२) फेका हुश्रा | गिराया हुश्रा || . .. . thes aspera.). .. पतित । अपाङ्गकः apangakah-सं० पु. अपामार्ग अपक्षेपण apakshepana-हिं० संज्ञा पु -तुप, चिर्चिटा-हिं० । पापा-बं० । (Achy [सं.][वि अपक्षिप्त ] फेकना । पलटाना । ranthes aspera.) ले०।२० २०। (२) गिराना, च्युत करना । ( ३) पदार्थ | अपाङ्गकबूलम् apangaka-mālam-सं०क्ली० विज्ञान के अनुसार प्रकाश ( तेज) और शब्द की | देखो-अपाङ्गमल । गति में किसी पदार्थ से टक्कर खाने से व्यावर्शन | अपाङ्गमूल apangamāla-बं० अपामार्ग की होना, प्रकाशादि का किसी पदार्थ से टकरा कर | जड़ | Achyranthes aspera (Root पलटना । ( ४ ) वैशेषिक शास्त्रानुसार पाकुचन, | |... of-). . प्रसारण प्रादि पाँच प्रकार के कर्मों में से | अपाङ्गदर्शन apanga-darshana-हि० पु. एक । तिरछी नजर से देखना । ( Aside glaअपाकः apākah-सं० पु० ) . nce, a lee1', a wink.). .. अपाक apāka-हिं० संज्ञा पु० अपाङ्गया apāngya सं० स्त्री० ( Zygoma: (Indigestion ) अजीर्ण, अपच । (२) ___tico arbital) - पाकाभाव ( कच्चापन ) । Immaturity | अपाचीनम् apāchinam-सं• क्ली० दूर करना । - (३) उदरामय । आँव, पाम | नष्टकरना । अथवं । अपाकरण apakarana-हिं० संज्ञा पुं० अपादवम् apatavam-सं० क्ली० . -- [सं०][वि० अपाकृत ] | पृथक्करण | अलग | अपाटव aparava-हिं• संज्ञा पुं... करना। (१) अपाटव, रोग, बीमारी । (A disease); अपाकशाकम् apakashakam-सं० क्ली० ।। ' (२) जाड्य, जड़ता, शीतलता | (Anestheअपाकशाक apākashāka-हिं० संज्ञा पु. | sia.) रा०नि० व० २० । (३) बादा, भूख । अदरक, आद्रक, अादी । श्रादा-बं० । पाले- ( Hunger')। (४) मद्य, शराब । (५) - मह । ( Green ginger ) रा० नि० पटुताका अभाव । अकुशलता अनाड़ीपन । (६) घ०६। अचंचलता | मंदता सुस्ती । (७) कुरूपता । . अपाङ्गः apangah-सं० वि० बदसूरती। अपाङ्ग apanga-हिं० वि० वि० (१) रोगी, बीमार । (२) जड़ । (१) अंग भंग,अङ्गहीन (Crippled)। मे०। (३) भूखा । (४) अपटु, अनाड़ी । (५) संज्ञा पु. (२) Canthus ( The .. अचंचल । ( ६ ) कुरूप। ... outer corner of the eye ) नेत्र अपात apata-सं०. वनराज ( Bauhinia. प्रान्त । रा०नि० व० १८ । (३) तिलक | तिल | .... racemosa; Lam., Hook. eler) फॉ (Sesamum Indicum) मे गत्रिकम् । ई.१ भा० ५३७ पृ०।-हि०वि० पत्रशून्य । For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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